इस ऐप में बहुत सारे ऐब
-अवैध निर्माणों को लेकर ऑनलाइन कार्रवाई पड़ी ठप
-अब मैन्युअल चालान कर रहे जेई, अपलोडिंग में भी प्रॉब्लम अवैध निर्माणों को लेकर ऑनलाइन कार्रवाई पड़ी ठप -अब मैन्युअल चालान कर रहे जेई, अपलोडिंग में भी प्रॉब्लम Meerut Meerut : अवैध निर्माण पर लगाम कसने के लिए मेरठ विकास प्राधिकरण का ऑनलाइन इनफोर्समेंट केस मैनेजमेंट सिस्टम (ईसीएमएस) लांचिंग के बाद से ही ठप पड़ा है। गत दिनों ख्7 नंवबर को कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने इस ऑनलाइन चालान सिस्टम को लांच किया था। अवैध निर्माणों के खिलाफ सीलिंग और ध्वस्तीकरण के लिए प्राधिकरण उपाध्यक्ष राजेश कुमार पाण्डेय के निर्देशन में इस सिस्टम को तैयार किया गया था। काम नहीं कर रहा सिस्टमगौरतलब है कि गत दिनों प्राधिकरण उपाध्यक्ष के निर्देशन में ईसीएमएस को बनाया गया था। प्राधिकरण की आधिकारिक वेबसाइट को अपग्रेड करने के साथ-साथ इस एंड्रायड बेस्ड सिस्टम को वेबसाइट से लिंक किया गया। सिस्टम की खूबी यह है कि इंजीनियर या प्राधिकरण का कोई भी कर्मचारी चाह कर भी अवैध निर्माणकर्ता को राहत नहीं दे सकता है। एमडीए में ट्रायल के बाद सिस्टम की औपचारिक लांचिंग ख्7 नंवबर को की थी। लांचिंग के बाद से ऑनलाइन ऐप को इंस्टाल करने में जूनियर इंजीनियर को परेशानी हो रही थी। वहीं अवैध निर्माण की डिटेल और फोटो क्लिक करके अपलोड करने में दिक्कत हो रही है। फिलहाल ऐप के काम न करने से प्रवर्तन विभाग के जूनियर इंजीनियर एक बार फिर अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में मैन्युअल चालान जारी कर रहे हैं।
इनसेट इस तरह करेगा काम बता दें कि अब तक अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई के दौरान जूनियर इंजीनियर (जेई) मैनुअल चालान काटते थे। जोनल कार्यालय से कभी चालान अवैध निर्माणकर्ता तक पहुंचता था, कभी फाइलों में दबा दिया जाता था। कभी-कभी तो चालान वाली फाइल तक गायब कर दी जाती थी। अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई में हीलाहवाली पर एमडीए ने ऑनलाइन इन्फोर्समेंट केस एंड मैनेजमेंट सिस्टम को लागू किया। अवैध निर्माण के चालान काटने से लेकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई तक सबकुछ ऑनलाइन होगा, ऐसा दावा लांचिंग के दौरान प्राधिकरण के अधिकारियों ने किया था। --- ऐप के संचालन में आ रही दिक्कतों को दूर किया जाएगा। एमडीए के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को अलर्ट किया गया है। ऑनलाइन ऐप के संचालन के दौरान जेई अवैध निर्माणों के खिलाफ चालान की प्रक्रिया पूर्ण कर दे रहा है किंतु वह जोनल अधिकारी अथवा असिस्टेंट इंजीनियर के लॉगिन पर शो नहीं हो रहा है।-प्रवीना अग्रवाल, सचिव, एमडीए
--- अब तक हुई कार्रवाई बता दें कि मेरठ विकास प्राधिकरण में एक बार ईसीएमएस सिस्टम को लांच करने के बाद अवैध निर्माणों के खिलाफ ऑफलाइन (मैन्युअल) कार्रवाई पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। प्राधिकरण की अधिकृत वेबसाइट पर इस दौरान के अवैध निर्माणों की डिटेल को अपलोड किया गया, जो इस प्रकार है क्भ्ब्8-रिपोर्ट क्ब्म्भ्-कारण बताओ नोटिस क्फ्फ्9-निर्माण रोको आदेश क्ख्8म्-थानाध्यक्ष को पत्र म्फ्ख्-निर्माणकर्ताओं द्वारा अनापत्ति ख्ब्ब्-सीलिंग आदेश ब्-मुकदमा आदेश फ्ब्भ्-ध्वस्तीकरण आदेश क्ब्9-न्यायालय में क्-कम्पाउंडिंग एप्लीकेशन