14580 रुपए प्रति किलोवाट को बढ़ाते हुए 18000 रूपया प्रति किलोवाट अनुदान किया गया 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले भवनों के लिए सोलर प्लांट अनिवार्य


मेरठ ब्यूरो। एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड-2018 के तहत 500 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल के भवनों के लिए सोलर प्लांट जरूरी हैं। इसका सबसे बड़ा मकसद सोलर एनर्जी के प्रयोग को बढ़ाकर बिजली खपत कम करना है। ऐसे में नेडा समेत एमडीए और विद्युत विभाग की कवायद के चलते तेजी से सोलर ऊर्जा का उपयोग शहर में बढ़ता जा रहा है। इसके चलते इस वित्तीय वर्ष में 1.5 मेगा वॉट सोलर कनेक्शन विभाग जारी कर चुका है। वहीं, मेडिकल कालेज समेत कई बिजलीघर, रेलवे स्टेशन, रैपिड स्टेशन तेजी से सोलर प्लांट के जरिए संचालित हो रहे हैं। 1.5 मेगा वॉट के सोलर कनेक्शन
गौरतलब है कि वर्तमान में तेजी से लोग सोलर प्लांट लगा रहे हैं। सभी स्थानों को मिलाकर अब तक करीब 1.5 मेगा वॉट सोलर कनेक्शन नेडा जारी कर चुका है। इसके तहत 315 आवासीय सोलर कनेक्शन इस वित्तीय वर्ष तक जारी हो चुके हैं। इसके अलावा मेडिकल कालेज में भी शहर के सबसे बड़े 1.5 मेगा वॉट सोलर कनेक्शन प्लांट का उदघाटन इस माह किया जा चुका है। पीवीवीएनएल के सभी बिजलीघरों समेत सिटी रेलवे स्टेशन पर सोलर प्लांट लग चुके है। सोलर बिजली का मिल रहा पैसा खास बात यह है कि नियमानुसार 500 वर्ग मीटर से अधिक के भवन में सोलर प्लांट लगवाना अनिवार्य है। इसके तहत भवन के मानचित्र में इसका जिक्र करना जरूरी होता है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि पॉवर कट की समस्या के साथ बिजली के बिल में कमी आएगी। यदि सोलर से उत्पन्न बिजली उपयोग कम हो रहा है तो सोलर प्लांट की जो बिजली बचेगी वह उसी लाइन से पावर ग्रिड को चली जाएगी। यदि पूरे प्रयोग के बाद भी कुछ यूनिट पावर ग्रिड के पास आपके बचे रह गए तो उसका भुगतान प्रति यूनिट दो रुपये के हिसाब से उपभोक्ता को किया जाएगा। इस प्रकार कर सकते हैं आवेदन


- यूपी नेडा से 285 कम्पनियों को वेंडर के रूप में अधिकृत है। - यह पांच साल तक अपने उपभोक्ता को सर्विस देंगे। - इस यूनिट को लगवाने के लिए जो टेंडर रेट है वह 70 हजार रुपया प्रति किलोवाट है। - यदि कोई तीन किलोवाट क्षमता की यूनिट लगवाता है तो उसे दो लाख से दस हजार रूपये देने होंगे। - यह पैसा संयंत्र लगवाने वाले उपभोक्ता के द्वारा वेंडर को दिया जाएगा। - इसके बाद उस संयंत्र को लगवाने का जो बिल प्राप्त होता है, उसे पोर्टल पर अपलोड करना होता है। - अपलोड करने के बाद यूपीनेडा मुख्यालय स्तर से सब्सिडी उपभोक्ता के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर होता है। केंद्र सरकार भी दे रही सब्सिडी सोलर पैनल लगवाने पर केंद्र सरकार भी सब्सिडी दे रही है, जो कि अब तक 14, 580 रुपया प्रति किलोवाट थी लेकिन इस माह 5 जनवरी को इस सब्सिडी में इजाफा करते हुए सरकार ने 18000 रूपया प्रति किलोवाट कर दिया गया है। इस तरह से यदि तीन किलोवाट का संयंत्र लगा है, तो करीब 54 हजार रुपया संबंधित डिस्कॉम के माध्यम से उपभोक्ता के खाते में आ जाता है।

अब सब्सिडी को बढ़ाकर 18 हजार रुपया कर दिया गया है। मेडिकल कालेज में सबसे बडे सोलर प्लांट का उदघाटन हो चुका है। 1.5 मेगावॉट कनेक्शन जारी किए जा चुका है। सैकड़ों आवेदन कतार में हैं। - प्रशांत भूषण शर्मा, परियोजना अधिकारी नेडा

Posted By: Inextlive