होलिका दहन आज कल उड़ेंगे रंग अबीर और गुलाल केमिकल वाले रंगों से करें परहेज हर्बल रंगों का करें इस्तेमाल स्पेशलिस्ट्स ने दिया सुझाव कैसे रखें स्कीन और आंखों का ख्याल

वाराणसी (ब्यूरो)मार्च आते ही सारे जहां होली का बेसब्री से इंतजार करने लग जाता है। होली रंगों का, खुशियों का, प्यार बांटने का त्योहार है, इसलिए रंगों के इस त्योहार के मौके पर दोस्तों और करीबियों के साथ मौज-मस्ती की प्लानिंग भी होने लगी है। बता दें कि इस साल 17 मार्च को होलिका दहन होगा और 18 मार्च को होली खेली जाएगी। हालांकि खुशियों के इस त्योहार में जब से केमिकलयुक्त रंगों और खाने-पिने के सामानों में मिलावट का समावेश हुआ है, ये त्योहार भी खतरनाक हो गया है। ऐसे में जमकर खुशियां मनाएं, लेकिन सेहत का भी ध्यान रखें। रंगों के साइड इफेक्ट से बचें और खाने-पिने में भी सावधान रहें। रंग-अबीर और गुलाल से कैसे करें आंखों और स्कीन बचाव ये बता रहे हैं शहर के स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स।

होली पर बरतें ये सावधानी

- कोविड गाइडलाइन का पालन करें

- ग्रुप में शामिल होकर होली खेलने से बचें

- गले मिलने या हाथ मिलाने से परहेज करें

- होली खेलते समय साफ-सफाई का ध्यान रखें

- बीमार लोगों से दूरी बनाकर रहें

- आंख, नाक या मुंह पर हाथ लगाने से बचें

- किसी से भी हाथ टच होने के बाद तत्काल साबुन से धोएं

- थोड़ी-थोड़ी देर सैनीटाइजर का यूज करते रहें

- बाथरूम जाने के बाद, खाने से पहले और खांसने, छींकने के तुरन्त बाद हाथ को धोएं

केमिकल कलर से बचें

शहर के स्कीन स्पेशलिस्ट डॉ। विजय कुमार राय ने बताया कि होली खेलते समय त्वचा का बचाव बहुत आसानी से किया जा सकता है। होली के रंगों से स्कीन को बचाने के लिए केवल नेचुरल कलर का प्रयोग करें और केमिकल वाले कलर से बचें। स्कीन हमारे शरीर की पहली डिफ्रेंश आर्गन होती है। यदि ये स्वस्थ्य नहीं तो शरीर में इंफेक्शन के चांस बढ़ जाते हैं। होली खेलने से पूर्व शरीर पर तेल जरूर लगा लें। होली खेलने के बाद बेसन या जौ के आटे में थोड़ी हल्दी मिला लें और उड़द की दाल का आंटा मिलाकर चेहरे पर उबटन की तरह लगाकर थोड़ी देर छोड़ दें, फिर गुनगुने पानी से रगड़ कर छुड़ा लें। चेहरे पर ऐसे साबुन का प्रयोग न करें जो चेहरे को ड्राय करे। होली के दिन चिकने साबुन का प्रयोग करें, क्योंकि अधिक देर तक धूप में होली खेलने के कारण स्कीन की ड्रायनेश बढ़ जाती है। कई ऐसे लोशन भी आते हैं, जो गुलाब जल बेस्ड होते हैं, उनका प्रयोग कर सकते हैं। स्कीन पर कलर लगने के बाद अधिक समय तक लोग धूप में रहते हैं, जिस कारण स्कीन पर क्रेच हो जाता है, जो उस समय तो नहीं दिखता है, लेकिन बाद में पेनफुल हो जाता है। यदि संभव हो तो चेहरे पर लगाने वाले उबटन में थोड़ी चिरौंजी, केला का गुदा मिक्स कर लें, थोड़ा तिल का तेल मिला लें और सफेद चंदन का पाउडर मिलाकर होली के बाद एक सप्ताह तक लगाते रहें इससे स्कीन फिर नार्मल हो जाएगी।

आंखों को तुरंत करें साफ

होली खेलते समय आंखों का ध्यान रखना सबसे जरूरी है। आंखों को रंग से बचाना जरूरी है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ। पीके सिंह बताते हैं कि होली खेलते समय केमिकल बेस्ड कलर के उपयोग से बचें। यदि आंखों में कलर चला जाता है तो उसे अच्छे से क्लीन करें। आंखों की समस्या अधिकतर रूरल एरिया में होती है, इसलिए रूरल एरिया में गुलाब जल की तत्काल व्यवस्था रखनी चाहिए। यदि अधिक समस्या आए तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। होली में हर्बल कलर आने से अधिक नुकसान नहीं होता है, इसलिए केमिकल कलर से बचना चाहिए।

खाने-पीने में रखें परहेज

आयुर्वेद कॉलेज की अधीक्षक डॉ। नीलम गुप्ता ने बताती हैं कि होली का त्योहार वसंत ऋतु में पड़ता है। इसके बाद ही गर्मी की शुरुआत होती है। ठंड के बाद अचानक तापमान और आर्द्रता में बढ़ोतरी के कारण शरीर में जमा कफ पिघलने लगता है और कफ से जुड़ी कई बीमारियां होने लगती हैं। त्योहारों में मिठाइयों-पकवानों की अधिकता होती है, ऐसे में आहार में थोड़ी भी गड़बड़ी आपके लिए बड़ी मुसीबत का कारण बन सकती है। होली में तली-भुनी, मीठी चीजों से बचें। यदि खाते हैं तो भोजन से कार्बोहाइड्रेट युक्त चीजों को कम कर आहार का संतुलन बनाएं। होली के समय ज्यादातर लोग डिहाइड्रेशन का शिकार होते हैं। थोड़ी-थोड़ी देर पर पानी, छाछ और स्वस्छ पेय का सेवन करते रहें.

Posted By: Inextlive