बनारस में अब तक करीब 50 फीसदी बच्चों को ही लग पाई है कोरोना वैक्सीन अगले सप्ताह सोमवार से बच्चों को घर-घर जाकर लगाया जाएगा टीका बच्चों को टीका लगाने के मामले में जिला पूरे प्रदेश में 12वें पायदान पर

वाराणसी (ब्यूरो)कोरोना के चौथे वेव की आहट हो चुकी है। लेकिन, जिले में अब तक करीब 50 फीसदी बच्चों को ही कोरोना वैक्सीन लग पाई है। ऐसे में बच्चों पर संकट गहरा गया है। इसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है। अगले सप्ताह सोमवार से बच्चों को घर-घर जाकर टीका लगाने की तैयारी है। बच्चों के टीकाकरण मामले में पूरे प्रदेश में बनारस 12वें स्थान पर है। लखनऊ, गाजियाबाद सहित उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण और मास्क की अनिवार्यता के बाद वाराणसी में स्वास्थ्य महकमा सतर्क हो गया है। हालांकि राहत की बात यह है कि वाराणसी में संक्रमण में किसी प्रकार की बढोतरी देखने को नहीं मिली है। स्वास्थ्य विभाग ने सैंपल जांच बढ़ाए जाने के आदेश दिए हैं। इस बीच चौथे वेव में बच्चों पर संकट आने की आहट से पहले स्वास्थ्य विभाग और भी चौकन्ना हो गया है।

घर-घर जाकर लगेगा टीका

12 से 14 साल के बच्चों को अधिक से अधिक टीकाकरण कराए जाने पर स्वास्थ्य विभाग का जोर है। वर्तमान समय में बच्चों के टीकाकरण में वाराणसी पूरे प्रदेश में 12वें स्थान पर है और इसकी गति के बढ़ाने को लेकर अब घर-घर टीकाकरण का अभियान अगले सप्ताह सोमवार से शुरू होगा। इसकी तैयारी विभाग ने शुरू कर दी है। जानकारों की मानें तो चौथे वेव में बच्चों पर संकट गहराने के आसार हैं, लेकिन इसे टालने के लिए विभाग एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। अब तक जिले में लगभग 50 प्रतिशत बच्चों का टीकाकरण किया जा चुका है।

तीसरी लहर में मिले कम मरीज

कोरोना की पहली, दूसरी लहर के मुकाबले तीसरी लहर में मरीजों की संख्या कम रही। इसके पीछे अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण होना और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना मुख्य वजह रही। हालाकि वर्तमान समय में वाराणसी में कोरोना के मरीज न के बराबर है, इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों से मास्क और अन्य जरूरी प्रोटोकॉल को फॉलो करने की लगातार अपील कर रही है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि कोरोना से एक मात्र कारगर उपाय है सतर्कता।

जिले में अभी कोराना के 7 केस

जिले में अभी कोरोना के एक्टिव केस 7 हैं और यह आने वाले दिनों में और भी कम होने की संभावना है। इधर स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों के साथ ही जरूरत पडऩे पर एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन और अन्य जगहों पर कोरोना जांच कराने की बात कही है। इसके लिए नए सिरे से टीम का गठन कर जिम्मेदारी दी जाएगी। वहीं, राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय की अधीक्षक डॉ। नीलम गुप्ता ने बताया कि जिन जिलों में कोरोना का संक्रमण जिस तरह से बढ़ रहा है, इससे बचाव के लिए कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है। अगर सही से पालन किया जाए तो कोई परेशानी नहीं होगी.

इन पर एक नजर

ऑक्सीजन प्लांट- 23

कोविड अस्पताल में बेड- 2500

छह सीएचसी पर बेड- 30-30 बेड

जिले में टीकाकरण की स्थिति

- 60,37,001 लोगों को लगे कोरोना डोज

- 34,05,280 पहली डोज

- 25,66,108 दूसरी डोज

- 65,613 प्रीकॉशनरी डोज

- 2,29,173 किशोरों को पहली डोज

- 1,40,284 किशोरों को दूसरी डोज

- 12 से 14 वर्ष के कुल 75,934 डोज

वर्जन

जिले में बच्चों को टीकाकरण में तेजी लाने के लिए हमने पूरा जोर लगा दिया है। स्कूलों के बाद अब घर-घर जाकर टीका लगाने की तैयारी कर रहे हैं। अगले सप्ताह से घर पर जाकर बच्चों को टीका लगाया जाएगा। बनारस में टीकाकरण की स्थिति काफी मजबूत है.

- डॉ। संदीप चौधरी, सीएमओ

सिर्फ 17 फीसदी लोगों में बची एंटीबाडी

महज 17 फीसद लोगों में ही एंटीबाडी पूरी तरह से सक्रिय पाई गई है। ऐसी स्थिति काशी ङ्क्षहदू विश्वविद्यालय के जंतु विज्ञान विभाग के विज्ञानियों द्वारा किए गए सीरो सर्वे की रिपोर्ट में आई है। सर्वें में पता चला है कि 46 फीसद लोगों में कोविड के विरुद्ध बनी एंटीबाडी कम हो रही है। 30 फीसद में तो यह पूरी तरह खत्म मिली। सात फीसद लोगों में स्तर औसत पाया गया। हालात यही रहे तो चौथी लहर आने में एक माह से ज्यादा का समय नहीं लगेगा.

15 शोध छात्रों की टीम कर रही काम

प्रो। ज्ञानेश्वर चौबे और युवा विज्ञानी रुद्र पांडेय, प्रज्ज्वल प्रताप ङ्क्षसह समेत उनके 15 शोध छात्रों की टीम पूरे पूर्वांचल में सीरो सर्विलांस कर रही है। इसमें वाराणसी से 22 से लेकर 50 वर्ष तक के 100 लोगों का सैंपल लिया गया। इनमें लगभग 90 फीसद लोग वैक्सीनेटेड हैं। इसका मतलब यह कि वैक्सीन से मिली अर्जित प्रतिरक्षण शक्ति भी इनमें काफी कम है। हैरानी यह कि इनमें 50 फीसदी से अधिक युवा शामिल हैं.

Posted By: Inextlive