दिल्ली में बढ़ रहे कोरोना केस शहर में स्कूलों ने शुरू की तैयारी स्कूल्स कड़ाई से कोविड प्रोटोकाल को फालो कराने में जुटे हुए हैैं कोविड पीरियड में एजुकेशन की दुर्गती भी बड़ा सवाल

वाराणसी (ब्यूरो)दिल्ली, एनसीआर, नोएडा, गाजियाबाद, गुडग़ांव आदि शहरों में बड़ी संख्या में बच्चे कोरोना संक्रमित हो रहे हैैं। ओमिक्रॉन बीए.2 और एक्सई वैरिएंट कहर मचा रहा है। ऐसे में बनारस में पैरेंट्स अपने बच्चे को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाने में जुट गए हैं। मास्क अप, सेनिटाइजर और सोशल डिस्टेंस के साथ स्कूल भी अलर्ट मोड में हैैं.

दिल्ली समेत कई शहरों में कोविड के केसेज में इजाफा होने लगा है। इधर बनारस में भी पैरेंट्स स्कूल भेजने में कोविड से बचाव को लेकर चिंतित हैैं। वहीं, स्कूल और संचालक कोविड से बचाव के गाइडलाइन के पूरा फॉलो करने का दम भर रहे हैैं। कोरोना काल में लगातार बंद से के बाद आठ फरवरी से स्कूल खुले। इस अवधी में पिछड़ रहे कोर्स, ऑॅनलाइन डाउट्स, प्रैक्टिल समेत एग्जाम आदि को धड़ाधड़ निबटाने पर जोर दिया गया। क्लास को भी फोर्सली अभियान के तौर पर चलाकर स्टूडेंट के कोर्स को कवर करने का प्रयास सभी स्कूलों ने किया। अब कमोबेश सभी स्कूलों में नया सेशन स्टार्ट हो गया है। सभी स्टूडेंट अपनी कक्षाओं के कोर्स के स्टडी में रम गए हैैं। ऐसे में बढ़ते केसेस से पैरंट्स चिंतित जरूर हुए हैैं। स्कूलों में कोविडगाइड लाइन की तैयारी से राहत की सांस ले रहे हैैं।

कोविड से कब छूटेगा पिंड

वर्ष 2022 के जनवरी महीने में कोविड महामारी की रफ्तार धीमी पड़ गई थी। लिहाजा, यूपी में आठ फरवरी को यूपी के सभी स्कूल-कॉलेज को कैंपस-क्लास स्टूडी के ओपन कर दिया गया था। ऐसे में कक्षाओं के चलते हुए तीन महीने भी पूरे नहीं हुए थे कि पूरे देश में ओमिक्रॉन बीए.2 और एक्सई वैरिएंट के बढ़ते केसेज ने पैरेंट्स की धड़कनों को बढ़ा दिया है। कोविड इफेक्ट से बर्बाद होती बच्चों की पढ़ाई से परेशान अभिभावक सोच रहे हैैं, जाने कब कोरोना बीमारी से पिंड छूटेगा।

सीरियस हैैं बच्चे

फिलहाल, सभी स्टूडेंट को क्लास में ऑफलाइन मोड में पढ़ाया जा रहा है। इससे बच्चों का कोर्स तो पूरा हो ही रहा है। स्टूडेंट के डाउट और डेब्ट को सहजता से टीचर्स सहजता से दूर कर रहे हैैं। प्रैक्टिकल सेलेबस भी साथ-साथ पूरा किया जा रहा है। ऐसे में देशभर में बढ़ते कोविड केसेज अवेरनेस के प्रति स्टूडेंट्स सीरियस हैैं। स्कूल प्रबंधन और टीचर्स के अर्लटनेस से बच्चे भी कोविड प्रोटोकॉल को कड़ाई से पालन कर रहे हैैं।

कब-कब आया बंद का आदेश

दिसंबर लास्ट से 16 जनवरी

16 जनवरी से 23 जनवरी

23 जनवरी से 30 जनवरी

30 जनवरी से 6 फरवरी

-एक बार फिर कोविड का मंडराने लगा संकट

स्कूल में स्टूडेंट को कोविड संक्रमण से बचाने के लिए कड़ाई से गाइड लाइन को फॉलो किया जा रहा है। बच्चे को पूरी सजगता से क्लास वर्क कराया जा रहा है.

रचना श्रीवास्तव, डायरेक्टर, सिल्वर ग्रोव स्कूल

अवकाश का सिलसिला फरवरी में आकर थमा। आठ फरवरी को स्कूल के अनलॉक होते ही धड़ाधड़ कोर्स को पूरा कराया गया। अब देश में बढ़ते कोविड केसेज को लेकर स्कूल अलर्ट मोड में है।

संतोष कुशवाहा, प्रिंसपिल, ऑक्सफोर्ड इंग्लिश स्कूल

कोविड के बढ़ते केसेज सभी के लिए चिंता का विषय है। हमारी चिंता ये है कि स्कूल्स के फिर से बंद होने की नौबत आई तो स्टूडेंट्स की बेसिक जरूरतों को कैसे पूरा करा पाएंगे।

डॉआभा सिंह, प्रिंसिपल, इंपीरियल पब्लिक स्कूल

हाल के दो वर्षों में एजुकेशन की जो दुर्गति हुई है, शायद पहले कभी नहीं हुई होगी। प्रैक्टिकल और बेसिक समक्ष के लिए क्लास चलाना जरूरी है। स्कूल में कोविड से निबटने का पूरा इंतजाम है,।

रघुवर दास, प्रिंसिपल, वागिशा पब्लिक स्कूल

पैरेंट्स की चिंता जायज है। बच्चों को कोविड से सेफ रखने की जिम्मेदारी हमारी भी है। कैंपस में मास्क अप, सैनिटाइज और सोशल डिस्टेसिंग सेमत कोविड गाइड लाइन को फालो कड़ाई से बचाव किया जा रहा है।

पुष्प अग्रवाल, डायरेक्टर, हैप्पी होम स्कूल

Posted By: Inextlive