एक साल पूरा, मगर सुविधाएं अब भी अधूरा
- जीएसटी के एक साल बाद भी कारोबारियों को नहीं राहत, न्यू रूल्स दे रहे कारोबारियों सहित वकील-सीए को टेंशन
- रिटर्न के खेल को साल भर बाद भी नहीं समझ पा रहे कारोबारीएक जुलाई 2017 से लागू हुए गुड्स टैक्स सर्विस (जीएसटी) को एक साल पूरा हो गए। मगर, जीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारी अब भी सुकून में नहीं हैं। जीएसटीएन पोर्टल का सर्वर अब भी डोलडाल की स्थिति में है। रिफंड तो मिलना दूर की बात रिटर्न फाइलिंग में भी आपार दिक्कतें कारोबारी फेस कर रहे हैं। एडवोकेट, सीए और कारोबारी अभी साल भर बाद भी रिटर्न फाइल करने की आसान रास्ते की खोज में जुटे हुए हैं। वाणिज्यकर विभाग के दो जोन में बनारस, चंदौली, गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र, मऊ, बलिया, आजमगढ़ आदि जिले हैं। यहां 70 हजार से अधिक फर्म हैं। इनमें करीब दस हजार फर्म ऐसी हैं जिन्होंने बिक्री विवरणी अब तक जमा नहीं किया है।
समस्याएं अपार, सुनवाई बेजारजीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराए कारोबारियों की समस्याएं भी कम नहीं हैं। दिन ब दिन लागू की जा रही न्यू रूल्स जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में अड़चनें बन रही हैं। व्यापारियों का आरोप है कि जीएसटीएन पोर्टल आए दिन फेल ही रहता है। कभी सर्वर डाउन तो कभी कुछ न कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम रहती है। व्यापारियों का आरोप यहां तक है कि हेल्प डेस्क से भी समस्याएं नहीं सुलझ रही हैं।
बना एक देश, एक टैक्स आजादी के बाद देश का सबसे बड़ा कर सुधार है जीएसटी। इसकी शुरुआत 30 जून, 2017 की मध्यरात्रि को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी व पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था। इस तरह से एक जुलाई 2017 से अस्तित्व में आए जीएसटी से देश माल एवं सेवाओं की आवाजाही के लिए एकल बाजार बन गया। कारोबारियों ने खुद को जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन करवाया है। जीएसटी में नए-नए नियम से बाजार प्रभावित है। निर्यात में रिफंड समय से नहीं मिलने से पूंजी फंस रही है। उम्मीद है सरकार जल्द ही समस्याओं का निदान कर जीएसटी को और बेहतर बनाएगी। प्रतीक गुप्ता, अध्यक्ष विशेश्वरगंज भैरोनाथ व्यापार मंडल जीएसटी में समस्याओं का निस्तारण किसी भी लेवल पर नहीं हो पा रहा है। नये-नये नियम के चलते अधिवक्ताओं से लेकर सीए तक इसे समझने में फेल हो जा रहे हैं। रिटर्न फाइल और रिफंड दोनों फंस रहा। अतुल कुमार पांडेय, एडवोकेट सेल्स टैक्स बार एसोसिएशनरजिस्टर्ड कारोबारियों की समस्याएं जीएसटी पोर्टल से लेकर हेल्प डेस्क तक से दूर की जा रही हैं। सर्वर भी अब पहले से बेहतर काम कर रहा है। पीके मिश्रा
एडिशनल कमिश्नर (ग्रेड-वन) वाणिज्य कर विभाग एक नजर 70 हजार से अधिक हैं वाणिज्यकर विभाग के जोन में कारोबारी रजिस्टर्ड 2 जोन है वाणिज्यकर विभाग में 42600 कारोबारी रजिस्टर्ड है फर्स्ट जोन में 27400 कारोबारी रजिस्टर्ड है सेकेंड जोन में 35000 नए कारोबारी जीएसटी से जुड़े हैं 25,900 करदाता थे जीएसटी से पहले 16,500 करदाता और जुड़ गए 35000 से अधिक रिफंड है पेंडिंग 10000 लगभग कारोबारियों नहीं दाखिल किया है रिटर्न