इनको सुधारों तो शायद कुछ हो जाये काम
-शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को बेपटरी करने में मेन रोल निभा रहे हैं ऑटो चालक
-हर इलाके में है इनका आतंक, चौराहों से लेकर रोड किनारे हर जगह पर इनका है कब्जाVARANASI: शहर में ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए लंबी चौड़ी प्लैनिंग का दौर जारी है। इसके लिए कभी व्यापारियों के साथ तो कभी मेयर खुद नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं। लेकिन बंद कमरों में बन रही इन प्लैनिंग्स के बाहर न आ पाने के कारण सिटी में जाम का झाम बढ़ता ही जा रहा है और कोई कुछ नहीं कर पा रहा है। प्रशासन भी कभी अतिक्रमण तो कभी डग्गामार वाहनों को सड़कों से हटाने की बात कर चुप बैठ जा रहा है। जिसके कारण जाम की समस्या का सॉल्यूशन नहीं निकल पा रहा है। आई नेक्स्ट भी शहर में किन वजहों से जाम लग रहा है। इससे आपको लगातार अवगत करा रहा है। एक ऐसी प्रॉब्लम है जो हर सड़क पर बनी हुई है और इसे दूर कर पाने में प्रशासनिक और पुलिस महकमा फेल है। वह समस्या है शहर में चल रहे ऑटो ड्राइवर्स को कंट्रोल न कर पाना।
जहां तहां करते हैं खड़ाऑटो चालकों का जाम को बढ़ाने में काफी बड़ा रोल है। ये बात हम नहीं, पब्लिक का कहना है। वजह सिटी के हर इलाके में रोड किनारे ऑटो वालों का कब्जा है। इसका बड़ा रीजन यह है कि तय ऑटो स्टैंड पर अनियमितताओं के चलते चालक अपने ऑटोज को यहां खड़ा न करके चौराहों पर खड़ा करते हैं। जबकि चौराहों से क्00 मीटर के दायरे में किसी भी वाहन के खड़े होने पर प्रतिबंध हैं। वहीं बिजी इलाकों में भी सड़क किनारे ऑटो वालों का कब्जा होने से ये इलाके भी अक्सर जाम की चपेट में रहते हैं। सबसे बड़ी प्रॉब्लम कैंट, लंका, लक्सा, गिरजाघर, मैदागिन में है। यहां ऑटो वाले सड़क और चौराहों को अपनी जागीर समझ कर यहां कब्जा जमाये हुए हैं। जिसके कारण जाम में फंसकर पब्लिक का हाल बेहाल है।
इनके आगे नहीं है कोई जोर -शहर में लीगल व इललीगल ऑटोज को मिलाकर टोटल दस हजार से ज्यादा ऑटोज दौड़ रहे हैं। -सिटी में इन ऑटोज के लिए नगर निगम ने हाल ही में आधा दर्जन ऑटो स्टैंड बनाये हैं। -ऑटोज को चौराहों पर खड़े होकर सवारी न लेने का आदेश है। - लेकिन ऑटो वाले इस आदेश को नहीं मानते हैं।- कैंट और लंका में बनाये गए गैंगवे में ऑटो के खड़े न होने से पूरा इलाका जाम में जकड़ा रहता है।
- इसके बाद भी इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।