टेररिस्ट एक्टिविटी को देखते हुए पुलिस सेंटर में बनाई जाएगी इंफार्मर विंग विंग के इनपुट और आउटपुट की होगी मॉनिटरिंग गुपचुप तरीके से सुरागकसी की दी जाएगी ट्रेनिंग 15 दिन की दी जाएगी स्पेशल आर्मी ट्रेनिंग

वाराणसी (ब्यूरो)बनारस सेंसेटिव सिटी होने के साथ-साथ कई बार आतंकी संगठनों के निशाने पर आ चुका है। यहां पर कई बड़ी आतंकी वारदातें भी हो चुकी हैैं। पिछले दिनों बढ़ती हुई आतंकी गतिविधियों को देखते हुए पुलिस में बड़े बदलाव होने की तैयारी चल रही है। इसके तहत जिले की 25 फीसदी पुलिस वालों को 15 दिन की स्पेशल आर्मी ट्रेनिंग दी जाएगी। ये पुलिसकर्मी मल्टी टास्किंग होंगे। ट्रेनिंग के बाद इनकी तैनाती जिले के अलग-अलग थानों में की जाएगी। पहले चरण में बनारस सहित उन जिलों में इसकी शुरुआत की जा रही है जहां आतंकी वारदातें हो चुकी हैं या जो स्लीपर सेल की शरणस्थली बने हुए हैैं। शासन ने बनारस समेत प्रदेश के दो दर्जन से अधिक जिलों को चिन्हित किया है। साथ ही पुलिस विभाग से ऐसे पुलिसकर्मियों की लिस्ट मांगी गई है जो इस विंग का हिस्सा बनना चाहते हैैं। शासन ने इस विंग का नाम इंफार्मर विंग रखा है.

सर्विलांस से साइबर सेल तक मिलेगी ट्रेनिंग

पुलिस सूत्रों की माने तो गुडवर्क के लिए कई लोग पुलिसकर्मियों के साथ धोखाधड़ी भी करते हैं, लेकिन अपराध रोकना ओर अपराधियों की धरपकड़ के लिए इनको साथ रखना पड़ता था। अब जब पुलिस के जवानों के साथ इंफार्मर विंग के लड़ाके साथ होंगे तो बाहर के इंफार्मर या मुखबिर पर पुलिस को निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इंफार्मर विंग में शामिल जवानों की रूचि के मुताबिक उन्हें अलग-अलग फील्ड में स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। यानी जो पुलिसकर्मी सर्विलांस में जाना चाहेंगे, उसे सर्विलांस में और जो साइबर का काम करना चाहेगा उसे साइबर की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी.

एजेंसियों के इनपुट पर करेगी वर्क

इनफार्मर विंग बन जाने से न सिर्फ इलाकों में सूचना तंत्र मजबूत होगा बल्कि बड़ी वारदातों में इस विंग के जवान पहुंचकर कारीडोर बनाएंगे। इन पुलिसकर्मियों की नियुक्ति हेडक्वार्टर से की जाएगी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लगातार प्रदेश में आंतकी वारदातें देखने में आ रही है। प्रदेश में कई जिले ऐसे हैैं जहां एटीएस या एसटीएफ की यूनिट ही नही हैैं। जब तक पुलिस की टीम मौके पर पहुंचती है तब तक स्लीपर सेल या उससे जुड़े लोग मौके से फरार हो जाते हैं। इस विंग की जिलों में मौजूदगी होने से विंग के लोग लगातार एजेंसी के कांटेक्ट में रहेंगे और एजेंसियों के साथ निर्देशें का पालन करेंगे। ये पुलिसकर्मी सुरक्षा एजेंसियों को क्षेत्र का हर तरीके का आउटपुट देते रहेंगे। वहीं एजेंसियों के दिये गये इनपुट पर अपनी पूरी जिम्मेदारी के साथ करेंगे.

कैसी होगी स्पेशल ट्रेनिंग

1-जवानों को फिजीकली स्ट्रांग बनाया जाएगा

2-कोड लैैंग्वेज में बातचीत करने और लिखने-पढऩे की दी जाएगी ट्रेनिंग

3-एक्सप्लोसिव और इसकी इंटेनसिटी की मिलेगी जानकारी

4-फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और स्पाई कैम आपरेटिंग की ट्रेनिंग

5-हाईटेक वेपन ट्रेनिंग, फील्ड यूनिट की जानकारी भी

6-सर्विलांस की जानकारी जिससे कर सकें नंबर की ट्रेसिंग

7-करेंगे डेवलप डिसीजन स्किल ट्रेनिंग

8-पहचान छिपाकर इलाके के लोगों से कैसे मिले

9-बड़े मूवमेंट पर पुलिस या आर्मी तक के पहुंचने तक स्थिति को संभालना

वर्जन

इस वक्त बनारस का माहौल पूरी तरीके से सुरक्षित है और हमारी टीम लगातार सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अलर्ट होती है। हायर अथारिटी के जो भी अग्रिम आदेश पुलिस यूनिट में सुधार के लिए किए जाएंगे, उसे हम तुरंत पूरा करने का प्रयास करेंगे.

आदित्य लाग्हे, डीसीपी, वरुणा जोन

इलाकों में पहचान छिपाकर रहने वालों की तलाश करने और विषम सिचुएशन में उनसे निपटने के लिए स्पेशल विंग तैयार करने के आदेश दिए गए हंै। जल्दी ही जवानों की लिस्ट तैयार कर ट्रेनिंग का काम शुरू किया जाएगा.

मुकुल गोयल, डीजी, यूपी

Posted By: Inextlive