Varanasi: बाबा दरबार में मत्था टेकने आने वाले भक्तों संग फूलमाला और प्रसाद बेचन के नाम पर चल रही मनमानी पर अब रोक लगने की उम्मीद है. ये उम्मीद इसलिए जगी है क्योंकि रविवार की सुबह आईजी जोन जीएल मीणा ने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के इंस्पेक्शन के दौरान फूलमाला बेचने वालों को शॉप्स के बाहर रेट लिस्ट टांगकर उसी के हिसाब से सामान बेचने के निर्देश दिए. आईजी ने सावन और रमजान के शुरू होने से पहले मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद की सिक्योरिटी को भी चेक किया. यहां के बाद आईजी ने बोट से गंगा घाटों का भी हाल जाना और बाढ़ के दौरान जल पुलिस को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए.

मिली खामियां

दस जुलाई से रमजान और 23 जुलाई से सावन शुरू हो रहा है। इसी परपज से आईजी सिक्योरिटी अरेंजमेंट परखने के लिए सुबह यहां पहुंचे थे। उन्होंने विश्वनाथ मंदिर की सिक्योरिटी में लगी फोर्स की जानकारी ली। एक एसपी, तीन सीओज समेत सिपाहियों की संख्या और यहां तैनात सीआरपीएफ व पीएसी को लेकर तो आईजी संतुष्ट दिखे लेकिन हेड कांस्टेबल्स की कम संख्या को मेनटेन करने के आदेश दिए। अपने निरीक्षण में आईजी जोन को मंदिर प्रिमसेज में लगे 20 सीसीटीवी कैमरों में से दो खराब मिले जबकि हाईली सेंसेटिव और हाई सिक्योरिटी के लिहाज से लगाये गए पांच हाइड्रोलिक गेट्स में से एक गेट भी प्रॉपर काम करता नहीं मिला। वहीं महिला दर्शनार्थियों की चेकिंग में हो रही लापरवाही और उनकी खुले में ली जा रही तलाशी पर भी आईजी भड़के और ऐसा अब से न करने की हिदायत दी।

 

Motor boat है पर चालक नहीं

मंदिर का दौरा करने के बाद आईजी जोन ने गंगा घाटों का रुख किया। आरपी घाट पहुंचने के बाद उन्होंने वहां खड़ी मोटर बोट से गंगा में से घाटों का निरीक्षण करने की बात कही। इस पर जल पुलिस ने मोटर बोट पर चालक न होने की बात कही। पूछताछ हुई तो पता चला की दो मोटर बोट्स को चलाने के लिए दो चालक कानपुर से बुलाये गए थे लेकिन उनकी सैलरी रुक जाने के कारण दोनों वापस लौट गए। इस पर आईजी ने नाराजगी जाहिर कर दोनों बोट्स पर चालकों को जल्द तैनात करने के आदेश दिए। इसके बाद आईजी ने प्राइवेट बोट से अस्सी से सिंधियाघाट तक का जायजा लिया और आने वाले त्यौहारों के मद्देनजर पुलिस और जल पुलिस को ड्यूटी पीरियड में टाइट रहने के निर्देश दिए।

Posted By: Inextlive