-किसी को बैंक अधिकारी बन तो किसी को स्टाफ बनकर ठगों ने लगाया चूना

-दोनों ही घटनाओं में जालसाजों ने पिन कोड पूछकर घटना को दिया अंजाम

VARANASI

इतने अवेयरनेस के बावजूद साइबर क्राइम की घटनाएं नहीं थम रही हैं। डेली कोई न कोई साइबर ठगी का शिकार हो रहा है। आश्चर्य इस बात की है कि पढ़े-लिखे भी इसके शिकार हो जा रहे हैं। सोमवार को भी इस तरह का एक मामला चौबेपुर थाना व दूसरा बड़ागांव थाने पहुंचा। साइबर क्राइम के जरिये गाढ़ी कमाई लुटाने वालों ने पुलिस से गुहार लगाई है।

ओला कैब में निकाले गये दस हजार

कैथी निवासी लइक आफताब के मोबाइल पर फोन आया। कहा कि इलाहाबाद बैंक में एटीएम कार्ड के लिए आप ने फॉर्म भरा है और उसके लिए दूसरे बैंक की गारंटी चाहिए। उसने एसबीआई के एटीएम का पिनकोड नंबर बता दिया। रविवार की शाम मोबाइल पर क्0 हजार रुपये निकाल लिये जाने का मैसेज आया। जिसके बाद लइक ने सोमवार को बैंक पहुंचकर पासबुक पर प्रिंट कराया तो उसमें क्0 हजार रुपये ओला कैब में ट्रांसफर किये जाने की बात सामने आई।

एकाउंट में से उड़ा दिये लाखों

दूसरी घटना बड़ागांव थाना एरिया के बसनी गांव के सद्दाम के साथ हुई। उनके मोबाइल पर फोन आया और उसने बैंक अधिकारी होने का दावा करते हुए एटीएम कार्ड बंद होने की बात कही। एटीएम चालू कराने के लिए पिन नंबर पूछा। साथ ही उसने एक गारंटी भी मांगी। इस पर सद्दाम ने अपने भाई सरताज के एटीएम कार्ड का नंबर और पिन कोड बता दिया। सोमवार की सुबह सरताज बैंक से पैसा निकालने गया तो मालूम चला कि खाते में बैलेंस नहीं है। इससे परेशान होकर उसने भाई सद्दाम का खाता चेक किया तो पता चला कि उसके खाते में भी कोई बैलेंस नहीं है। सद्दाम के खाते से 79,0फ्क् और सरताज के खाते से भ्ब्,फ्क्म् रुपये जालसाज ने निकाल लिए थे।

Posted By: Inextlive