यातायात माह चल रहा है। पुलिस स्कूल-कॉलेजों और वाहन चालकों को यातायात के नियमों का पाठ पढ़ा रही है। इतना ही नहीं आए दिन दोपहिया व चौपहिया वाहनों के चालान भी किए जा रहे हैैं। बावजूद इसके ओवरलोडिंग की तरफ ट्रैफिक पुलिस ध्यान नहीं दे पा रही है। महानगर में ओवरलोडेड ई-रिक्शा व ऑटो आसानी से दिखाई पड़ रहे हैैं। डग्गामार वाहन भी यात्रियों को नियमों के विपरीत लटकाकर धड़ल्ले से घूम रहे हैैं। चौक-चौराहों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी दिखाई दे रहे हैैं। पुलिसकर्मियों के सामने से ओवरलोडेड वाहन बेखौफ होकर निकल रहे हैैं लेकिन इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

मेरठ (ब्यूरो)। एक नवंबर से 30 नवंबर तक ट्रैफिक पुलिस द्वारा यातायात माह की शुरुआत की गई है। इस माह में चेकिंग अभियान चलाकर वाहनों के चालान काटे जा रहे हैैं। वहीं अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा व अन्य सवारी वाहन ओवरलोडेड चल रहे हैैं। चौक-चौराहों पर खड़े पुलिसकर्मियों की नाक के नीचे से इन वाहनों को निकलते आसानी से देखे जा सकता है। मगर ट्रैफिक पुलिस की नजर इन ओवरलोडेड वाहनों की तरफ नहीं पड़ रही है।

हो सकता है बड़ा हादसा
महानगर की दिल्ली रोड, बागपत रोड, हापुड़ रोड, गढ़ रोड, बिजली बंबा बाईपास आदि पर ओवरलोडेड वाहनों को दौड़ते देखा जा सकता है। रविवार को दिल्ली रोड पर ऑटो चालक ने जरूरत से अधिक माल भरा हुआ था। जबकि बागपत रोड पर पिकअप में भी इसी तरह का मंजर देखा गया। ओवरलोडेड वाहनों की वजह से कभी भी, कोई भी अप्रिय घटना हो सकती है। यातायात माह में सख्ती के बाद भी वाहन चालक ओवरलोडेड वाहनों को सड़कों पर बेखौफ दौड़ा रहे हैैं।

ओवरलोडिंग पर चालान का काम आरटीओ का है। इस संबंध में मेरे पास शासनादेश भी है। दो पहिया और चौपहिया वाहनों पर चालान की कार्रवाई की जा रही है।
जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, एसपी ट्रैफिक

Posted By: Inextlive