कीमत में गिरावट, मार्केट में रौनक
- गिरावट के कारण इन पिछले तीन दिनों से डबल हो रही है सर्राफा बाजार में बिक्री
- सर्राफा व्यापारियों का दावा अगले तीन सालों में सोना होगा 30 हजार के पार - मैरिज सीजन से ही शुरू हो जाएगा कीमतों में उछाल Meerut : सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट का बड़ा असर सर्राफा मार्केट में दिखने लगा है। एक्सपर्ट्स इस गिरावट को लेकर कुछ भी कहें, लेकिन लोग सोने की गिरती कीमतों का फायदा उठाने से पीछे रहना नहीं चाहते। इससे व्यापारियों की बिक्री भी डबल होने लगी है। रिकॉर्ड ब्रिकीपिछले दो दिनों में इसमें और भी गिरावट आई है। जबकि यह सोना पहले 26 हजार तोला के पार था जो घटकर 24 हजार के पास पहुंच गया है। वहीं चांदी की कीमत पहले 35 हजार किलो के पार थी जो घटकर अब 33 हजार तक पहुंच गई्र है। आम दिनों में शहर के सर्राफा बाजार में औसतन 20 किलो सोना व 100 किलो चांदी की बिक्री होती थी। लेकिन अब कीमतें कम होने के कारण यह सोना दो ढ़ाई व चांदी दो गुणा अधिक बिकने लगा है। पहले अगर दो तीन दिन में सोना 20 किलो बिकता था तो अब 50 किलो से अधिक सोना इन तीन दिनों में बिका है और चांदी 200 किलो से अधिक बिकी है यह अनुमान जताया जा रहा है।
अपने न्यूनतम स्तर पर सर्राफा बाजार में साने चांदी की कीमतों में गिरावट को लेकर यूं ही अफरातफरी नहीं मची है। सर्राफा व्यापरियों के अनुसार मौजूदा समय में सोना बीते दो साल जबकि चांदी के दाम बीते पांच सालों के न्यूनतम स्तर पर पहुंचे हैं। इसके पीछे इंटरनेशनल मार्केट में मची उथल-फुथल सबसे बड़ी वजह रही है। दो साल पहले सोना रिकार्ड 33 हजार प्रति तोला व पांच साल पहले चांदी 74 हजार प्रति किलो की कीमत पर बिक रही थी। मगर आज की तारीख में सोने में करीब सात-आठ हजार व चांदी में आधी से ज्यादा गिरावट आई है। अब नहीं घटेंगे दाम जो लोग सोने चांदी की कीमतों में गिरावट का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें इस मामले में निराशा ही हाथ लगने वाली है ऐसी संभावना जताई जा रही है। एक्सपर्ट के अनुसार व सर्राफा व्यापारियों के अनुसार कीमतों में अब कमी नहीं होने वाली है। जितनी कीमत घटनी थी घट चुकी है। आने वाले कुछ ही दिनों में फेस्टिवल सीजन व मैरिज सीजन शुरु होने वाला है। तब दोनों धातुओं के दामों में उछाल आना तय है।आने वाले सालों में होगा फायदा
सोने चांदी के इंनवेस्टमेंट में आने वाले दो तीन सालों बाद बड़ा फायदा दिखने वाला है। यह दावा तो सर्राफा व्यापारियों द्वारा भी किया जा रहा है। क्योंकि आने वाले दिनों में सोना 30 के पार और 70 के पार चांदी जाएगी इसकी संभावना जताई जा रही है। सटोरियों का भी है खेल सोने चांदी की कीमतों में गिरावट के पीछे सटोरियों का भी खेल है। कुछ सर्राफा व्यापारियों के अनुसार एमसीएक्स में कीमतों की गिरावट के कारण भी बाजार में सोने चांदी के दाम कम हुए हैं। ऐसा करके सटोरियों ने ज्यादा से ज्यादा सोना मार्केट से उठाया है। आशंका है कि सोना-चांदी डम्प करने की बड़ी वजह मुनाफखोरी है। बुधवार को - सोना - 24, 659 रुपए 57 पैसे चांदी - 33 के पार मंगलवार सोना (24 कैरेट) - 25,640 रुपए प्रति दस ग्राम चांदी (प्रति किलो) - 34,520 रुपए सोमवार को सोने-चांदी के भाव - सोना (24 कैरेट) - 25,500 रुपए प्रति दस ग्राम चांदी (प्रति किलो) - 34,500 रुपए कीमतों में गिरावट की वजह - चीन ने शंघाई मार्केट में 5 कुंतल सोने की बिकवाली की।- साउथ अफ्रीका में प्रोडक्शन में आई गिरावट के कारण मची उथल-पुथल।
- गोल्ड-सिल्वर के रेट में गिरावट के कारण बाजार में काफी कस्टमर्स खरीददारी के लिए पहुंच रहे हैं। इस कारण कई दिनों से सुस्त पड़ी मार्केट में बिक्री बढ़ने लगी है। बिक्री डबल से अधिक होने लगी है। अंकुर जैन, डायरेक्टर जैना ज्वेलर्स सोने व चांदी की कीमतें कम होने की वजह से मार्केट में कस्टमर्स बढ़े हैं। इस कारण कई दिनों से मार्केट में तेजी भी आई है, कस्टमर आने लगे हैं तो दुकानों पर रौनक लौटने लगी है। राकेश प्रकाश अग्रवाल, डायरेक्टर रघुनंदन ज्वैलर्स, आबू प्लाजा- अमेरिका की ब्याज दरों में गिरावट की घोषणा हो सकती है। इसका भी असर इंटरनेशनल ज्वैलरी मार्केट पर पड़ा है।
- ग्रीस का आर्थिक संकट। बढ़ेंगे चांदी के रेट हो सकता है कि चांदी की कीमत 1 लाख तक पहुंचने की बात कुछ लोगों को हजम न हो। पर इसकी एक बड़ी वजह भी है। दरअसल, पूरी दुनिया में 90 परसेंट चांदी की खुदाई हो चुकी है। यह अंडरग्राउंड स्टॉक धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। 90 सालों में कुछ यूं बढ़े सोने के दाम ईयर प्राइस (रुपए में) 2015 25,640 2010 18,500 2005 7,000 2000 4,400 1995 4,680 1990 3,200 1985 2,130 1980 1,330 1975 540 1970 184 1965 71.75 1960 111.87 1955 79.18 1950 99.18 1945 62 1940 36.04 1935 30.81 1930 18.05 1925 18.75 नोट : सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम के हिसाब से 24 कैरेट के लिए उपलब्ध है। -सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट की सबसे बड़ी वजहों में ज्यादातर अंतर्राष्ट्रीय कारण शामिल हैं। उसके बाद ही सोना और चांदी की कीमत तय होती हैं । अभिषेक जैन एमडी, तनिष्क ज्वैल्स