भले ही अब पेट्रोल के दाम में पांच रुपये तक की कमी है फिर भी ये वो फैक्टर है जो आज लाखों यंगस्टर्स की पॉकेटमनी का बड़ा हिस्सा खा जाता है। महंगी और जबरदस्त पावर बाइक्स को फ्यूल के मामले में मेंटेन करना बड़ी चुनौती है। ऐसे में सवाल ये है कि कैसे पॉकेटमनी मेंटेन की जाए? सॉल्यूशन है भाई। साइकिल। जी हां साइकिल। कैसे? यही तो है हमारी आज की खबर

साइकिल मेंटेन करेगा हेल्थ और वेल्थ

- छोटे डिस्टेंस के लिए साइकिल का यूज करा सकता है बड़ा फायदा

- पेट्रोल खर्च की होगी बचत साथ ही हेल्थ भी रहेगी परफेक्ट

- ज्यादातर यंगस्टर्स के लिए पेट्रोल खर्च है सबसे बड़ा चैलेंज

VARANASI:

केस-क्

एमबीए की तैयारी कर रहे अंकित को पॉकेटमनी के तौर पर पर मंथ क्भ्00 रुपये मिलते हैं। मगर इस पॉकेटमनी में हजार से क्ख् सौ रुपये सीधे-सीधे बाइक के पेट्रोल में चले जाते हैं। अंकित परेशान है कि बाकी कि फ्00 या भ्00 में वो मोबाइल का खर्च, शॉपिंग या आउटिंग का बजट कैसे मेंटेन करें।

केस-ख्

बीएससी फाइनल इयर की स्टूडेंट नमिता को वैसे तो घर से पॉकेटमनी के तौर पर कुछ अलग से नहीं मिलता मगर नमिता खुद दो ट्यूशन पढ़ाकर दो हजार रुपये कमा लेती हैं। लेकिन तकलीफ यही है कि क्लास, ट्यूशन और घर के जरूरत के लिए भाग दौड़ में उनकी स्कूटरेट हजार रुपये का पेट्रोल हर महीने पी जाती है।

केस-फ्

साड़ी कारोबार से जुड़े शाहिद अपने फादर की गद्दी पर जो टाइम देते हैं उसके बदले में उन्हें हर महीने पांच हजार रुपये मिलते हैं। मगर शौक में जो उन्होंने फ्भ्0 सीसी की जो बाइक ली है, वो हर महीने ख्ख्00 से ख्भ्00 का पेट्रोल पी जाती है। शाहिद को समझ नहीं आ रहा कि अपनी इनकम में सेविंग कैसे करें।

पैडल चलेगा, पैसा बचेगा

यदि आप भी अंकित, नमिता या शाहिद की तरह पेट्रोल खर्च से परेशान है तो एक आसान उपाय आपकी जेब को बड़ी राहत दे सकता है। बस आपको करना ये है कि अपनी सेविंग से एक साइकिल खरीदनी है (यदि नहीं है तो)। यदि पहले से साइकिल घर में है तो उसे मेंटेन करना है। इसके बाद छोटी दूरी या किसी खास दिन सिर्फ साइकिल चलाने के संकल्प के साथ आप बड़ी बचत कर सकते हैं। ऐसी बचत जिसमें वेल्थ ही नहीं हेल्थ भी है। यानि आपकी साइकिल चलेगी तो पैसे भी बचेंगे और सेहत भी अच्छी रहेगी।

शर्म नहीं शान कहिये

बहुत सारे यंगस्टर्स साइकिल को अपनी शान के खिलाफ समझते हैं। मगर उन्हें ये नहीं पता कि साइकिल स्पेशल बनने का सबसे आसान तरीका है। यदि आप अपनी साइकिल सवारी को ये कहते हुए प्रचारित और प्रसारित करें कि आप ऐसा एन्वॉयरमेंट के लिए कर रहे हैं तो आपकी शान बढ़गी। आप इसके अपनी हेल्थ के लिए फिटनेस फंडा के तौर पर भी प्रचारित कर अलग बन सकते हैं।

ऐसे करिये साइकिल का इस्तेमाल

(फार योर हेल्प)

- यदि आप रोज कोचिंग, जिम या पार्क में जाते हैं तो इस डिस्टेंस के लिए साइकिल का यूज करिये।

- कोचिंग में ये शान से बताइये कि अब कोचिंग के टाइम साइकिल ही चलेगी क्योंकि मुझे पर्यावरण संरक्षण के लिए कुछ करना है।

- यदि छोटी मोटी जरूरत के लिए आप मोहल्ले, कॉलोनी, या बाजार तक जाते हैं तो बाइक की बजाय साइकिल का यूज करें।

- सब्जी खरीदने आप जाते हैं साइकिल का कैरियर बाइक से ज्यादा यूजफुल साबित होता है।

- आप चाहें तो सप्ताह का एक दिन फिक्स कर लें कि उस दिन आप किसी भी हालत में बाइक नहीं निकालेंगे। उस दिन साइकिल डे रहेगा।

- यदि आप रोजाना मॉर्निग वॉक के लिए जाते हैं तो उस दौरान साइकिलिंग भी करिये, इससे अच्छा वॉर्मअप होगा।

साइकिल एक, फायदे अनेक

(फार योर इंफार्मेशन)

- साइकिल इको-फ्रेंडली बाइक है जिससे बिल्कुल प्रदूषण नहीं होता।

- साइकिलिंग से बॉडी के आधे से ज्यादा हिस्सों की अच्छी एक्सरसाइज होती है।

- साइकिल का मेंटिनेंस कास्ट बाइक की तुलना में 9भ् परसेंट तक सस्ता पड़ता है।

- बनारस जहां ट्रैफिक जाम सबसे बड़ी समस्या है, वहां साइकिल आसानी से निकल जाती है।

- साइकिल चलाने के दौरान एक्सिडेंट के चांसेस 80 परसेंट तक कम होते हैं।

- बाइक लोग उधार मांग कर ले जाते हैं मगर साइकिल उधार मांगने वाले कम होते हैं।

बड़े लोग भी चलाते हैं साइकिल

(डू यू नो)

सूबे के सीएम अखिलेश यादव आज भी मार्निग वाक में साइकिल की सवारी करते है। उनके फेसबुक एकाउंट पर मार्निग वाक में साइकिल की पिक आप देख भी सकते है। कई इंटरव्यू में खुलासा भी किया है सुबह-सुबह मार्निग वाक साइकिल के साथ होती है। इसके अलावा कई सेलिब्रिटीज भी साइकिल से अपने आप को फिट रखते हैं।

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मेरे पास बाइक व कार दोनों है लेकिन जो सुकून व राहत साइकिल चलाने में मिलती है, वह बाइक व कार चलाने में भी नहीं मिलती। सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें हेल्थ और वेल्थ दोनों का फायदा है।

- फिरोज अहदम, लोहता

साइकिल चलाना तो हमारे आदत में शुमार हो चुका है। एक दिन भी बिना साइकिल चलाए रहा नहीं जा सकता। इससे हमारा काम भी होता है और पैसा भी बचता है। लॉन्ग टर्म में वर्जिश भी हो जाती है।

- जलालुद्दीन अंसारी, प्रोफेशनल

पीजी का स्टूडेंट हो गया हूं लेकिन अभी तक साइकिल का साथ है। बचपन की साइकिल आज भी हमारे पास है। सब्जी मंडी या घर के आस-पास जाना हो तो मैं साइकिल से ही जाता हूं।

- खालिद वकार आबिद, स्टूडेंट

डेली रामनगर से साइकिल से भेलूपुर कोचिंग करने के लिए आता हूं। इससे मेरी हेल्थ भी ठीक है और पैसा भी बचता है। सफर को जो मजा साइकिल में आता है, वो बाइक में मुझे नहीं आता।

- विकास कुमार, रामनगर

दुकान के काम से सुबह से देर शाम तक साइकिल चलाना होता है। यदि आटो या फिर बाइक से जाएंगे तो दिन भर में पचास से सौ रुपये खर्च होकर रहेंगे। ऐसे में मेरे लिए साइकिल बेस्ट है।

अमित कुमार, रविंद्रपुरी

कॉम्पटेटिव एग्जाम की तैयारियां कर रहा हूं। क्लास फाइव से अभी तक डेली साइकिल चलाता आ रहा हूं। कोचिंग भी जाता हूं लेकिन साइकिल से। इससे इतनी बचत होती है कि अपनी फीस खुद भर देता हूं।

- विपिन पांडेय, लंका

Posted By: Inextlive