हर साल वन महोत्सव के दौरान लाखों की संख्या पौधों का रोपण कर शहर की हरियाली बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। लेकिन अनदेखी के चलते हर साल लाखों पौधे पनपने से पहले ही मर जाते हैं लेकिन अब ऐसा नही होगा। पौधों की पूरे साल भर निगरानी के लिए पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा जारी किए गए हरीतिमा एप को लांच किया गया है। इसके जरिए पौधरोपण के बाद उसका आंकलन किया जा सकेगा।

मेरठ (ब्यूरो)। इस मोबाइल एप से पौधरोपण अभियान की रियल टाइम जिओटैगिंग की जाएगी। साथ ही इसके जरिए पिछले वर्षों में रोपित पौधों में से कितने जीवित बचे हैं उसकी भी जानकारी किसी भी स्थान पर बैठे अधिकारी को एक क्लिक में मिल जाएगी। मोबाइल पर हरीतिमा एप डाउनलोड करने के बाद अब जिओटैगिंग मिनटों में हो जाएगी।

बढ़ेगा हरियाली का दायरा
हरियाली का दायरा बढ़ाने के लिए इस साल वन विभाग को 30 लाख़ पौधे लगाने का लक्ष्य मिला है। इसके तहत आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर प्रत्येक ग्राम सभा, ग्राम पंचायत, नगर पंचायत, नगर पालिका व नगर निगम चयनित स्थलों पर अमृत वन स्थापित कर फोटो के साथ रियल टाइम जिओटैग भी कर रहा है। ऐसे में हरीतिमा एप के जरिए जिओटैगिंग का सारा काम आटोमैटिक हो जाएगा। फोटो खींचते ही तस्वीर सर्वर पर फोटो अपलोड हो जाएगी और इसे गूगल अर्थ पर आसानी से देखा जा सकेगा। हरीतिमा एप के जरिए जिओटैग करने पर उसका डाटा डैशबोर्ड व अफसरों के मोबाइल पर भी आ जाएगा। इसमें तीन मीटर तक का सटीक डाटा अपलोड होगा इससे पौधरोपण स्थल तक पहुंचना आसान हो जाएगा।

नही चलेगी लापरवाही
हरीतिमा एप से के चलते इस बार कागजों पर ही पौधारोपण नहीं हो पाएगा, विभागों को धरातल पर पौधरोपण कर हर पौधे की सरकारी एप से जिया टैगिंग करानी होगी। लाखों पौधों का ब्योरा हरीतिमा एप पर अपलोड करना होगा। एक-एक पौधे की लोकेशन इसमें दर्ज होगी। किसने पौधा लगाया, पौधा सड़क से कितनी दूरी पर है, पौधे की प्रजाति, फोटो, स्थल पर कितने पौधे और जियो टैगिंग सटीक और पारदर्शिता के अनुसार होगी। ऐसे में विभागीय स्तर पर पौधारोपण और उसके रखरखाव में किसी प्रकार की लापरवाही नही होगी।

पौधारोपण अभियान में किसी प्रकार की लापरवाही ना हो और पौधों का ब्यौरा आसानी से उपलब्ध हो जाए इसके लिए यह एप लांच किया गया है। विभाग द्वारा सभी पौधों की जियो टैंगिग लगातार की जा रही है।
राजेश कुमार, डीएफओ

Posted By: Inextlive