बीमारी में भी नहीं भूला अपना फर्ज
- By the people
VARANASI: varanasi@inext.co.in VARANASI: मुझे याद है कि वो विधानसभा का चुनाव था। दो दिन पहले ही मेरी तबीयत अचानक खराब हो गयी। डाक्टर ने ज्यादा से ज्यादा रेस्ट करने का कहा। फिर इलेक्शन डे आ गया। मैं पहले से ठान बैठा था कि मुझे वोट देकर भारतीय नागरिक होने का फर्ज अदा करना है। मैंने जब घर में बताया कि मैं वोट देने जाऊंगा तो सभी मेरे खिलाफ हो गये मगर फिर भी मैंने किसी की ना सुनी और वोट दिया। दोस्तों ने की मददजिस दिन वोटिंग थी उस दिन भी मुझे फीवर था। लगातार तीसरे दिन के फीवर से मैं अंदर से काफी वीकनेस फील कर रहा था। अंदर से डर भी था कि कहीं बूथ पर लम्बी लाइन हुई तो मैं क्0 मिनट भी लाइन में खड़ा नहीं हो पाऊंगा। फिर मैंने दोस्तों से मदद मांगी। वो बूथ के पास मौजूद थे। उन्होंने कॉल करके बताया कि अभी बिलकुल भीड़ नहीं है। तब मैं करीब तीन बजे वोट करने के लिए अपने कजिन ब्रदर के साथ गया।
ताकि ना रहे अफसोसमुझे लगता है कि यदि मैंने वोट नहीं किया और मुझे कोई खराब प्रतिनिधि मिल गया तो मुझे पांच साल तक अफसोस रहेगा। मैं किसी के जीत-हार की परवाह नहीं करता। मगर मैं अफसोस भी नहीं करता। मेरे वोट करने के बावजूद यदि खराब आदमी मेरा प्रतिनिधि बनता है तो भी मुझे कम से कम इस बात की खुशी होगी कि मैंने अपना फर्ज पूरा किया था।
- मनोज विग, बिजनेसमैन >