कागजों में ही चल रहा आरटीओ का अभियान
आई फालोअप
- दस साल पुराने डीजल व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर नहीं हो रही कार्रवाई - आरटीए की बैठक के बाद बस एक दिन चला अभियान Meerut: आरटीए की बैठक में हुए निर्णय, शुरू होने से पहले ही दम तोड़ गए। बैठक के बाद सिर्फ एक दिन अभियान चला। इसके बाद सिर्फ कागजों में अभियान को चलाया जा रहा है। जिसके चलते नियमों की धज्जियां उड़ाते वाहन चालक खुलेआम सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। ये हुए थे मुख्य निर्णय -दस साल पुराने डीजल वाहनों पर प्रतिबंद -15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंद - अवैध रूप से गैस किट लगे वाहनों पर रोक -ई-रिक्शाओं के रूट तय महज दो वाहन सीजआरटीओ टीम ने आरटीए की बैठक को फॉलो करते हुए महज दो दस साल पुराने वाहनों को सीज किया है। पेट्रोल का एक भी वाहन पर कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि आरटीए की बैठक हुए 16 दिन बीत चुके हैं।
72 वाहन सिरेंडर 29 मार्च को आरटीए की बैठक हुई थी। जिसके अगले दिन वाहन संचालकों ने 72 वाहन 15 साल पुराने सिरेंडर किए थे। उसके बाद आरटीओ अभियान पूरी तरह सुस्त हो गया। वर्जनआरटीए की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार काम चल रहा है। अभियान को फिर से शुरू किया जाएगा।
विश्वजीत सिंह, एआरटीओ