सावन के नजदीक आते ही झूमने लगे हैं सभी मार्केट मोदी-योगी बुलडोजर और अन्य रंग व स्टाइल के बिक रहे गेरुआ वस्त्र गमछा की बढ़ी डिमांड पहले सोमवार को 6 लाख से अधिक भोले भक्तों के आने का अनुमान तैयारियों को लेकर प्रशासन ने झोंकी ताकत

वाराणसी (ब्यूरो)स्मार्ट हो रहे बनारस में इस बार का सावन खास व मनभावन होगा। सावन में काशी विश्वनाथ धाम और मां गंगा का दर्शन पाकर भोले के भक्त निहाल होने वाले हैैं। इसके साथ ही काशी की पवित्र धरा पर लाखों-लाख की तादात में श्रद्धालु और सैलानियों के आगमन से बनारस के उद्योग-धंधे भी झूम उठेंगे। सभी बाजार भक्तों और सैलानियों के आगमन को लेकर तैयार हैं और उम्मीद है कि इस बार उन्हें निराश नहीं होना पड़ेगा। उधर, सावन की तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन ने भी पूरी ताकत झोंक दी है। इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि कावरियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े।

बढ़ गई डिमांड

जिले में छोटे कस्बे से लेकर गोदौलिया बाजार तक, लंका से लहरतारा तक, पांडेयपुर से शिवपुर, तरना से डाफी, सुंदरपुर, कमच्छा, भोजूबीर, मलदहिया, लहुराबीर, मैदागिन समेत सैकड़ों बाजारों में बुलडोजर छाप, योगी-मोदी छाप गेरुआ वस्त्रों की डिमांड बनी हुई है। कांवर उठाने की तैयारी में जुटे बाबा के भक्त वस्त्र, कांवर, जलपात्र आदि की खरीदारी में जुटे हुए हैैं। इस बार कपड़े व रेडिमेड वस्त्रों के विक्रेताओं ने नए ट्रेंड व डिमांड के हिसाब से गारमेंट्स मंगाए हैं।

स्मार्ट बनारस का फिल

बीते दो सालों से कोरोना की दस्तक से हर प्रकार की गतिविधियों को नुकसान पहुंचा है। इससे काशी का ताना-बाना भी अछूता नहीं रहा। हालांकि इन सबके बीच भी बनारस को स्मार्ट बनाने के लिए तीन दर्जन से अधिक प्लान पर बहुत तेजी से काम हुआ। इस वजह से शहर के कई इलाकों की सूरत और सीरत संवर गई है। अब यहां आने वालों को बनारस काफी बदला नजर आएगा.

तैयारी को लेकर झोंकी ताकत

14 जुलाई से शुरू हो रहे सावन को लेकर वाराणसी के पुलिस-प्रशासनिक और विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। मंदिर प्रशासन का अनुमान है कि इस बार सावन के प्रत्येक सोमवार को बाबा विश्वनाथ के धाम में पिछली बार से तीन गुना लगभग छह लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए आएंगे। अन्य दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या ढाई से तीन लाख रहने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में मंदिर और जिला प्रशासन तैयारियों को लेकर पूरी ताकत से जुट गए हैं.

ये भक्ति नहीं आसान

मां गंगा से पवित्र जल लेने, बाबा धाम में अपर्ण और फिर इलाकाई आराध्य की यात्रा पर निकलने वाले भक्तों की यात्रा आसान नहीं होती है। वे अपने क्षेत्र से सैकड़ों किमी पैदल चलकर आते हैैं। फिर पैदल ही लौटना होता है। इस यात्रा में इन्हें जीवन की उन कठिनाईयों की अनुभूति होती है, जो प्राय: आम जीवन में नहीं दिखता है। ऐसे में अपना-पराया के भाव को त्यागकर बैरागी मन से दुनिया को देखते हैैं।

सावन में झुमेगा बाजार

हाल के दो सालों से कोरोना का लाकडाउन, ज्ञानवापी मसला फिर इसके बाद अग्निवीर स्कीम आदि के चलते समय-समय पर व्यापार को फटका लगता रहा है। लेकिन, इस बार तस्वीर जुदा है। बनारसी साड़ी, जरी, जरदोजी, खिलौने, कपड़ा, मेवा, किराना, फल-फूल, पूजा सामाग्री, बर्तन, वाहन, टुरिज्म, ट्रांसपोर्टेशन, होटल, लाज, ठेले-खोमचे समेत सभी उद्योग-धंधों को सावन संजिवनी देने वाला है। सावन के चलते रोजाना लाखों लोग शहर में आएंगे। सावन में कस्टमर की आवाजाही से तमाम इंडस्ट्री कारोबार कर झूम उठेगी।

वर्षावास से सारनाथ भी फुल

बौद्ध स्थली सारनाथ में सावन के दिनों में वर्षावास प्रवास के लिए देश के साथ एशिया, यूरोप व अन्य महाद्वीपों से हजारों की तादात में बौद्ध भिक्षु आते हैैं। इनमें नेपाल, म्यांमार, अमेरिका, ब्रिटेन, श्रीलंका, कम्बोडिया लाओस आदि अन्य देशों के बौद्ध भिक्षु वर्षावास के लिए आने लगे हैैं। बौद्ध अनुयायी प्रो। महेश अहिरवार बताते हैं कि बौद्ध धर्म में वर्षावास का बड़ा ही महत्व है। बहरहाल, बनारस में बाबा के भक्तों के अलावे अन्य आस्थावानों के जुटान से शहर गुलजार हो उठेगा।

13 दिसंबर 2021 को विश्वनाथ धाम का लोकार्पण के बाद यह पहला सावन है। जब श्रद्धालु संकरी गलियों की बजाय विशालकाय दरवाजों से चौड़े रास्ते तय करते हुए बाबा दरबार तक पहुंचेंगे। जून महीने में रोज औसतन एक लाख श्रद्धालु मंदिर में दर्शन-पूजन किए। इसमें भी शनिवार, रविवार और सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या सवा लाख से डेढ़ लाख तक रही। जुलाई के शुरुआती दिनों में रोजाना दर्शन करने वालों की संख्या लगभग सवा लाख तक पहुंच गई है।

सुनील कुमार वर्मा, सीईओ, काशी विश्वनाथ मंदिर

Posted By: Inextlive