गठबंधन पर जयंत की मुहर का इंतजार
- रालोद-सपा खेमों में हलचल, गठबंधन की आहत से दावेदारों को छू्रट रहे पसीने
- सिवालखास, किठौर विधानसभा सीट पर रालोद का दावा, दोनों पर सपा के विधायक आई स्पेशलMeerut : वेस्ट यूपी में रालोद-सपा गठबंधन पर जयंत की वापसी के बाद मुहर लगेगी, वे 5 मई को विदेश से वापस आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर वेस्ट में जड़ जमा चुके सपा नेताओं में गठजोड़ के शिगूफे से हलचल बढ़ गई है। सिवालखास और किठौर दो अहम विधानसभा सीटों पर रालोद के दावे की चर्चा है, जबकि इन दोनों सीटों पर सपा की साइकिल काबिज है। नेता जुड़ रहे हैंसपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और रालोद मुखिया चौधरी अजीत सिंह की मुलाकात के बाद सूबे की सियासत में हलचल हुई और वेस्ट में दोनों पार्टियों के गठबंधन की चर्चाएं जोरो से शुरू हो गई है। इन चर्चाओं में नया घटनाक्रम यह है कि रालोद के राष्ट्रीय महासचिव जयंत चौधरी के विदेश यात्रा से लौटने के बाद गठबंधन की औपचारिक घोषणा होगी। हालांकि इसी शिगूफे के मद्देनजर वेस्ट के रालोद नेता 6 जून को जयंत से मिलने दिल्ली जा रहे हैं। पार्टी नेता दूरियों को मिटाकर गले मिलने की बात कर रहे हैं तो वहीं वेस्ट में सपा और रालोद के सियासी सूरमा आमने-सामने आ गए हैं।
दो सीटों पर जद्दोजहदसियासी सूत्रों का कहना है कि गठबंधन के बाद रालोद मेरठ में दो सीटों पर दावा पेश करेगा, जो किठौर और सिवालखास हैं। हालांकि सरधना सीट पर भी रालोद की नजर है, लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव केखास माने जाने वाले नेता इस सीट पर घोषित प्रत्याशी हैं। दो अन्य सीटों की बात करें तो किठौर पर सूबे के कद्दावर कबीना मंत्री काबिज हैं तो सिवालखास पर विधायक गुलाम मोहम्मद सपा का परचम बुलंद कर रहे हैं। हस्तिनापुर सीट पर भी सपा के प्रभूदयाल वाल्मीकि विधायक हैं। गठबंधन की चर्चाओं के बीच मेरठ में रालोद सीट तलाश रही है तो वहीं सपा ज्यादातर सीटों पर आलाकमान के सामने जीत का दम भर चुकी है। वोटर का खंगालेंगे मनरालोद नेताओं का मानना है कि गठबंधन से पहले अजीत सिंह और जयंत चौधरी वोटर का मन खंगालेंगे। जून माह में वेस्ट यूपी में रालोद 15 जनसभाएं कर रही है। अतिपिछड़ों के नाम से आयोजित सम्मेलन में रालोद प्रमुख 13 जून को मेरठ के केशव माधव गार्डन में गठबंधन पर कार्यकर्ताओं से आमराय लेंगे। रालोद जिलाध्यक्ष यशवीर सिंह का कहना है कि गठबंधन पर स्थिति साफ नहीं है तो वहीं सपा जिलाध्यक्ष जयवीर सिंह ने आई नेक्स्ट को बताया कि ये बड़े (शीर्ष नेतृत्व) के फैसले हैं, हमारा कोई दखल नहीं है।