कैदी सीख रहे धर्म का ककहरा
- एनजीओ की सहायता से जेल में बनवाई गई लाइबे्ररी
- धर्म ग्रंथों के साथ अन्य किताबें भी उपलब्ध - धार्मिक ग्रंथ पढ़ने में कैदियों की रुचि ज्यादा Meerut । चौधरी चरण सिंह कारागार में सभी धर्मो से ताल्लुक रखने वाले बंदियों को नेक राह पर चलाने के लिए धर्म का पाठ पढ़ाया जा रहा है। इसके लिए जेल में पांच लाख रुपये की लागत से धर्म से जुड़ी 500 किताबें समेत नई जनरल नॉलेज की किताबें से जेल में हाईटेक लाइब्रेरी खोली गई है। 2500 बंदी काट रहे हैं सजा1800 बंदियों की कैपेसिटी वाली मेरठ जेल में इस समय 2500 बंदी अन्य केस में सजा काट रहे हैं। जिसमें कई डॉक्टर, वकील, पुलिस अधिकारी, शिक्षक, नेता, व्यापारी समेत कई छात्र व छात्राएं अन्य केसों में बंद हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक के अनुसार 2500 बंदियों में 75 प्रतिशत लोग पढ़े लिखे हैं।
एनजीओ ने किया सहयोगवरिष्ठ जेल अधीक्षक संत लाल यादव का कहना है कि दो दिन पहले ही उन्होंने टाटा कंपनी की एक एनजीओ से मिलकर जेल में दौ सौ गज में बने हाल में पांच लाख रुपये की लागत से एक लाइब्रेरी की स्थापना की है। जिसमें सभी धर्मो के धार्मिक ग्रंथ, शिक्षा से जुड़ी किताबें, जनरल नॉलेज बुक, फिल्मी मैगजीन, डिक्शनरी, प्रतियोगिता से जुड़ी बुकें, स्पीकिंग कोर्स की किताबें आदि उपलब्ध कराई हैं।
आठ बंदियों की ड्यूटी लाइब्रेरी के लिए जेल में आठ बंदियों की डयूटी लगाई गई है। सभी बंदी पढ़े लिखे हैं। दो बंदियों ने लाइब्रेरी का कोर्स भी किया हुआ है। जो लाइब्रेरी में तैनात किए गए हैं। वरिष्ठ जेल अधीक्षक का कहना है कि धर्म की किताबें पढ़ने से बंदी का माइंड चेंज हो सकता है। वर्जन बंदियों को सुधारने के लिए पहल की गई है। जिससे बंदी अपने खाली समय में किताबों को पढ़ सकें। जिससे उसका क्राइम से दिमाग हट सकें। संत लाल यादव, वरिष्ठ जेल अधीक्षक