शीतला घाट पर सुबह नाव डूबने की घटना के बाद भी नहीं सुधर रहे नाविक बगैर सेफ्टी फीचर्स सैर-सपाटा करते नजर आए पर्यटक

वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में शीतला घाट पर शनिवार सुबह गंगा में सेफ्टी फीचर्स की अनदेखी के कारण एक बड़ा हादसा होने से बच गया। बीच गंगा में नाव में पानी भरने की घटना से पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। इस घटना के कुछ ही घंटों बाद दोबारा सैलानियों को गंगा में बगैर सेफ्टी फीचर्स के सर्फिंग यथा लाइफ जैकेट और ट्यूब के नाविक सैर-सपाटा कराते नजर आए। बता दें कि आंध्र प्रदेश के ईस्ट गोदावरी से वाराणसी आए 34 श्रद्धालुओं की नाव शीतला घाट के सामने गंगा में पलट गई। हालांकि सभी को बचा लिया गया.

नजर रखने वाला कोई नहीं

दशाश्वमेध घाट, राजेद्र प्रसाद घाट और शीतला घाट पर एक घंटे में दस से अधिक नाव सैलानियों को बैठाकर गंगा में सैर-सपाटे को ले गए। इनमें से पांच नावों में यात्रियों को बैठाने के दौरान नाविक लाइफ जैकेट पहनने के लिए कहते दिखे व कुछ यात्रियों ने लाइफ जैकेट को पहन कर जल-तरंग की सैर के लिए रवाना हुए। वहीं, तकरीबन आधा दर्जन से अधिक नावों पर बैठाकर रवाना किए गए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने लाइफ जैकेट नहीं पहना हुआ था। ऐसे लापरवाह नाविकों पर नजर रखने के लिए उक्त घाटों के पास कोई पुलिस बंदोबस्त नजर नहीं आया। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या हादसे होने पर ही पुलिस पहुंचेगी। नाविकों से नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी सिर्फ घोषणाओं तक सीमित है।

क्यों होते हैैं हादसे

गंगा में होने वाले हादसों का मुख्य कारण प्रशासन की चूक और नाविकों की लापरवाही होती है। प्रशासन सिर्फ सेफ्टी फीचर्स की घोषणा कर इतिश्री कर लेता है। वहीं, हादसों से बेखबर नाविक बगैर लाइफ जैकेट यात्रियों को लेकर जाने, ट्यूब, क्यूआर कोड, मानक के अनुरूप सैलानियों को बैठाने और बीच धारा में नहीं जाने आदि की कारगर मॉनिटरिंग पुलिस व जल पुलिस नहीं करती है। इससे नाविक पुराने ढर्रे से बाज नहीं आ रहे और गाहे-बगाहे हादसे दो जाते हैैं.

आंकड़ों पर एक नजर

बनारस में कुल घाट - 85 से अधिक

रजिस्टर्ड बोट-1500 से अधिक

बोट इंडस्ट्री का कारोबार- 1.5 से 2 करोड़ रुपए

रोजाना घाट जाने वाले सैलानी- 70 से 90 हजार

सुबह शीतला घाट के सामने गंगा में नाव में पानी भरने से नाव हादसा हुआ। जल पुलिस और स्थानीय नाविकों ने तत्परता दिखाते हुए सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। आरोपी नाविक की तलाशी कराई जा रही है। नाविकों से अपील है कि सेफ्टी फीचर्स के साथ सैलानियों को गंगा की सैर कराएं.

अवधेश पांडेय, एसीपी, दशाश्वमेध

सैलानियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता में शुमार है। नाव में बैठने के दौरान कई बार यात्री भी लाइफ जैकेट नहीं पहनते हैैं। सभी को सेफ्टी फीचर्स के साथ गंगा में यात्रियों को लेकर जाए। जल्द ही नाविक समाज के साथ बैठक की जाएगी।

हरिश्ंचद्र बिंद, सचिव, निषादराज समिति

हम लोग बगैर लाइफ जैकेट के सैलानियों को गंगा में सैर कराने नहीं ले जाते हैैं। सभी नाविकों को चाहिए कि सुरक्षा मानकों को पूरा कर गंगा में नाव का संचालन करें.

राकेश साहनी, नाविक

Posted By: Inextlive