शहर में रविवार के दिन अगर आपकों डॉक्टर्स इंजीनियर्स एकाउंटेंट और अन्य प्रोफेशनल्स की टोली झाड़ू और पेंट ब्रेश लिए लेकर सड़क दीवार या पार्क का कायाकल्प करती दिखे तो समझ जाइएगा कि ये कोई और नहीं बल्कि पहल एक प्रयास संस्था की टीम है।

मेरठ (ब्यूरो)। दरअसल, शहर के प्रसिद्ध सीनियर फिजीशियन डॉ। विश्वजीत बैैंबी की यह संस्था पिछले आठ साल से शहर की सड़कों की तस्वीर बदलने में जुटी हुई है। टीम चौराहों और पार्कों की तस्वीर बदलने का काम भी बाखूबी कर रही है। एमडी मेडिसिन डॉ। विश्वजीत बैंबी ने बताया कि उन्होंने भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होकर शहर के सौंदर्यीकरण का जिम्मा उठाया है। ये टीम वर्क है लेकिन जब ये विचार दिमाग में आया तो मैैं अकेला था। मगर धीरे-धीरे कई लोगों ने मेरी इस पहल को अपनाया और आज 1100 लोगों की टीम मेरे साथ खड़ी है।

मेंटल हेल्थ सुधारने का प्रयास
डॉ। बैैंबी ने बताया कि सौंदर्यीकरण से मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होता है, इसलिए सफाई और कूड़ा उठाने के बाद दीवारों को रंगीन करके उसे आकृतियों से सजाकर एक तरह से हम लोगों के मानसिक स्वास्थ्य सुधारने का प्रयास कर रहे हैैं। हमारी संस्था पहल एक प्रयास 26 जनवरी 2014 से शहर में काम कर रही है। हर रविवार को हमारी टीम शहर के किसी न किसी क्षेत्र का चयन कर सुबह-सवेरे वहां पहुंचती है और ढाई घंटे से तीन घंटे में उस क्षेत्र का कायाकल्प करने का प्रयास किया जाता है।

मन की बात में दिखाया काम
डॉ। बैैंबी ने बताया कि हमारी संस्था का काम तीन बार पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम में दिखाया जा चुका है। हमारी टीम में आज डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड एकाउंटेंट, एडवोकेट, एंटरप्रेंयोर, टीचर्स समेत स्टूडेंट्स की संख्या सबसे अधिक है। इसके साथ ही हमारे ग्रुप में पहल के सदस्यों की संख्या करीब 1100 तक पहुंच गई है।

408 स्पॉट्स की बदली सूरत
अब तक करीब 408 स्पॉट पर हमारी टीम ने काम करते हुए साफ-सफाई से लेकर पेटिंग तक का काम किया है। हम लोग एक स्पॉट चिह्नित करके वहां सफाई करते हैं। इसके बाद उसके आसपास के पार्क या अन्य सार्वजनिक भवन की दीवार को पेंट कर उन पर कलाकृतियां बनाते हैं। कूड़े को अपनी गाडिय़ों में भरकर डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचाते हैं। हमारी संस्था की ब्रांच अब मोदीनगर, हापुड़ और भदोही तक खुल चुकी है।

स्वच्छता बनाती है निरोगी
डॉ। बैैंबी ने बताया कि पेशे से मैं एक डॉक्टर हूं और मेरा कर्म है कि मरीजों का इलाज करना। मगर उससे पहले मेरा कर्तव्य यह भी है कि लोगों को बीमारियों के बारे में जागरूक करूं ताकि वह निरोगी रह सकें। स्वच्छता ही एक ऐसा उपाय है जिससे शरीर को निरोगी बनाया जा सकता है। एमबीबीएस में प्रीवेंटिव मेडिसिन नामक एक विषय होता है, जिसमें मेडिकल स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाता है कि बीमारियों को कैसे दूर रख सकते हैं। इसलिए यह पहल संस्था का मोटो भी स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत है।

Posted By: Inextlive