Meerut: निजाम बदलते ही फिजा बदल जाती है. कुछ यही हालात यूपी बोर्ड के रिजल्ट के हैं. जैसे-जैसे सरकारें बदली वैसे-वैसे रिजल्ट का आंकड़ा भी ऊपर-नीचे होता रहा. 1991 में समाजवादी पार्टी की सरकार में मुलायम सिंह मुख्यमंत्री थे. हमेशा की तरह उनके राज में बच्चों ने खूब मन लगाकर पढ़ाई की और यूपी का रिजल्ट 80.54 रहा.


कल्याण ने नहीं किया ‘कल्याण’अगले ही साल 1992 में भाजपा ने सरकार बनाई और कल्याण सिंह सत्ता में आए, ना जाने बच्चों को कल्याण सिंह से क्या बैर था, उन्होंने पढऩा छोड़ दिया और रिजल्ट 30.38 ही रह गया। हालात बदले सरकार गिरी और अगले वर्ष 1993 में फिर से मुलायम सिंह सत्ता पर काबिज हुए। बच्चों को फिर से पढ़ाई में रस आने लगा और रिजल्ट में सुधार हुआ, आंकड़ा 38.68 हो गया। 1994 में रिजल्ट और बढक़र 54.02 हो गया, 1995 में तो स्टूडेंट्स का पढ़ाई में इतना मन लगा कि रिकॉर्ड तोड़ कर रिजल्ट का पारा 72.77 पहुंच गया।प्रेसीडेंट से नहीं, भाजपा से डर


1996 में प्रेसीडेंट रूल के दौरान रिजल्ट पर कुछ खास फर्क नहीं पड़ा रिजल्ट 72.43 रहा। लेकिन 1997 में मायावती की सरकार बनी और रिजल्ट घट कर 68.18 हो गया। एक बार फिर से बच्चों का भय देखने को मिला 1998 में जब भाजपा की सरकार में कल्याण सिंह ने कुर्सी पर बैठे, शायद कल्याण की छवि खराब करने का शौक यूपी बोर्ड को पहले से ही था, इस साल फिर से रिजल्ट धड़ाम से गिरकर 55.29 पर जा पहुंचा। 1999 में भी कल्याण सिंह ने समझाया तो बहुत लेकिन बच्चे माने नहीं, पुरानी दुश्मनी के चलते बच्चे पढ़े नहीं और रिजल्ट सिर्फ 61.34 तक ही पहुंचा। अगले साल भाजपा ने राम प्रकाश गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया। उनके राज में रिजल्ट बढ़ा और 68.28 हो गया। फिर राजनाथ सिंह के राज में 2001 में 69.89 और 2002 में रिजल्ट का आंकड़ा 70.21 पहुंचा।मुलायम फिर पड़े ‘मुलायम’2003 में मुलायम सिंह (स्टूडेंट्स के फेवरेट) फिर से आए और 2004 में रिजल्ट का सेंसेक्स बढक़र 89.5 परसेंट पर पहुंच गया। 2007 तक रिजल्ट 89 के इर्दगिर्द ही रहा। 2008 से 2011 तक बसपा की सरकार में मायावती मुख्यमंत्री रही। उनकी सरकार में जितने भी बैच आए सभी का रिजल्ट 79 से 80 परसेंट के बीच रहा। यानी मायावती के हाथी की चाल भी छात्रों को कुछ खास रास नहीं आई।अखिलेश भईया तो छा गएलेकिन बच्चों की पसंदीदा समाजवादी पार्टी की सरकार 2012 में सत्ता में आई। अब ये अखिलेश भईया के फ्री लैपटॉप का असर था या कुछ और रिजल्ट का सेंसेक्स बढक़र 89.4 पहुंचा। 2013 में तो यूपी बोर्ड के रिजल्ट ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। ऐतिहासिक रूप से रिजल्ट 92.68 रहा। यानी की अखिलेश भइया छात्रों में खासे लोकप्रिय हो रहे हैं।यूपी का 22 सालों का रिजल्ट1991 - 80.54 - मुलायम सिंह

1992 - 30.38 - कल्याण सिंह एंड प्रेसीडेंट1993 - 38.62 - मुलायम सिंह1994 - 54.02 - मुलायम सिंह1995 - 72.77 - मुलायम सिंह1996 - 72.43 - प्रेसीडेंट रूल1997 - 68.18 - प्रेसीडेंट एंड मायावती1998 - 55.29 - कल्याण सिंह 1999 - 61.34 - कल्याण सिंह2000 - 68.28 - राम प्रकाश गुप्ता2001 - 69.89 - राज नाथ सिंह2002 - 70.21 - राजनाथ fसंह एंड प्रेसीडेंट2003 - 70.51 - मुलायम2004 - 89.5 - मुलायम2005 - 89.38 - मुलायम2006 - 89 - मुलायम2007 - 89.34 - मुलायम2008 - एन ए - मायावती2009 - 79.52 - मायावती2010 - 80.54 - मायावती2011 - 80.14 - मायावती2012 - 89.4 - अखिलेश यादव2013 - 92.68 - अखिलेश यादव

Posted By: Inextlive