संकाय में पेशेंट के इलाज के लिए जरूरी उपकरण तक नहीं सबसे मस्ट डेंटल चेयर ही यहां डिस्टर्ब है जिस पर शुरू होता है इलाज कई बार मरीजों से सामान मंगवाकर शुरू करना पड़ता है इलाज अब सुविधाओं को लेकर प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट अनिश्चितकालीन धरना की चेतावनी

वाराणसी (ब्यूरो)बीएचयू ट्रामा सेंटर के दंत चिकित्सा संकाय में आने वाले मरीजों के लिए सुविधा शून्य के बराबर है। यहां आने वाले मरीजों का इलाज कई बार मोबाइल की रोशनी में किया जाता है। उपचार के लिए जरूरी उपकरण मौजूद नहीं है। डेंटल चेयर भी डिस्टर्ब है। स्टूडेंट्स ने बताया कि असुविधाओं को लेकर बीएचयू प्रशासन को कई बार कहा गया, लेकिन उनकी ओर से कभी संज्ञान नहीं लेने के कारण स्थिति गंभीर होती जा रही है। अब विरोध में स्टूडेंट्स संकाय में काली पट्टी बांध कर जा रहे हैं। संकाय में पोस्ट ग्रेजुएशन की सीटों की संख्या बढ़ाने की भी मांग की जा रही है। स्टूडेंट्स ने कहा कि यदि मांगे नहीं पूरी हुईं तो वे अनिश्चितकालीन धरना पर बैठने के लिए मजबूर होंगे.

सुविधाओं का अभाव

स्टूडेंट्स ने बताया कि बेकार पड़े चेयर ठीक कराए जाएं। एल्जीनेट, डेंटल स्टोन, प्लास्टर ऑफ पेरिस, रूट कैनाल ट्रीटमेंट समेत ग्लब्स, मास्क, ऑटोक्लेव मशीन मुहैया कराया जाए। स्थिति ये है कि कई बार इलाज कराने आए मरीजों से सामान मंगवाना पड़ता है।

- स्टूडेंट्स की मांग

1. प्रतिदिन अस्पताल की सफाई हो

2. हर फ्लोर पर पानी की सुविधा हो

3. पीजी की सीटों में बढ़ोतरी की जाए

4. डेंटल साइंस में 63 सीटों पर पीजी की सिर्फ 24 सीटें हैं, जिसे बढाकर 45 किया जाए.

5. फाइनल ईयर के स्टूडेंट्स को ट्रामा सेंटर स्थित छात्रावास मुहैया कराया जाए

6. ऑल इंडिया रैंकिंग में तीसरे नंबर पर होने के बावजूद दंत चिकित्सा संकाय की अपनी कोई लाइब्रेरी नहीं

लैब में बरती जा रही लापरवाही

दंत चिकित्सा संकाय में 9 में से केवल तीन ही विभागों के पास आटोक्लेव है। बाकी उपकरणों को उबालते हैं और अन्य रोगियों पर इस्तेमाल करते हैं। यहां स्टरलाइजेशन सिस्टम का कोई मतलब ही नहीं.

प्रोफसर से कम स्टूडेंट्स

डेंटल में पोस्ट ग्रेजुएशन के सीटों की संख्या महज 24 है। इन्हें पढ़ाने वाले प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसरों की कुल संख्या 25 (18+7) है। स्टूडेंट्स की मांग है कि हर एक प्रोफेसर के अंडर में पीजी के दो स्टूडेंट रखे जाएं। पीजी की सीटों को बढ़ाकर 45 किया जाए.

क्राउन बनाने की लैब नहीं

बीएचयू में क्राउन बनाने के लिए लैब की सुविधा नही है। मरीजों को बाहर से क्राउन बनावाना पड़ता है। जो महंगा पड़ता है। यहां प्रतिदिन औसतन 350 मरीजों का आना होता है। ऐसी स्थिति में सिंग्ल मैनुअल बीपी लेने की मशीन दंत चिकित्सक संकाय में नहीं है।

बीएचयू देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक है। दंत चिकित्सा संकाय में प्रतिदिन सैकड़ों मरीज आते हैं, लेकिन मूलभूत सुविधाओं का यहां नहीं होना अपने आप में चिंताजनक विषय है।

डॉएचके दीक्षित, डेंटल छात्र

बीएचयू के नाम पर यहां सैकड़ों मरीज उपचार कराने आते हैं, लेकिन सुविधाएं शून्य होने के कारण कई मरीज वापस लौट जाते हैं। जबकि यहां आने वाले मरीजों से इलाज के नाम पर पूरी राशि ली जाती है.

- डॉस्वर्णिमा झा

बीएचयू ट्रामा सेंटर स्थित दंत चिकित्सा संकाय में मूलभूत सुविधाओं का अभाव कोई नई बात नहीं है। कई बार सुविधाओं को लेकर शिकायत भी की गई, लेकिन प्रशासन स्तर पर कोई काम नहीं होता है.

- डॉआयुषी शर्मा

दंत चिकित्सा संकाय के स्टूडेंट्स ने प्रशासन के समक्ष अपनी समस्याओं को लेकर कुछ मांगे रखी है। यदि मांगे पूरी नहीं होती हैं तो हम आगे की रणनीति पर विचार कर सकते हैं।

- डॉविवेक कुमार शुक्ला

भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय के निर्देशो तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप बीएचयू के अधिनियम में निहित प्रावधानों के अन्तर्गत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। यदि किसी संकाय से कोई महत्वपूर्ण बात संज्ञान में आती है, तो उसको नियमानुसार तत्काल निस्तारित किया जाता है.

डॉराजेश सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, बीएचयू

Posted By: Inextlive