कैलाश प्रकाश स्पोट्र्स स्टेडियम में हॉकी एस्ट्रोटर्फ का कार्य लगभग पूरा हो चुका हैं। मगर कई बार डेडलाइन निकल जाने के बावजूद मैदान का उद्घाटन नहीं हो पा रहा है।

मेरठ, (ब्यूरो)। कैलाश प्रकाश स्पोट्र्स स्टेडियम में तैयार हो रहे हॉकी के एस्ट्रोटर्फ मैदान का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। मगर अभी तक खिलाडिय़ों को मैदान की सुविधा नहीं मिल पा रही है। बता दें कि हॉकी एस्ट्रोटर्फ का निर्माण कार्य वर्ष 2018 में शुरू किया गया था। जिसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से करीब सात करोड़ रुपये का बजट पास किया गया था। मगर अब बाहर से आने वाले स्प्रिंगल के चलते मैदान का निर्माण कार्य अधर में अटका हुआ है। जबकि अक्टूबर में मैदान को खिलाडिय़ों के लिए खोले जाने की डेडलाइन तय की गई थी।
कोच भी नहीं परमानेंट
हॉकी को लेकर अभी तक कोई परमानेंट कोच नहीं है। बीते दो सालों से कोच एडॉप्टेड थे। हालांकि एक-दो दिन पहले ही नए कोच ने ज्वॉइन किया है, जो एडॉप्टेड हैैं।

एस्ट्रोटर्फ पर होते हैं मैच
सबसे पहले 1970 में कृत्रिम यानी ऑर्टिफिसियल घास से बने मैदान में हॉकी खेलने की शुरुआत हुई थी। प्राकृतिक घास के मैदान एस्ट्रो टर्फ में तब्दील होने लगे। इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन आइएचएफ की ओर से साल 1976 मॉस्ट्रियल ओलंपिक के साथ ही इसे वल्र्ड कप, जूनियर वल्र्ड कप, चैंपियंस ट्रॉफी, चैंपियंस चैलेंजेज आदि सभी प्रमुख हॉकी प्रतियोगिताओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया। कैलाश प्रकाश स्पोट्र्स स्टेडियम में प्राकृतिक घास के स्थान पर कृत्रिम घास से एस्ट्रो टर्फ हॉकी मैदान बनकर तैयार हो रहा है।
हो रहा निर्माण
स्टेडियम में करीब 7 करोड़ की लागत से एस्ट्रोटर्फ का निर्माण कराया जा रहा है। हॉकी ग्राउंड पर हॉकी प्रतियोगिता भी कराई जाएंगी। कुछ वर्ष पहले इसका प्रस्ताव खेलो इंडिया के अंतर्गत गया था। अधिकारियों के मुताबिक एस्टोटर्फ से हॉकी को नई दिशा मिलेगी।

क्या कहते है खिलाड़ी
अभी कोच भी कोई नए आ हैं। वो भी एक ही है। वहीं मैदान अभी तक तैयार नहीं हैं। जिससे सबसे ज्यादा परेशानी खिलाडिय़ों को हो रही है।
हिमांशु, नेशनल प्लेयर

हॉकी खिलाडिय़ों को बेसिक सुविधाएं तक नहीं मिलती हैैं। खेल के मैदान का तीन साल में तैयार न होना इसका ही सबसे बड़ा उदाहरण है।
राघव, इंटरनेशनल प्लेयर

हॉकी के प्लेयर्स के लिए आज तक एस्ट्रोटर्फ की सुविधा थी ही नहीं। हॉकी के भविष्य का अंदाजा इससे लग जाता है। एस्ट्रोटर्फ भी तीन साल से बन ही रहा है।
बब्बू, नेशनल प्लेयर

हॉकी खिलाडिय़ों को पर्सनल खर्च पर ही सुविधा उपलब्ध हो पाती है। डाइट से लेकर कोच तक की यहां कोई व्यवस्था नहीं हैैं।
अर्जुन, नेशनल प्लेयर

स्प्रिंगलर लगते ही एस्ट्रोटर्फ का उद्घाटन कर दिया जाएगा। बाकी अभी एक कोच का सलेक्शन हुआ है, हालांकि वो परमानेंट तो नहीं है।
जीडी बारीकी, आरएसओ

Posted By: Inextlive