Meerut : आर्मी अपनी लैंड को बचाने की कवायद शुरू कर दी है. जिसके लिए वो सिविल एडमिनिस्ट्रेशन की मदद लेने की तैयारी में है. आर्मी ऑफिशियल की माने तो दोनों ओर के सहयोग से इस मुश्किल से निजात पाई जा सकती है. इसलिए ऑपरेशन को आर्मी ने 'सहयोग' दिया है. ताकि दोनों ओर से एक भावना जागृत हो सके.


चार गेट से होगी शुरूआतमेरठ छावनी में आर्मी ने शुरुआती दौर में चार स्थानों पर गेट लगाकर आवाजाही को नियंत्रित करने का फैसला किया है। फौज का तर्क है कि ये सभी आम रास्ते नहीं है। जनता के नाम पर कुछ चुनिंदा लोग ही इसका लाभ उठाते रहते हैं। जो स्थान चिह्नित किए गए हैं उनमें मकबरा डिग्गी से कैंट की ओर आने वाला रास्ता प्रमुख है। इस क्षेत्र में कैंट की जमीन पर अतिक्रमण भी लंबा-चौड़ा है। दूसरा स्थान चार्जिंग रैम मेस के पास की राह है। वेस्ट एंड रोड से कटने वाली गलियों से निकलकर लोग इस रास्ते से औघडऩाथ मंदिर मार्ग पर चले आते हैं। यहां पर चार्जिंग रैम और सैनिक अस्पताल के अफसर मेस के साथ कई सैन्य इकाईयां भी हैं।ओजीबी में अवैध पार्किंग
तीसरा गेट भूसा मंडी के पास लगाए जाने की योजना है। भूसा मंडी के पास से बड़ी संख्या में ट्रकों की आवाजाही होती है। ऐसे में फौज इस प्रक्रिया को रोकने के लिए पहले भी प्रयास कर चुकी है। चौथा गेट दीवान स्कूल के पीछे ओल्ड ग्रांट बंगला के निकट लगाने की योजना है। फौज को जानकारी मिली हैं कि इस ओजीबी में स्कूल आने वाले बड़ी संख्या में बच्चों के स्कूली वाहनों की अवैध रूप से पार्किंग की जाती है। इसके लिए बच्चों से पैसे भी वसूले जाते हैं।रफ्तार पर लगेगा ब्रेक फौज ने नागरिक प्रशासन से अपील की है कि वे कैंट क्षेत्र में सुनिश्चित कराएं कि रात 10 बजे के बाद कहीं भी लाउडस्पीकर या डीजे नहीं चले। कैंट क्षेत्र में बड़ी संख्या में बारात घर हैं। ऐसे में आए दिन यहां देर रात तक कानफोडू़ संगीत बजते रहता है। इसी तरह इन्होंने स्पष्ट किया है कि विशेषकर मॉल रोड और छावनी की अन्य प्रमुख सड़कों पर तेज वाहन चलाने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।'फिलहाल हमने चार गेट लगाने का फैसला किया है। खासतौर पर उन स्थानों को सुरक्षित करने की कोशिश की जाएगी जहां से बेवजह लोगों का आना-जाना होता है और सैन्य प्रतिष्ठानों को उससे एक थ्रेट बना रहता है.'- कर्नल आरके शर्मा, एडम कमांडेंट, वेस्ट यूपी सब एरिया हेडक्वार्टर

Posted By: Inextlive