आठवें थियेटर ओलंपिक्स के तहत दिलीप कुमार गुप्ता निर्देशित नेटुआ नाटक का हुआ मंचन

VARANASI

आठवें थियेटर ओलंपिक्स के तहत कबीरचौरा स्थित नागरी नाटक मंडली में मंगलवार को दिलीप कुमार गुप्ता निर्देशित 'नेटुआ' नाटक का मंचन हुआ। नई दिल्ली के साइक्लोरामा गु्रप की प्रस्तुति में कलाकारों ने शानदार अभिनय का परिचय दिया। नेटुआ एक पारम्परिक पेशे (वर्तमान में विलुप्ति के कगार पर) के समाजशास्त्रीय विश्लेषण की कहानी है, जो कि इससे संबद्ध एक लोक कलाकार के अमानवीय शोषण की गहरी पर्तो को उधेड़ती है। नेटुआ सामंतवाद और यौन विकृति का एक सामाजिक उच्चारण है। नीची जाति में जन्मा झमना बचपन में ही अनाथ हो जाता है। उसके नाना की नाचने की कुशलता उसे पेशे के रूप में 'नेटुआगिरी' की ओर ढकेल देती है। इस पेशे में आ जाने के बाद उसे अपने भीतर छिपे कलाकार का आभास होता है, और वो इस पर कमांड हासिल करने के लिए काफी गहराई तक इसमें उतरता है, लेकिन जमींदारों द्वारा उसका यौन शोषण होता है। स्थिति और भी काफी हद तक तब बिगड़ जाती है, जब वो अपनी युवा पत्‍‌नी को घर लाता है, वे उसे अपनी बपौती की तरह समझते हैं।

Posted By: Inextlive