ऑनलाइन ने बढ़ा दी मैरिज रजिस्ट्रेशन की रफ्तार
- पिछले साल 2755 नवदम्पतियों ने कराया रजिस्ट्रार ऑफिस में कराया रजिस्ट्रेशन
- पिछले साल की तुलना में तेजी से बढ़ा रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा VARANASI बहू का नाम वोटर लिस्ट, राशन कार्ड में जुड़वाना, राजकीय सेवा में चयन या कोई आवेदन। लगभग सभी जगह मैरिज सर्टिफिकेट की जरूरत पड़ती है। यही जरूरत ने वाराणसी में अब ऑनलाइन मैरिज पंजीयन की रफ्तार बढ़ा दी है। 2018 में मैरिज रजिस्ट्रार ऑफिस में 2755 ने मैरिज रजिस्ट्रेशन कराया। जबकि 2017 में सिर्फ 2041 और 2016 में 1831 ने ही सरकारी दस्तावेज में अपनी शादी को दर्ज कराया। सब रजिस्ट्रार फोर्थ फिसड्डीस्टाम्प एवं रेजिस्ट्रेशन विभाग उत्तर प्रदेश ने 2016 में अपनी आधिकारिक वेबसाइट igrsup.gov.in के माध्यम से हिंदू विवाह ऑनलाइन पंजीकरण शुरू किया। शुरुआत में विवाह पंजीयन को लेकर नवदम्पतियों में खास रूचि नहीं दिखी। 2016 में 1831 दम्पतियों ने ही मैरिज रजिस्ट्रेशन कराया। उम्मीद से कम पंजीयन होने पर प्रदेश सरकार ने हिंदू विवाह पंजीकरण के तहत नए जोड़े को कार्यालय आने की जरूरत को समाप्त कर दिया। वह घर बैठे ही अपने विवाह का पंजीकरण आसानी से ऑनलाइन करवा सकते हैं। इसके बाद इसकी रफ्तार बढ़ने लगी। 2017 में जहां 2041 नव दम्पतियों ने मैरिज रजिस्ट्रेशन कराया। वहीं पिछले साल इसकी रफ्तार और बढ़ गयी। 2018 में 2755 जोड़ों ने रजिस्ट्रेशन कराया। तीनों साल सब रजिस्ट्रार थर्ड में आने वाले क्षेत्र चेतगंज और सिकरौल के नव दम्पतियों में रजिस्ट्रेशन को लेकर जागरुकता ज्यादा है। दूसरे नम्बर पर सब रजिस्ट्रार-वन, तीसरे नम्बर पर सब रजिस्ट्रार-टू रहा। इस मामले में सब रजिस्ट्रार-फोर फिसड्डी रहा।
रजिस्ट्रेशन शुल्क मात्र दस रुपया मैरिज रजिस्ट्रेशन फीस मात्र दस रुपए है। यह राशि ऑनलाइन जमाकर कार्यालय में चालान के साथ प्रस्तुत करने पर ही विवाह पंजीयन होता है। विवाह के एक साल बाद रजिस्ट्रेशन कराने पर फीस पचास रुपए होती है। इससे अधिक पुरानी शादी के लिए हर साल पचास रुपए फीस देना होता है। आफिस वार आंकड़ा सब रजिस्ट्रार-वन 2018, 2017, 2016 702, 547, 502 सब रजिस्ट्रार-टू 2018, 2017, 2016 680, 522, 441 सब रजिस्ट्रार-थर्ड 2018, 2017, 2016 876, 684, 663 सब रजिस्ट्रार-फोर 2018, 2017, 2016 497, 288, 225