MEERUT : वारदातें हो रही हैं. खुलासे भी हो रहे हैं. लेकिन कुछ वारदात ठंडे बस्ते में चली गईं. लंबे समय बाद भी इनका खुलासा नहीं हुआ. न कातिल का पता चला न ही कत्ल करने की वजह का. किसी केस में पैरवी की गई. किसी में कोशिश भी नहीं की गई. पुलिस ने इनवेस्टिगेशन में ढील देकर हत्यारों और लुटेरों की मदद की. यही कारण है कि कई मामले आज भी अपने खुलासे का इंतजार कर रहे हैं.

CASE 1

20 मार्च 2012. थाना सिविल लाइन। पुलिस लाइन के एक क्वार्टर में कांस्टेबल प्रदीप उर्फ पिंटू रहता था। उसका पुलिस लाइन में अपने ही घर में कत्ल कर दिया गया। चार दिन तक उसकी लाश घर में बेड के बॉक्स में पड़ी रही, सड़ती रही। इर्द-गिर्द रहने वाले पुलिसकर्मियों ने जब बदबू की शिकायत की, तो लाश बरामद हुई। बदायूं में तैनात प्रदीप सस्पेंड चल रहा था। पुलिस लाइन में ही पुलिस कांस्टेबल के कत्ल के बाद ढाई माह बाद भी पुलिस पता नहीं लगा पायी उसे कौन मार गया, कब मार गया, क्यूं मार गया? ब्लाइंड मर्डर में पुलिस ने कत्ल को अवैध संबंध या रंजिश जैसे पहलुओं से जोडक़र देखा और कातिल की खोज की। लेकिन आज तक भी कातिल का और कत्ल की वजह का सुराग नहीं मिल पाया।

 

एक के बाद एक घटना हो जाती है। इसमें काम करते हैं तो दूसरा मामला सामने आ जाता है। इस केस में भी लगे पड़े हैं। एक दिन खुल जाएगा।

- राहुल मिठास, सीओ सिविल लाइन

CASE 2

 

24 फरवरी 2011. थाना लालकुर्ती। डीआईजी आवास के पास गोल्डन सर्किल चौराहा स्थित मकान नंबर 161 में 45 वर्षीय बबीता चौधरी अकेली रहती थी। बबीता के मकान पर चढऩे वाली सीढिय़ों का दरवाजा दो दिन से बंद था। बबीता का भाई पृथ्वीराज सिंह मिलने आया तो उसने दरवाजे पर ताला लगा पाया। ताला तोडक़र जैसे ही दरवाजा खोला गया तो बबीता की बॉडी सीढिय़ों पर पड़ी थी। बबीता चौधरी के गले पर वार किया गया और जब उसकी सांसे नहीं थमी तो हत्यारों ने उसके सिर पर ईंटों से वार किया था। आज तक भी इस कत्ल में पुलिस एक सीढ़ी भी नहीं चढ़ पाई। कातिल का कोई सुराग नहीं लगा। बबीता के बेटे और भाई ने पैरवी भी की लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।

इस मामले में कई बार पूछताछ की गई है, लेकिन कोई लाइन क्लियर नहीं हो सकी। इस कारण मामला पेंडिंग चल रहा है।

- मनीषा सिंह, सीओ सदर

CASE 3

 

30 मई 2012. थाना उल्देपुर रोड से आते हुए बाइक सवार दो संदिग्ध लोगों को चेकिंग के दौरान पुलिसकर्मी प्रदीप कुमार ने रोकने की कोशिश की थी। जिसमें ये बदमाश गच्चा देकर भाग निकले थे। लेकिन आगे जाकर एक खेत में जा फंसे थे। जहां उन्हें पकडऩे के लिए पुलिस वाले ने काफी मशक्कत की थी। लेकिन ये बदमाश फायरिंग करते हुए बाइक छोडक़र पुलिस वाले की बाइक लेकर फरार हो गए थे। इतने दिन बाद भी इस मामले में पुलिस बदमाशों तक नहीं पहुंच पाई है। इनको खोजने की काफी कोशिश की गई। मगर ये बदमाश पुलिस के हाथ नहीं चढ़े। जबकि इन बदमाशों की फोटो अखबार में छपी थीं।

 

 

बदमाश ट्रेस हो गए थे। नाम भी मिल गए। ये मुजफ्फरनगर के थे। लेकिन अभी तक ये बदमाश पकड़ में नहीं आए हैं। कोशिश की जा रही है।

- राहुल चौधरी, एसपी सदर देहात

 

CASE 4

 

एक फरवरी 2012. गंगानगर के मकान नंबर डी-81 में सरधना एसडीएम के पेशकार सुखबीर की पत्नी बिमलेश का मर्डर उनके ही घर पर रसोई में कर दिया गया था। बिमलेश के सिर और मुंह पर हथौड़े से वार किया गया था। कातिल ने जाते-जाते रसोई में खून को पानी से धो डाला। हत्या के निशानों पर पानी डाल दिया। हथौड़े को भी धोकर पास में रख दिया गया था। सुखबीर के अनुसार घर की सेफ से 88 हजार रुपए भी गायब बताए गए थे। इस केस में आज तक पुलिस कातिल तक नहीं पहुंच पाई। ना ही यह केस खोल पाई है। यह केस भी ठंडे बस्ते में है।

आए दिन एसओ चेंज हो रहे हैं। अब मैं आया हूं। पंद्रह दिन से इस मामले में लगे हुए हैं। सीडीआर और सुबूतों की जांच की जा रही है। जल्द ही इसका खुलासा हो सकता है।

- तेज सिंह यादव (आईओ), एसओ इंचौली.

 

CASE 5

 

31 मई 2012. मिमहेंस अस्पताल के पास से टाटा मोटर्स फाइनेंस के चौदह लाख रुपए लूट लिए गए। इस लूट में अभी तक भी पुलिस लुटेरों तक नहीं पहुंच पाई है। उन बदमाशों पर लूट करने की आशंका जताई जा रही है जिन्होंने कुछ समय पहले एक्सिस बैैंक के 33 लाख लूटे थे। क्योंकि इनमें अभी दो बदमाश बाहर थे। जो पुलिस की पकड़ से दूर है। तलाश जारी है, लेकिन लुटेरों के बारे में कोई खास इंफोर्मेशन नहीं है। पुलिस का दावा है कि बदमाशों तक पुलिस पहुंच गई है। जल्द खुलासा हो जाएगा।

बदमाशों को ट्रेस कर लिया गया है। नए बदमाश हैं। सोमवार को इसका खुलासा हो जाएगा.

 राहुल मिठास, सीओ सिविल लाइन

Posted By: Inextlive