सुप्रीम कोर्ट की टीम के सामने खामी छिपाने की मशक्कत करते रहे स्कूल

मचा रहा हड़कंप, फोन पर दूसरे स्कूलों को देते रहे टीम की लोकेशन

ALLAHABAD: परिषदीय स्कूलों में स्वच्छता और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा की हकीकत जानने दूसरे दिन निकली सुप्रीम कोर्ट की टीम के सामने स्कूल खामी छिपाते नजर आए। एक स्कूल में तो टायलेट का निरीक्षण करने जा रहे टीम मेंबर को टीचर ने यह कहते हुए रोकने का प्रयास किया कि प्लीज वहां न जाएं बड़ी गंदगी है। टीम ने टोका तो तर्क दिया कि साफ कराया था, बच्चे बार-बार गंदा कर देते हैं। निरीक्षण से हड़बड़ाए स्कूल टीचर्स एक दूसरे स्कूल्स को फोन पर टीम की लोकेशन भी बताते रहे।

दूसरे दिन 20 स्कूलों का निरीक्षण

सुप्रीम कोर्ट से विद्यालयों के निरीक्षण के लिए आयी दो सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को नगर क्षेत्र के साथ ही दो अन्य ब्लाकों के कुल 20 स्कूलों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मिड डे मील, पाठ्य पुस्तकों की उपलब्धता व शौचालय की साफ सफाई आदि की जानकारी ली। हालांकि अन्य दिनों की अपेक्षा शुक्रवार को स्कूलों के शौचालय में विशेष रूप से साफ सफाई की व्यवस्था दुरुस्त दिखाई दी। टीम सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक गुप्ता व गौरव अग्रवाल ने नगर क्षेत्र के एलनगंज प्राथमिक व जूनियर स्कूल का निरीक्षण किया। टीम ने मिड डे मील रजिस्टर, शिक्षक व बच्चों की उपस्थिति रजिस्टर की पड़ताल की। स्कूल में बने शौचालय व पेयजल व्यवस्था देखी।

बजट की कमी है सर

इसके बाद टीम पुराना कटरा प्राथमिक व जूनियर स्कूल पहुंची। टीम सदस्य गौरव अग्रवाल ने सहायक शिक्षिका स्मिता श्रीवास्तव से शौचालय की सफाई कराने की व्यवस्था के बारे में पूछा। यहां भी पहले दिन की तरह ही जवाब मिला कि कोई अतिरिक्त बजट नहीं होने से व्यक्तिगत धन से ही शौचालय की सफाई करायी जाती है। पेयजल के संबंध में पूछे जाने पर स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि बच्चों को हैंडपंप से बच्चे पानी पीते हैं। यहां पर टीम करीब पंद्रह मिनट शिक्षकों से मिड डे मील, पाठय पुस्तक समेत कई बिंदुओं पर बातचीत की।

सर रोज होती है शौचालय की सफाई

परिषदीय स्कूलों में शौचालय आदि की सफाई के लिए गई जांच टीम दोपहर में धूमनगंज स्थित प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय हरवारा पहुंची। जांच टीम को देखते ही क्लास के बाहर खड़ी शिक्षिकाएं अपने क्लास में चली गई। टीम ने शौचालय व पेयजल व्यवस्था देखी। टीम के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने प्रधानाध्यापिका गीता देवी त्यागी से पूछा कि शौचालय की सफाई के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा प्रतिदिन सफाई करायी जाती है। टीम के सदस्य गौरव अग्रवाल से शौचालय की सफाई देखने चले टीचर ने बताया कि शौचालय साफ नहीं है। कारण पूछा तो टीचर ने बताया कि बच्चों की अधिक संख्या के कारण शौचालय बार-बार गंदा हो जाता है। बताया कि व्यक्तिगत धन से ही सफाई करायी जाती है।

ये महिलाएं कौन हैं

परिसर में खड़ी पांच महिलाओं के बारे में सीनियर अधिवक्ता ने पूछा तो उन्हें एडी बेसिक रमेश कुमार ने बताया कि यह रसोइया हैं। प्रधानाध्यापिका ने बताया कि प्राथमिक में 133 बच्चे हैं और पूर्व माध्यमिक कन्या में 103 छात्राएं पंजीकृत हैं। इसके बाद टीम वहां से निकल कर फाफामऊ प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल का निरीक्षण कर शौचालय व पेयजल सुविधा की पड़ताल की। मऊआइमा ब्लाक, सोरांव ब्लाक क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय हरिरामपुर, प्राथमिक विद्यालय विशुनदास का पुरा, प्राथमिक विद्यालय थरवई व जूनियर और प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूल मटियारा का जायजा लिया। टीम के सदस्यों ने बताया कि सुप्रीमकोर्ट को 28 नवंबर को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।