महापौर ने नगर आयुक्त के खिलाफ खोला मोर्चा

आखिर कब खत्म होगी ये लड़ाई

- पार्षदों का धरना दूसरे दिन भी जारी, हंगामा

- सोमवार से नगर निगम तालाबंदी का ऐलान

Meerut। नगर निगम में महापौर और नगर आयुक्त के बीच टकराव बढ़ गया है। जल निगम की फाइलों को लेकर शुरू हुआ टकराव उपाध्यक्ष का चुनाव कैंसल होने के बाद सड़क पर आ गया। अब पार्षद धरने पर बैठे हैं तो महापौर नगर आयुक्त से जवाब तलब कर रही हैं। पार्षदों ने सोमवार को नगर निगम में तालाबंदी करने का ऐलान किया है।

पार्षदों ने लगाया आरोप

धरना स्थल पर पार्षदों ने एक फ्लैक्स भी लगा रखा है। उस पर लिखा है कि नगरायुक्त की जन विरोधी व तानाशाही नीतियों के खिलाफ ये धरना-प्रदर्शन है। आरोप है कि उपाध्यक्ष चुनाव के बाद जो कार्यकारिणी की बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी थी, जिसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं था। इसीलिए उपाध्यक्ष चुनाव को रद किया गया।

किस नियम से चुनाव रद किया

महापौर सुनीता वर्मा ने नगरायुक्त मनोज चौहान को पत्र भेजकर जवाब मांगा है कि आखिर उन्होंने किस नियम के तहत चुनाव रद किया, क्योंकि ये अधिकार सिर्फ महापौर के पास ही है।

घपले ही घपले

महापौर ने कहा कि जल कल विभाग की बात हो या फिर नगर निगम की डिपो की। हर जगह घपले और घोटाले हैं। 6 फरवरी को उन्होंने जलकल विभाग का औचक निरीक्षण किया, वहां काफी खामियां मिलीं थी। उन्होंने जो पत्रवालियां मांगीं, वो आखिर अभी तक क्यों नहीं दी गई।

महापौर ने मांगा ब्यौरा

महापौर सुनीता वर्मा ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर सूरजकुंड, दिल्ली रोड और कंकरखेड़ा वाहन डिपो में कुल कितने वाहन हैं, कितने कर्मचारी हैं इसका ब्यौरा मांगा है। 2017-18 के बजट में वाहनों की मरम्मत एवं रखरखाव के व्यय पर डेढ़ करोड़ का बजट निर्धारित किया गया था। लेकिन एक करोड़ 94 लाख रूपये आखिर कैसे खर्च कर दिए गए।

नगर आयुक्त रहते हैं बाहर

महापौर ने कहा कि शनिवार और रविवार को मुख्यालय से अक्सर नगरायुक्त बाहर रहते हैं। लेकिन उन्हें इसकी जानकारी क्यों नहीं दी जाती। 33 करोड़ हाउस टैक्स वसूली का लक्ष्य रखा गया और नगर निगम ने 31 जनवरी तक जो 15 करोड़ रूपये वसूले। उसकी वसूली में 4 करोड़ रूपये खर्च कर दिए गए, इसका ब्यौरा दिया जाय।

नगर आयुक्त तानाशाह की तरह काम कर रहे हैं। जोकि बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वह भाजपा के दबाव में काम कर रहे हैं।

रविंद्र, पार्षद वार्ड 18

नगर आयुक्त ने बिना सूचना के चुनाव स्थागित कर दिया। कम से कम एक दिन पहले सूचना देनी चाहिए। नगर आयुक्त को इसका जवाब देना होगा।

सुमित बौद्ध, पार्षद वार्ड 5

Posted By: Inextlive