शहर में तैयार हो रहा मीठा जहर
-दीवाली के लिए तैयार होने लगी मिलावटी मिठाइयां
-आसपास के डिस्ट्रिक्ट्स से जहरीले खोवे की खेप पहुंची मार्केट में VARANASI: खुशी व प्रकाश का पर्व दीवाली का वेट हर कोई बेसब्री से कर रहा है। यही वजह है कि हर कोई इस पर्व पर अपनों को तोहफा देने के लिए परचेजिंग में जुट गया है। लोग अपनों का मुंह मीठा कर त्योहार की खुशी को दुगना करना चाहते हैं लेकिन मिलावटखोर कुछ और ही चाहते है। यदि आप एलर्ट नहीं रहेंगे तो फिर त्योहार की खुशियां काफूर भी हो सकती है। दीवाली पर मिलावटी मिठाई का कारोबार फास्ट हो गया है। अधिक से अधिक रुपये कमाने की चाह में लोगों तक मीठा जहर परोसने की तैयारी चल रही है। यूपी सहित बिहार से खोवे की खेप बनारस में पहुंचनी स्टार्ट हो गई है। रेलवे व रोडवेज से पहुंच रहा खोवारेल रूट से लेकर सड़क मार्ग से खोवा आना स्टार्ट हो गया है। बनारस सहित पूर्वाचल भर में बिहार के खोवे की डिमांड बहुत होती है। बिहार, चंदौली, गाजीपुर, सैदपुर आदि डिस्ट्रिक्ट्स से खोवा की खेप बनारस पहुंचने लगी है। बिहार के खोवा की क्वॉलिटी ठीक-ठाक होती है लेकिन मंडी में पहुंचते ही खोवा का रंग बदलने लगता है। खोवा व्यापारियों की माने तो दीवाली पर लगभग एक हजार कुंतल से भी अधिक खोवे की खपत होती है। चौक खोवा मंडी सहित अस्सी एरिया में खोवा की दुकानों में अभी से लोगों की भीड़ आने लगी है। इसलिए खोवा में मिलावट भी तेजी से होने लगा है।
ऐसे होगी मिलावट की परख -असली खोवा हथेली पर रगड़ने पर घी छोड़ता है। -असली खोवा भुनते व्यक्त कढ़ाई में चिपकता नहीं है। -नकली या मिलावटी खोवे का टेस्ट कुछ खट्टापन लिए होगा। -बहुत सफेद खोवे में मिलावट की आशंका अधिक होती है। -मिलावटी दूध की डिटर्जेट या यूरिया की हल्की गंध आती है। -दूध को चखने पर मीठे के बजाय कड़वा लगेगा। -दूध को देर तक खुले में बाहर रखने पर भी खराब नहीं होता है। मिलावटी दूध से छेना तैयार होता है। मिला पांच कुंतल मिलावटी खोवा दीवाली पर मिलावटी खोवा की खेप आना स्टार्ट हो गया है। क्7 अक्टूबर को फूड इंस्पेक्टर हरिश्चंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम ने गोलगड्डा क्रॉसिंग के पास से पांच कुंतल मिलावटी खोवा पकड़ा। रेलवे स्टेशन सहित फेमस बस स्टॉपेज पर खोवा की चेकिंग भी स्टार्ट हो गई है। इस तरह बनता है मिलावटी खोवादेखने में असली दिखाई देने वाला नकली खोवा, मिल्क पाउडर, वनस्पति घी, आलू, आरारोट से तैयार किया जाता है। इसमें पड़ने वाली हर चीज अपना-अपना काम करती है। दीवाली पर खोवा में भारी मिलावट किया जाता है। इससे तैयार होने वाली मिठाइयों का सेवन करते ही बीमारी जकड़ लेगी।
पैक्ड स्वीट्स है ऑप्शन पैक्ड फूड आइटम्स में मिलावट की कोई गुंजाइश नहीं होती है। कम रेट में बेहतरीन पैकिंग के साथ स्वीट्स अवेलेबल है। चॉकलेट के पैक्ड पचास रुपये से पांच सौ तक में, फ्रूट जूस 7भ् रुपये से लेकर छह सौ रुपये तक, स्वीट्स क्भ्0 रुपये से लेकर पांच सौ रुपये व सोनपापड़ी के पचास रुपये से लेकर तीन सौ रुपये के गिफ्ट पैक मार्केट में अवेलेबल है। मिलावटी खाद्य पदार्थो का नुकसान हमारी बॉडी पर कई तरह से होता है। मिलावटी सामान हमारे पेट में पहुंचता है तो डाइजेस्टिव सिस्टम को डिस्टर्ब करता है। लीवर डैमेज होता है। किडनी पर भी घातक असर होता है। डायरेक्टरली, इनडायरेक्टरली हार्ट को इफेक्ट करता है। डॉ। अरविंद सिंह सेक्रेटरी, आईएमए मिलावटी मिठाई काफी डेंजरस होती है। इसे लीवर सहित किडनी पर काफी असर पड़ता है। छोटे बच्चों के लिए तो काफी डैंजरस होता है। बीमारी से बचने के लिए दीवाली पर स्वीट्स अवॉयड करना चाहिए। डॉ। प्रमोद कुमार फिजिशियन, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटलमिलावटी मिठाई खाने से फूड पॉइजनिंग होती है। उल्टी-दस्त बढ़ जाता है। कई दिनों तक इसका असर होता है। इससे बचने के लिए पैक्ड और प्रतिष्ठित शॉप्स ही स्वीट्स लें।
डॉ। प्रकाश चंद्रा सीनियर कंसल्टेंट सिटी में मिलावटी खोवा नहीं सेल होने देंगे। अदर डिस्ट्रिक्ट्स से आने वाले खोवा पर भी नजर रखा जा रहा है। रेलवे स्टेशन सहित रोडवेज पर भी टीम निगाह रखे हुए है। स्वीट शॉप्स पर भी चेकिंग की जाएगी। हरिश्चंद्र सिंह फूड इंस्पेक्टर