वाराणसी नगर निगम सीमा में करीब सवा दो लाख हैं घर यहां लोग कुछ आदतें सुधार लें तो काफी बचाया जा सकता है पानी


वाराणसी (ब्यूरो)जल है तो कल है, इस तरह की बात पिछले कई साल से सुनी और सुनाई जा रही है। बावजूद इसके जल संरक्षण को लेकर कोई भी अवेयर नहीं हो रहा है। यही वजह हैं कि देशभर में जल संकट बढ़ता जा रहा है। दिल्ली, मुंबई में जिस तरह से लोग पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे हैं, ऐसी ही हालत अब बनारस में भी उत्पन्न होने लगी है। आज भी कई जगहों पर लोगों को पीने का साफ पानी नसीब नहीं हो रहा है। ऐसे में पानी के संरक्षण के बारे में सोचना और ज्यादा जरूरी हो गया है। पीने के लिए हो, नहाने के लिए, कपड़े या फिर गाड़ी धोने के लिए पानी का इस्तेमाल करते हुए हम जरा भी इसकी बचत के बारे में नहीं सोचते। अगर हम अपनी आदतों में सुधार कर अपने अपने घरों में डेली एक बाल्टी पानी की बचत कर लें तो डेली लाखों लीटर पानी बचाया जा सकता है।

पानी की बर्बादी और प्रदूषित होने से रोकना

बनारस में पानी की समस्या बहुत ही गंभीर है और साल-दर-साल ये समस्या खत्म होने के बजाय बढ़ ही रही है। ऐसे में अगर अभी ध्यान नहीं दिया गया, तो आगे चलकर बहुत गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। जल संरक्षण का मतलब पानी की बर्बादी और उसे प्रदूषित होने से रोकना है। हालांकि जल संकट का एकमात्र यही कारण नहीं है। इसके लिए बढ़ती जनसंख्या, उद्योगों से निकलने वाले रसायन, जल संसाधनों का बेइंतहा दुरुपयोग, पर्यावरण की क्षति के साथ जल प्रबंधन की सही व्यवस्था न होना भी जिम्मेदार हैं।

एक माह में 11 करोड़ लीटर पानी की बचत

यहां जल संरक्षण को लेकर लंबे समय से चर्चा हो रही है। इसे लेकर नगर निगम और जल निगम की ओर से भी समय समय पर जागरुकता अभियान चलाकर लोगों को अवेयर किया जा रहा है। नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक बनारस में सिटी में करीब दो लाख 25 हजार घर है। इस लिहाज से अगर एक घर से 15 से 20 लीटर वाली एक बाल्टी पानी की बचत की जाए तो डेली करीब 34 लाख लीटर और एक माह में करीब 11 करोड़ लीटर पानी की बचत की जा सकती है।

आइए जानते हैं और भी किन तरीकों से जल संरक्षण में हम अपना योगदान कैसे दे सकते हैं

घर में इन तरीकों से बचाएं पानी

- ब्रश और शेविंग करते समय, फेस वॉश के दौरान, सिंक में बर्तन धोते वक्त कई बार हम नल खुला रखते हैं, जिससे काफी पानी बर्बाद होता है, तो जब जरूरत हो तभी नल खोलें।

- नहाते के लिए शॉवर की जगह बाल्टी और मग का इस्तेमाल करें। इससे पानी की काफी बचत होगी.

- हर बार टॉयलेट इस्तेमाल के बाद फ्लश टैंक यूज करने की जगह बॉल्टी से पानी डालना ज्यादा अच्छा ऑप्शन है.

- घर में कहीं पाइप लीक है, तो उसे तुरंत ठीक कराएं। इससे भी थोड़ा-थोड़ा करके काफी पानी बर्बाद होता है.

- गाड़ी धोते के लिए पाइप की जगह बाल्टी व मग का यूज करें.

- वाशिंग मशीन में रोजाना थोड़े-थोड़े कपड़े धोने की जगह एक ही साथ धोना पानी की काफी बचत करता है.

-आरओ से निकलने वाले पानी को स्टोर कर वाशिंग में इस्तेमाल कर सकते है।

-शॉवर के बजाय अगर बाल्टी से स्नान किया जाए तो भी कई लीटर पानी की बचत की जा सकती है।

-नहाने के बाद उस पानी को स्टोर कर बगीचे और पेड़-पौधों या खेती में इस्तेमाल कर जल संरक्षण हो सकता है।

घर के बाहर इन तरीकों से बचाएं पानी

- सिर्फ घरों के ही नहीं बल्कि पब्लिक पार्क, गली, मुहल्ले, अस्पतालों, स्कूल और भी ऐसी किसी जगह में नल की टोंटियां खराब हों या पाइप लीक हो रहा हो, तो उसके बारे में संबंधित विभाग में सूचना दें। इससे हजारों लीटर पानी की बर्बादी को रोका जा सकता है.

-बगीचों एवं घर के आस पास पौधों में पाइप से पानी देने के बजाय वाटर कैन द्वारा पानी देने से काफी पानी की बचत हो सकती है.

- गार्डन में दिन के बजाय रात में पानी देना सही होता है। इससे पानी का वाष्पीकरण नहीं हो पाता। कम पानी से ही सिंचाई हो जाती है और पेड़-पौधे सूखते भी नहीं.

- खेतों में सिंचाई के लिए कम लागत वाली मॉर्डन तकनीकों का इस्तेमाल करने से भी काफी मात्रा में पानी को बचाया जा सकता है।

-कार और बाइक की धुलाई के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग का इंतजाम करें। इससे साफ पानी वेस्ट नहीं होगा।

-साउथ के कई शहरों में एसी से निकलने वाले पानी को स्टोर कर गाडिय़ों की धुलाई की जा रही है, इससे लाखों लीटर पानी की बचत हो रही है।

बनारस में जल संकट पहले से काफी ज्यादा बढ़ गई है। सभी को पीने का पानी मिल सके, इसलिए इसके बचाव और संरक्षण को लेकर लोगों को लगातार जागरुक किया जा रहा है। गर्मी के दिनों में लोग पानी का दुरुपयोग ज्यादा करते हैं जो गलत है। जल कल और नगर निगम की भी जिम्मेदारी है कि जहां पाइप लाइन लिकेज है उसे तत्काल बंद कराना चाहिए।

संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ-नगर निगम

पानी बचाने के लिए रिसोर्स बढ़ाने के साथ उसका कंजम्शन कम करना होगा। हर घर और ऑफिसों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग से जहां इसका रिसोर्स बढ़ेगा, वहीं कंजम्शन में कम होने का मतलब पानी का मल्टीपल यूज करें। जैसे नहाने, कपड़े साफ करने और बर्तन धोने के बाद के पानी को सिंचाई और पौधों में डाल सकते है। बारिश का 10 बाल्टी पानी रोप ले तो भी इसका संरक्षण होगा।

डॉबीडी त्रिपाठी, चेयरमैन-गंगा शोध केन्द्र

Posted By: Inextlive