पहडिय़ा मंडी में उतर रहे देश और विदेश से सीजनल और इंपार्टेड फ्रूट नाशपाती ड्रैगन फ्रूट माल्टा तरबूज कीवी के भाव आसमान पर

वाराणसी (ब्यूरो)पूर्वांचल की सबसे बड़ी फल-सब्जी की पहडिय़ा मंडी में सीजनल फलों के दाम आसमान छू रहे हैैं। सेब, नारियल, अन्ननाश और पपीता को छोड़ दें तो अन्य इंपार्टेड फ्रूट की कीमतें मिडल क्लास के बजट से बाहर की है। वहीं, थोक फल विक्रेताओं का कहना है कि लगन सीजन ऑन होने के बावजूद धंधा मंदा चल रहा है। पहडिय़ा मंडी में सेब 40, केला 12, पपीता 50, अन्ननाश 30 और नारियल 25 रुपये प्रति किलो के रेट से थोक व फुटकर में बिक रहा है। वहीं, विदेशों से आने वाले इंपार्टेड फ्रूट में शुमार ड्रैगन फ्रूट 100 रुपये प्रति पीस, माल्टा 300, कीवी 340 और नाशपाती भी 300 रुपये प्रतिकिलो की रेट पर बिक रहा है। मंडी में इन दिनों पपीता, केला, अन्ननाश, नारियल, संतरा, सेब और अन्य फलों की आवक डिमांड के सापेक्ष बनी हुई है.

विटामिन सी वालों के लिए जरूरी

बनारस में सर्दी ने दस्तक दे दी है। इससे रसीले और विटामिन वाले फलों की मांग में इजाफा देखने को मिल रहा है। इस समय सबसे ज्यादा लोग विटामिन सी वाले फलों को तरजीह दे रहे हैं। डॉक्टरों की सलाह पर इस समय लोग पपीता, मौसमी, तरबूज, बेल का खूब सेवन कर रहे हैं.

सर्दियों में घटते हैैं दाम

मंडी के फल व्यापारी धीरज सांड ने बताया कि मौसमी फलों के दाम अमूमन सर्दियों के सीजन में घट जाते हैैं। लेकिन, इस साल सेब को छोड़कर अन्य फलों के दाम टस से मस नहीं हो रहे हैैं। इसमें भी लोकल को छोड़कर बड़े व्यापारी लंबे समय तक टिकने वाले महंगे और इंर्पाटेड फलों को मंगा रहे हैैं। संतरा, अंगूर, माल्टा, कीवी, नाशपाती, ड्रैगन फ्रूट आदि काफी महंगे हैैं। हालांकि इधर थोक मंडी में पिछले पांच दिनों से हिमाचली सेब की खेप आने से सेब नरम चल रहा है। जबकि इम्पार्टेड सेब (जो गाढ़ा लाल रंग का होता है) का भाव अपने पुराने रेट 180 ले 200 रुपए प्रतिकिलो बना हुआ है.

बढ़े फलों के दाम

फल दाम

ड्रैगन फ्रूट 100 रु। पीस

अन्ननाश 30-40 रु। पीस

माल्टा - 300 रु। पर केजी

कीवी 340 रु। पर केजी

नाशपाति 300 रु। पर केजी

अंगूर 200 रु। पर केजी

संतरा 80 रु। पर केजी

अनार 140 रु। पर केजी

सेब 40-50 रु। पर केजी

मंडी में फलों की आवक तो बनी हुई है। लेकिन, हाल के दिनों में लगन चलने के बाद भी फलों की बिक्री पर असर पड़ा है। जनवरी बाद ही फलों के रेट में कमी आने से हर प्रकार के फलों की डिमांड बढ़ेगी.

संजय, फल व्यापारी, पहडिय़ा मंडी

लोकल फलों के दाम तो कम हैैं। लेकिन, इन दिनों इंर्पाटेड फलों का ट्रेड जार पकड़ रहा है। इस वजह से कई फल मंडी से लेकर फुटकर मार्केट तक में महंगे दामों में बिक रहे हैं। जनवरी से सस्ता होने की उम्मीद है.

धीरज सांड, फल व्यापारी, चंदुआ सट्टïी

Posted By: Inextlive