नहीं रहेगी थ्री नॉट थ्री रायफल

- पुलिस लाइन में होगी भव्य विदाई, अब इंसास से लैस होगी यूपी पुलिस

- 1300 थ्री नॉट थ्री राइफल हैं मेरठ पुलिस के पास

- 50 इंसास मेरठ पुलिस को मिल गई है जल्द और आएंगी

Meerut । ब्रिटिश हुकूमत के दिनों से खाकी की साथी रही थ्री नॉट थ्री की राइफल्स अब बीते दिनों की बात हो जाएगी। दरअसल, डीजीपी के आदेश के मुताबिक अब इन राइफल्स के बदले यूपी पुलिस को आधुनिक इंसास राइफल से लैस किया जाएगा। एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि दशकों से पुलिस की साथी रही इन पुरानी राइफल्स को 26 जनवरी को परेड के दौरान भव्य विदाई दी जाएगी।

काफी है वजनदार

बताते चलें कि आज के समय में जहां क्रिमिनल्स के पास अत्याधुनिक हथियार हैं। वहीं, दिन के उजाले और रात के अंधेरे में बड़े-बड़े बदमाशों से लोहा लेने वाली यूपी पुलिस के कंधे पर भारी भरकम पुरानी राइफल्स का बोझ उठाते थक गए हैं। ऐसे में प्रदेश पुलिस के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह ने पुलिस को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने की पहल करते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। इसके तहत थ्री नॉट थ्री की इन पुरानी राइफल्स को अब विदाई दी जा रही है। एसएसपी अजय साहनी ने बताया 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होने वाले पुलिसकर्मी आखिरी बार थ्री नॉट थ्री राइफल्स उठाएंगे। इसी दिन भव्य विदाई देते हुए जिले की पुलिस को इंसास राइफल्स से लैस किया जाएगा।

मेरठ में 1300 है थ्री नॉट थ्री

मेरठ में थ्री नॉट थ्री की 1300 राइफल है, जो कुछ पुलिस लाइन और कुछ थानों में है, लेकिन अब सभी थ्री नॉट थ्री को पुलिस लाइन में मंगा लिया गया है। जिनकी विदाई शान के साथ पुलिस लाइन में गणतंत्र दिवस पर की जाएगी। 50 इंसास मेरठ पुलिस को मिल गई है, जल्द ही अन्य इंसास भी मेरठ को मिलने जा रही है।

थ्री नॉट थ्री रायफल का इतिहास

थ्री नॉट थ्री राइफल का इतिहास लगभग 170 साल पुराना है। अंग्रेजों के जमाने से इस राइफल का उपयोग हो रह था। 1857 में यह राइफल पुलिस के पास आई थी जब अंग्रेज युद्ध में इसका उपयोग करते थे। राइफल में कई खूबियां थी जिसकी वजह से आजादी के बाद भी इसे नहीं हटाया गया और लगातार पुलिस विभाग इसका उपयोग करता रहा है।

थ्री नॉट थ्री खूबियां

- थ्री नाट थ्री का निशाना अचूक था। इसकी मारक क्षमता इतनी बेहतर थी।

- प्रैक्टिस के समय अभी भी इसका उपयोग होता है।

- यदि गोली लगने के बजाय शरीर को छूते हुए भी निकल गई तो वह काफी नुकसान पहुंचाती थी।

- राइफल .303 नंबर -1 मार्क - जिसके ऊपर 200 गज से 2000 गज तक साईट होता है ।

- राइफल .22 नंबर.-2 मार्क का परिवर्तित रूप है जो जवानों को शुरू में फायर करने की ट्रेनिंग में दी जाती है।

- राइफल .303 नंबी-3 मार्क-1 डबल स्टार मस्कट राइफल कहलाती है, इसके ऊपर रेंज 200 गज से 1700 गज मार्क है ।

वर्जन

गणतंत्र दिवस पर थ्री नॉट थ्री की विदाई कर दी जाएगी। इसको लेकर अधिकारियों का आदेश मिल गया है। अभी हमें आधुनिक पचास इंसास मिल गई है, जल्द ही और इंसास मिलने वाली है।

होरी लाल सिंह

प्रतिसार निरीक्षक

Posted By: Inextlive