नोटबंदी ने बिगाड़ा हॉस्टल के छात्रों का बजट
-हॉस्टल में रहने वाले छात्र भी परेशान, दोस्तों से मांग रहे उधार
- बड़े नोटों की बंदी से हो रहीं है स्टूडेंट्स को खर्चो में तंगी। - परेशानी के बावजूद भी छात्र कर रहे मोदी सरकार के फैसले का समर्थन Meerut। नोट बंदी होने से आम जनता ही नहीं , बल्कि हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में स्टूडेंट्स परेशानियों का सामना करते हुए भी पीएम के फैसले को पूरा समर्थन दे रहे हैं, तो वहीं कुछ स्टूडेंट्स ऑनलाइन पेमेंट व उधार पर ही अपने गुजारे चला रहे हैं। दिनचर्या में परेशानीबाहरी शहरों से आकर मेरठ यूनिवर्सिटी व संबंधित कॉलेजों से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स नोटबंदी से परेशानी है। हॉस्टल में रहने वाले छात्रों के कुछ खर्चे ऐसे भी है जो बहुत छोटे है और उनको ऑनलाइन नहीं किया जा सकता है। ऐसे में वो कई जगह उधारी से गुजारा कर रहे हैं और कई जगह खर्चों को घटाकर गुजारा कर रहे हैं। त्यागी हॉस्टल में रहने वाले वरुण त्यागी ने बताया कि वो हापुड़ का निवासी है, हॉस्टल में रहकर मेरठ कॉलेज से लॉ की पढ़ाई कर रहा है। वरुण ने बताया बड़े खर्चे तो ऑनलाइन पेमेंट से हो रहे हैं, छोटे खर्चो के लिए जानकारों से उधार लेने पड़ रहे हैं। सीसीएसयू दुर्गाभाभी हॉस्टल की कोमल बताती है कि उसको तो कई खर्चे सोच समझकर करने पड़ रहे हैं, कुछ तो उधारी पर चल रहा है।
दे रहे हैं समर्थन हमें थोड़ी परेशानी तो है, लेकिन पीएम के समर्थन में हम ये सब परेशानी का आसानी से सॉल्यूशन भी कर रहे हैं। इसलिए मैं इस परेशानी को परेशानी नहीं कह सकती। गरिमा, छात्रा नोटबंदी के एकाएक बंद होने से मुश्किल तो हो रही है। हमारे खर्चो में कटौती हो गई है। लेकिन पीएम का फैसला सराहनीय है। लिहाजा थोड़ी बहुत मुश्किल भी सह लेंगे। शोभित, स्टूडेंट्स इस समय कुछ दोस्त काम आ रहे हैं। कुछ दोस्तों से फुटकर पैसे मांगे हैं इससे रोजमर्रा का खर्चा चल रहा है। लेकिन मोदी सरकार का फैसला सही है लिहाजा मुश्किलें भी कुछ दिनों में ठीक हो जाएंगी। सुधांशु, स्टूडेंट्स काफी कुछ चीजों का ऑनलाइन पेमेंट किया है। लेकिन कुछ चीजों का कैश पेमेंट करना पड़ता है। अब मुश्किल यह है कि बैंकों में भीड़ है। अब पैसे निकलें भी तो कैसे निकले। खैर सरकार के फैसले का समर्थन है। विदिशा, स्टूडेंट्स