ऑपरेशन में पथरी की बजाय निकाल दी महिला की बच्चेदानी. दो साल बाद पेट की जांच होने पर मामला आया सामने. थाने में नहीं हुई सुनवाई तो कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज.

शा कार्यकर्ता की मिलीभगत से पथरी की जगह महिला की बच्चेदानी निकाल गई। दो साल बाद महिला के पेट में फिर से दर्द होने पर हुई जांच में बच्चेदानी निकालने की जानकारी सामने आई। थाने में सुनवाई नहीं होने पर पीडि़त ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। अदालत के आदेश से वाराणसी के चोलापुर थाने में गोला स्थित एक नर्सिंगहोम के डॉ। प्रवीण तिवारी और बेला की रहने वाली आशा कार्यकर्ता आशा यादव के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

70 हजार रुपये लिये

बेला गांव के रहने वाले गोविंद मौर्य ने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी उषा के पेट में 21 अप्रैल 2020 को दर्द हुआ। इस पर उन्होंने गांव की आशा कार्यकर्ता आशा यादव से संपर्क किया। आशा यादव उनकी पत्नी को गोला स्थित डॉ। प्रवीण तिवारी के नर्सिंगहोम ले गई। डॉ। प्रवीण ने जरूरी जांच वगैरह कराई तो सामने आया कि पथरी के कारण दर्द हो रहा है। 21 मई 2020 को उषा को ऑपरेशन के लिए नर्सिंगहोम में भर्ती कराया गया। ऑपरेशन का डॉक्टर ने 70 हजार रुपये लिया। मार्च 2023 में उषा के पेट में फिर दर्द हुआ तो उन्हें बनियापुर स्थित नर्सिंगहोम में दिखाया गया। डॉक्टर ने जांच कराई तो सामने आया कि उषा की पथरी का ऑपरेशन न करके उसकी बच्चेदानी निकाल दी गई है। इतना सुनते ही गोविंद के होश उड़ गए.

अब औलाद का सुख नहीं

पथरी की जगह बच्चेदानी निकालने की जानकारी होने पर गोविंद परेशान हो गया। वह तुरंत डॉ। प्रवीण तिवारी से मिलने गया और बच्चेदानी निकालने की शिकायत की तो डाक्टर नाराज होकर धमकाने लगे। गोविंद ने बताया कि वह और उनकी पत्नी निराश हो गए कि अब उन्हें कभी औलाद का सुख नहीं मिलेंगे। उन्होंने इसकी शिकायत चोलापुर थाने में की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस पर उन्होंने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई की गुहार लगाई। उधर, चोलापुर थानाध्यक्ष राजेश त्रिपाठी ने बताया कि अदालत के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.वाराणसी (ब्यूरो): चोलापुर थाना क्षेत्र में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। गोला स्थित एक नर्सिंगहोम में पथरी के ऑपरेशन के लिए महिला को भर्ती किया गया गया, लेकिन डॉक्टर और आ

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