इस समय जिसे हो रहा फीवर उसकी दवा और इलाज में छूट रहे पसीने रहस्यमयी बुखार की जांच कराने में लग रहे पांच से छह घंटे रूरल एरिया से लिए जाएंगे ब्लड सैंपल घर-घर हो रही स्क्रीनिंग


वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में डेंगू-चिकनगुनिया ने हमला तेज कर दिया है। अब यह घर के हर सदस्य को अपना शिकार बना रहा है। अगर घर में किसी एक को भी डेंगू या रहस्यमयी बुखार हुआ तो धीरे-धीरे वह हर सदस्य को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। डेंगू ने भी अपना दायरा बढ़ा दिया है। डिपार्टमेंट के आंकड़ों की मानें तो जिले में डेंगू के कंफर्म केस 200 के पार पहुंच गए हैं, जबकि संदिग्ध मरीजों की संख्या हजारों में पहुंच गई है। जो लोग अस्पताल न पहुंच घर पर ही इलाज करा रहे हैं, उनकी संख्या अलग है।

मलेरिया-चिकनगुनिया भी

वहीं मलेरिया के 25 से ज्यादा केस सामने आए, जबकि चिकनगुनिया के आंकड़े भी 50 के करीब पहुंच गए हैं। हालांकि इसके सबसे बड़े लक्षण ज्वाइंट पेन और बॉडी पर रेड रैशेज करीब-करीब हर वायरल फीवर के पेशेंट में देखने को मिल रहे हैं। लगातार बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन में भी बेचैनी बढ़ गई है। स्वास्थ्य विभाग इस बढ़ते रोग को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है.

एक घंटे में कट रही पर्ची

इधर लगातार मरीजों की बढ़ती संख्या ने अस्पतालों में भीड़ बढ़़ा दी है। मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा है कि ओपीडी से लेकर वार्ड और इमरजेंसी तक फुल हैं। प्राइवेट हो या सरकारी शहर का ऐसा कोई अस्पताल नहीं बचा है, जहां रहस्यमयी बुखार के मरीजों की भीड़ न लगी हो। जिस मंडलीय, जिला और एलबीएस रामनगर में सामान्य दिनों मरीजों की संख्या सैकड़ों में थी, वहां वर्तमान में हजारों की संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं।

तीन हजार मरीज परडे

मंडलीय और जिला अस्पताल में ढाई से तीन हजार मरीज डेली पहुंच रहे हैं। हालात ये हो गए है कि एक मरीज को जांच से लेकर उपचार कराने तक में पांच से छह घंटे का समय लग रहा है। पर्ची काउंटर पर लगी कतार में खड़े मरीजों को तीमारदार को सिर्फ पर्ची कटाने में एक से डेढ़ घंटे लग रहे हैं। अस्पताल में भीड़ देखकर कई सारे मरीज प्राइवेट हॉस्पिटल या घर पर ही रहकर इलाज करा रहे हैं।

रिपोर्ट के लिए इंतजार

पंडित दीनदयाल राजकीय अस्पताल में प्रतिदिन 500 से अधिक सैंपल लिए जा रहे हैं। जहां सैंपल देने के बाद लोगों को दो से तीन दिन का इंतजार करना पड़ रहा है। इसी तरह बीएचयू में भी प्रतिदिन 200 से अधिक सैंपल लिए जा रहे हैं।

एक फोन पर इलाज

सीएमओ डॉ। संदीप चौधरी ने बताया कि मंडलीय अस्पताल, जिला अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए है। जिस पर फोन करके कोई भी इनके इलाज सम्बन्धित जानकारी एक्सपर्ट डॉक्टर से ले सकता है। मरीज 24 घंटे हेल्पलाइन नम्बर 0542-2720005 और 1533 पर फोन कर कोई भी आपात स्थिति में चिकित्सा सम्बन्धित जानकारी ले सकते है।

150 जगहों पर छिड़काव

वाराणसी नगर निगम और अन्य विभाग की मदद से बनारस के 150 से अधिक जगहों पर एंटी लारवा का छिड़काव किया जा रहा है। अर्बन और रूरल एरिया में साफ- सफाई, एंटी लार्वा छिड़काव व फागिंग का कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा डोर टू डोर जाकर लोगों को जागरूक करने का काम किया जा रहा है।

रहस्य से कब उठेगा पर्दा

स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अभी तक यह पता लगाने की जरूरत नहीं समझ पाए है कि आखिर बुखार है क्या। अभी किसी ने भी ऐसा बुखार नहीं देखा था, जो एक बार पकड़ ले तो छुड़ाने में उसके पसीने छूट जाए। बीमार होने के बाद मरीज को ठीक होने से दो से तीन सप्ताह का वक्त लग रहा है, लेकिन ज्वाइंट पेन महीनों तक बना रह रहा है। जांच में भी ज्यादातर लोगों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया की पुष्टि नहीं हो रही है। ऐसे में डॉक्टर भी यह नहीं बता पा रहे हैं कि मरीज को बीमारी कौन सी है। वहीं पीडि़तों का कहना है कि यह बीमारी कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक है। उसमें तीन से चार दिन में रिकवरी रेट हाई हो जाती थी, लेकिन इसमें महीनों लग रहे है। यह कौन सी बीमारी है यह रहस्या बना है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और सरकार की ओर से इस रहस्या से पर्दा नहीं उठ रहा है।

यह एक वायरल फीवर है। इससे बहुत ज्यादा भयभीत होने की जरूरत नहीं है। बुखार होने पर शरीर में पानी की कमी न होने दें। नारियल पानी, चाय, कॉफी और जूस का सेवन करते रहें। इससे काफी रिलीफ मिलेगा। बाकी डिपार्टमेंट हर स्तर पर बीमारी से बचाव का कार्य कर रहा है।

डॉसंदीप चौधरी, सीएमओ

Posted By: Inextlive