दिल्ली की फेमस डॉक्टर पर इलाज के नाम पर ठगी करने का आरोप कैंट थाने में संतान पैदा करने के नाम पर मुकदमा दर्ज वाराणसी सेंटर बंद करके फरार होने पर आईवीएफ खेल का पता चला

वाराणसी (ब्यूरो)आइवीएफ तकनीक से बच्चा पैदा करने की आस कर रहीं 53 महिलाओं को लूटने का मामला सामने आया है। दिल्ली की फेमस लेडिज डॉक्टर मनिका खन्ना के खिलाफ कैंट थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। मरीजों ने गोडियम आइवीएफ सेंटर की सीईओ मनिका पर इलाज के नाम पर ठगी करने समेत गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि मरीजों से लाखों रुपये लेने के बाद भी किसी को संतान प्राप्ति नहीं हुई। वहीं महिला चिकित्सक अपना वाराणसी सेंटर बंद कर फरार हो गई हैं। यहां के किसी मरीज से मिलना तो दूर कोशिश करने पर तरह-तरह से प्रताडि़त करती हैं.

डाक्टर मनिका खन्ना का गोडियम नाम से दिल्ली, पटना, मुंबई में आइवीएफ सेंटर है। यहां नि:संतान दंपती को इलाज के जरिए संतान प्राप्ति का दावा किया जाता है। ढाई साल पहले उनका एक सेंटर वाराणसी के पांडेयपुर तिराहे के पास दो मंजिला मकान में खुला। संतान की चाह में पत्नी के साथ यहां आने वालों का आरोप है कि सेंटर में मानक अनुसार डाक्टर तैनात नहीं थे। मनिका खन्ना कभी नहीं आती थीं। देश में सेंटर की प्रसिद्धि देखकर यहां बड़ी संख्या में मरीज दूर-दूर से आने लगे। संतान की आस लगाए यहां आने वालों से ढाई लाख रुपये लिए गए। तमाम तरह के इलाज किए गए लेकिन वाराणसी के 53 मरीजों को इलाज का लाभ नहीं मिला। किसी का एक, किसी को दो तो किसी का तीनों प्रयास असफल रहा। इससे नाराज होकर मरीजों ने फोन के जरिए सवाल-जवाब किया तो मनिका खन्ना दुव्र्यवहार करते हुए गलत-सही जवाब देती थीं। यह सब चल ही रहा था कि 22 सितंबर 2021 में सेंटर बंद करके यहां के स्टाफ फरार हो गए। मरीज जब सेंटर पर पहुंचे और ताला बंद देखा तो हतप्रभ रह गए। कुछ मरीजों ने यहां से लेकर दिल्ली तक दौड़-धूप की लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।

गहने तक बेच दिए

मरीजों का कहना है कि गोडियम के वाराणसी सेंटर पर आने वाले सभी मरीज आर्थिक रूप से संपन्न नहीं थे। कई तो ऐसे हैं जो दूसरों की गाडिय़ां चलाते थे या कुछ रेहड़ी पर दुकान लगाते हैं। कुछ दुकानों में चार-पांच हजार रुपये महीने की नौकरी करते हैं। संतान की चाह में जैसे-तैसे रुपये जोड़कर इलाज करा रहे थे। कइयों ने संताह ही चाह में घर में रखे गहने बेच दिए तो सूद पर रुपया लेकर भी इलाज की फीस भरी थी। सफल नहीं होने पर परिवार की नाराजगी का शिकार अलग हुए।

कइयों की बिगड़ी स्थित

मरीजों का कहना है कि अप्रशिक्षित स्टाफ के द्वारा इलाज का दुष्परिणाम यह हुआ कि कई मरीजों की शारीरिक व मानिसक सेहत बिगड़ गई। इलाज इतना दर्दनाक था कि महिलाओं के शरीर में सूजन तक हो जाती थी। पूरे इलाज के दौरान जबरदस्त मानसिक प्रताडऩा से गुजरना होता था। कई मरीजों की हालत तो यह हो गई कि उन्हें बीएचयू के सरसुंदरलाल हास्पिटल में इलाज के ले जाना पड़ा। कई मरीज ऐसे हैं जिनकी शारीरिक स्थित अभी तक सुधर नहीं सकी है।

मरीजों को जारी कर दी मानहानि की नोटिस

बनारस सेंटर बिना किसी सूचना के बंद होने के बाद कुछ मरीज और उनके परिवारिजन डा। मनिका खन्ना से बातचीत करने दिल्ली गए। आरोप है कि यहां उनके साथ दुव्र्यवहार किया गया। यहां तक कि उन्हें सेंटर से बाहर निकालने के लिए पुलिस तक बुला ली गई। जब मरीजों ने इसकी शिकायत लिखित रूप में करनी शुरू की तो 12 मरीजों को मानहानि की नोटिस जारी करते हुए 10 करोड़ की क्षतिपूर्ति की मांग की गई है। इससे मरीज बेहद परेशान हो गए। प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय में पहुंचकर मामले की जानकारी दी। प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री कार्यालय में पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। साथ ही नोटिस का जवाब भी दिया है।

वर्जन

डॉक्टर के खिलाफ ठगी की धारा 420 व 406 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। जांच की जा रही है। वादियों से पूछताछ के बाद लगाए आरोपों की तथ्यात्मक परखी जाएगी। जरूर हुआ तो इसके लिए दिल्ली भी जाया जाएगा। पूरा मामला अधिकारियों के संज्ञान में है.

-सतीश यादव, विवेचना अधिकारी, इंस्पेक्टर कैंट थाना

वाराणसी में संचालित होने वाले गोडियम आईवीएफ सेंटर के बारे में सहायक पुलिस आयुक्त की ओर से पत्र प्राप्त होने पर जांच कराई गई थी। इसमें सामने आया कि सेंटर का रजिस्ट्रेशन तो पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत जरूर कराया गया लेकिन आइवीएफ सेंटर की जरूरत अनुसार मानक पूरे नहीं थे। इस तरह कहा जा सकता है कि यह सेंटर वैधानिक नहीं था.

डासंदीप चौधरी, सीएमओ

Posted By: Inextlive