करीब 43 लाख प्रतिबंधित गोलियों समेत सिरप और इंजेक्शन के साथ चार आरोपी गिरफ्तार

लुधियाना पुलिस कंपनी व गोदाम सील कर आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर रवाना

Meerut। नशीली दवाइयों के मामले में पंजाब पुलिस और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम की दो दिन तक मेरठ में कार्रवाई चली। जिसमें 11 करोड़ रुपये कीमत की करीब 43 लाख प्रतिबंधित गोलियां, सीरप और इंजेक्शन बरामद हुए हैं। तीन मेडिकल स्टोर संचालक सहित चार आरोपी इस मामले में गिरफ्तार किए गए हैं। दवाई बनाने वाली कंपनी व गोदाम सील कर दिए गए हैं। गुरुवार को आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद ट्रांजिट रिमांड पर लुधियाना पुलिस आरोपियों समेत दवाइयों को लेकर रवाना हो गई है।

ऐसे खुला मामला

लुधियाना में दो मार्च को 1.29 लाख प्रतिबंधित नशे की गोलियां पकड़े जाने के बाद शुरू हुई जांच मेरठ तक पहुंची। जिसके बाद एनसीबी ने पंजाब पुलिस व ड्रग अफसरों के साथ बुधवार पांच बजे परतापुर इंडस्ट्रियल एरिया में पर्क फार्मास्युटिकल कंपनी पर छापा मारा। इस कार्रवाई में मेरठ पुलिस की सíवलांस टीम और ड्रग विभाग अफसर भी साथ रहे। टीम के अनुसार, खैरनगर में मेडिकल स्टोर संचालक सादिक उर्फ बबलू, जान सैफी, छुट्टन उर्फ सूर्यप्रकाश गोयल व कर्मचारी फरजान की गिरफ्तारी हुई है। पर्क कंपनी के मालिक कृष्णा काले, दवा लाइसेंस लीज पर लेने वाले सिद्धू व शैलेंद्र सिंह भी आरोपी बनाए जा रहे हैं। तीनों मालिक फरार हैं, जिनको टीम जल्द गिरफ्तार करने का दावा कर रही है।

यह किया है बरामद

ड्रग इंस्पेक्टर पर्क फार्मास्युटिकल प्रोडक्शन यूनिट व उसके मोहिद्दीनपुर स्थित गोदाम सील कर दिए हैं। दोनों जगह से करीब 43 लाख प्रतिबंधित गोलियां, सीरप, इंजेक्शन मिले हैं। प्रतिबंधित दवाइयों की सप्लाई सिर्फ पंजाब में नशा मुक्ति केंद्रों पर होनी चाहिए थी। मगर साठगांठ से यह मार्केट में भी बिक रही थी।

पुलिस ने ली ट्रांजिट रिमांड

एक जिले या राज्य से आरोपियों को दूसरे राज्य या जिले में लेकर जाने का नियम बना हुआ है। लुधियाना पुलिस ने चारों आरोपियों को पहले कोर्ट में पेश किया। यहां से ट्रांजिट रिमांड बनवाया गया, जिस पर आर्डर होने के बाद ही आरोपियों को लुधियाना पुलिस लेकर पुलिस रवाना हुई।

यहां हो रही थी सप्लाई

वेस्ट यूपी में मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, सहारनपुर समेत कई जिलों में नशीली दवाईयां धड़ल्ले से भारी मात्रा में सप्लाई की जा रही थी। इसके अलावा दिल्ली, पंजाब समेत कई राज्यों में नकली दवाईयों का कारोबार फैला हुआ था।

चार आरोपी इस मामले में गिरफ्तार करके टीम चली गई है। करोड़ों रूपये कीमत की 43 लाख गोलियां बरामद की गई है। कुछ इंजेक्शन और सिरप भी मिले है। यह दवा पंजाब के नशा मुक्ति केंद्र में सप्लाई किए जाने का नियम था, जिनको अवैध रूप से आरोपियों ने मार्केट में बेचा।

अजय साहनी, एसएसपी, मेरठ

Posted By: Inextlive