Varanasi: गंगा और वरुणा मंगलवार को तेजी से घटने लगीं. मंगलवार की शाम तक गंगा का वॉटर लेवल खतरे के निशान से 17 सेमी नीचे खिसक गया. इस वजह से इसकी सहायक नदी वरुणा में भी तेजी से घटाव शुरू हो गया है. दोनों नदियों के साथ घटने से जहां लोगों ने राहत की सांस ली है. वहीं केन्द्रीय जल आयोग अभी खतरा बरकरार रहने की बात कह रहा है. आयोग की मानें तो गंगा में अभी बढ़ाव फिर से हो सकता है. इसके पीछे वजह है दो दिन पहले उत्तराखंड में बने टिहरी डैम से छोड़ा गया पानी. जल आयोग को अंदेशा है कि टिहरी का पानी दस अगस्त तक बनारस पहुंचेगा. इसके चलते गंगा एक बार फिर उफन सकती है.


अब सफाई की tensionमंगलवार को तेजी से घट रही गंगा और वरुणा ने लोगों की प्रॉब्लम तो जरूर कम की है लेकिन बाढ़ से घिरे लोगों के सामने अब अपने घरों में लौटना टेंशन बन गया है। वजह है गंगा व वरुणा के नीचे उतरने के साथ घरों में जमा मिट्टी और कचरे की साफ सफाई। लोग घरों में जमा पानी व कचरे, मिट्टी को या तो खुद साफ कर रहे हैं या फिर ठेका देकर साफ करा रहे हैं। वहीं गंगा के रोड तक आने के कारण दशाश्वमेध, शीतलाघाट, अस्सी, रविदास घाट समेत कई अन्य घाटों पर मिट्टी की मोटी परत जमा हो गई है। इसे साफ कराना एडमिनिस्ट्रेशन के लिए बड़ा चैलेंज है।तीन सेमी की रफ्तार से घट रही गंगा
केन्द्रीय जल आयोग के मुताबिक मंगलवार को गंगा के जलस्तर में काफी तेजी से घटाव हुआ है। सुबह के वक्त जहां गंगा का वॉटर लेवल आठ सेमी ऊपर था। वहीं शाम होते होते तक ये स्तर खतरे के निशान से 17 सेमी नीचे पहुंच गया। जल आयोग के मुताबिक देर शाम तक गंगा में घटाव की स्पीड तीन सेमी प्रति घंटा रही।

Posted By: Inextlive