5 लाख रैदासी पहुंचे लंगर को सजा मेगाकिचन एक लाख गिलास थाली और कटोरी का स्टॉक 25 फरवरी तक 24 घंटे की चिकित्सा सेवा शुरू सेवादारों ने मंदिर सहित लंगर स्थल व रिहायशी पंडालों की संभाली कमान


वाराणसी (ब्यूरो)गुरु साधना करने, गुरु को रिझाने और गुरु में खुद को समाने को आकुल रैदासियों का शहर सीर में बस चुका है। रविदास मंदिर से लेकर लौटूबीर तक करीब एक किलोमीटर के दायरे में संत रविदास के सपनों का शहर मानों एक कठौती में समा गया है। सीर गोवर्धन में संगत और पंगत की रंगत निखर उठी है। रैदासियों के लिए मेगाकिचन सज चुका है। पीएम मोदी शुक्रवार को सीर में रहेंगे, इसको देखते हुए पूरा सीर लकदक सजाया गया है.

पूरे दिन भजन-कीर्तन

सत्संग स्थल पर पांच लाख रैदासी पहुंच गए हैैं, जो पूरे दिन छोटे-छोटे समूह में भजन-कीर्तन में मगन रहे। कोई एकतारा और खझड़ी की धुन पर थिरक रहा था तो कोई करताल पर झूम रहा। भजन-कीर्तन के बोल भी ऐसे जो गुरु भक्ति को और परवान चढ़ा रहे थे। बड़े-बड़े तंबुओं तले सैकड़ों महिलाएं अपनी-अपनी भाषाओं में गुरु के भजन गुनगुनाते प्रसन्न रहीं.

हरियाणा, पंजाब से पहुंचे रैदासी

जयंती में शामिल होने के लिए हरियाणा, पंजाब से ट्रकों और छोटे वाहनों पर सवार होकर बड़ी संख्या में संगत पहुंची है। एक तरफ रविदास मंदिर में भक्तों की लंबी कतार तो दूसरी ओर भीड़ को नियंत्रित करते मुस्तैद सेवादार। संत रविदास की मूर्ति पर नए वस्त्र चढ़ाने वाले भक्तों की लंबी कतार लगी रही। रविदास मंदिर के द्वार और मंदिर के साथ सेल्फी लेने वालों की भी होड़ लगी रही.

भजन कीर्तन से हुआ गुलजार

भक्तों के निवास कैंप के बाहर भजन-कीर्तन चल रहा है। कहीं कीर्तन तो कहीं पंडवानी तो कहीं लोकगीतों के जरिए गुरु के गुणों का बखान करते हुए श्रद्धालु नाच-गा रहे हैं। मेले में शायद ही कोई ऐसी दुकान हों जहां खरीदारों की भीड़ न हो। जूतियों, कपड़ों, साडिय़ों, सलवार सूट, श्रृंगार के साजो-सामान से लेकर खिलौनों और चाट पकौड़े की दुकानों पर जमकर खरीदारी हो रही थी.

पांच लाख भक्तों के लिए प्रसाद

रसोईं में पांच लाख से अधिक भक्तों के लिए मिठाई, सकरपाला और मठरी बनाया जा रहा है। पांच लाख से ज्यादा रैदासियों को लंगर खिलाने के लिए पंजाब के भक्तों की टोलियां अलग-अलग मोर्चों पर डटी हैं। लंगर 25 फरवरी तक दिन-रात अनवरत जारी रहेगा.

पंडालों में अब नहीं बची जगह

संगत को रहने के लिए पंडालों में अब जगह नहीं बची है। मंदिर परिसर से लेकर पूरे मेला क्षेत्र में जगह-जगह रंग-बिरंगी, झालर-बत्तियों से सजाया गया है। मंदिर प्रबंधन के अनुसार संगत की संख्या करीब 50 हजार के ऊपर पहुंच गई है। इतनी बड़ी संख्या में जुटे लोगों की सेवा के लिए साढ़े सात हजार से अधिक सेवादारों की ड्यूटी तीन शिफ्ट में लगाई गई है.

पंडालों के बाहर बने चार्जर पॉइंट

श्रद्धालुओं और सेवादारों के खाने-पीने और दवा की व्यवस्था के साथ ही उनके मोबाइल चार्ज करने के लिए पंडालों के बाहर दर्जनों चार्जर पॉइंट बनाये गए हैंं। जलकल और नगर निगम की तरफ से पंडाल और मेले परिसर में मोबाइल टॉयलेट के साथ ही अस्थाई पानी के लिये टोटी लगाकर नल लगाए गए हैं। इससे संगत को पीने के लिए पेयजल की समस्या नहीं होगी। जलकल की तरफ से पानी के 12 टैंकर लगवाए गए हैं.

बुखार-सर्दी से बुजुर्ग अधिक पीडि़त पंडाल में बने स्वास्थ्य शिविर में इलाज कराने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। बुखार, सर्दी-जुखाम की से पीडि़त मरीज ज्यादा है। चिकित्सकों का कहना है हवा-पानी बदलने के कारण यह सामान्य दिक्कतें लोगों को हो रही हैं। खासतौर से बुजुर्गों पर इसका प्रभाव अधिक देखने को मिल रहा है.

लघु भारत की झलक

मंदिर के सेक्रेटी सतपाल विर्दी ने बताया कि सीर मेंं पीएम मोदी को देखने के लिए इस बार रैदासियों की भीड़ काफी आ चुकी है। पूरे सीर में लघु भारत का दीदार हो रहा है। पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, चेन्नई, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, बिहार के अलग-अलग पंडालों में विभिन्न भाषा-भाषी के भक्त जुटे हैं। कई देशों के प्रवासी अनुयायियों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं। वहीं लहरतारा स्थित मांडुर में रविदास में तैयारियां जोरों पर चल रही है। मंदिर के अनुयायियों ने संत रविदास की जयंती मनाने के लिए पूरी तैयारी कर चुके है.

आज रविदास पार्क में दीपदान

जयंती की पूर्व संध्या पर 23 फरवरी को हजारों श्रद्धालु नगवा स्थित रविदास पार्क में दीपदान करेंगे। सत्संग स्थल पर प्रवचन होगा.

Posted By: Inextlive