नाम बदलने पर गृह व रेल मंत्रालय ने दी एनओसी
-एनओसी के बाद मुगलसराय स्टेशन का नाम बदला
-1992 में कल्याण सिंह ने भी की थी घोषणा पर केंद्र से न हो सका अमल VARANASI मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम पं। दीनदयाल के नाम पर करने की मांग आरएसएस के कार्यकर्ता लंबे समय से कर रहे हैं। एमपी व केंद्रीय मंत्री डॉ। महेंद्रनाथ पांडेय ने इस नाम परिवर्तन के लिए अथक प्रयास किया। इसके बाद इसी साल जून में स्टेट गवर्नमेंट ने पहले रेलवे स्टेशन का नाम बदलने का प्रस्ताव स्वीकृत किया। वहीं नगर पालिका परिषद का भी नाम दीनदयाल जी के नाम पर करने का डिसीजन कैबिनेट में लिया गया। प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को गृह मंत्रालय व रेल मंत्रालय ने एनओसी दी। इस पर शुक्रवार को राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने प्रश्न भी खड़ा किया। बावजूद इसके सेंट्रल गवर्नमेंट ने नाम परिवर्तन पर मुहर लगा दिया। सन् क्99ख् में हुआ दीनदयाल नगरदीनदयाल उपाध्याय के निधन के बाद से ही संघ परिवार के लोग मुगलसराय को बोल-चाल व पत्राचार में दीनदयाल नगर कहने लगे। कई लोगों ने मुगलसराय का नाम दीनदयाल नगर करने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार से मांग भी की थी। वर्ष क्99ख् में तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने संघ परिवार के आग्रह पर मुगलसराय का नाम दीनदयाल नगर करने की घोषणा की थी। उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार होने से यह प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ सका। सन् ख्0क्ब् में जब केंद्र में बीजेपी गवर्नमेंट आई और डॉ। महेंद्रनाथ पांडेय चंदौली के सांसद हुए तो उन्होंने इसे अपने प्रमुख एजेंडे में शामिल किया। नाम परिवर्तन के लिए तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव से भी मिले थे। ख्0क्7 में जब उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने तब उन्होंने केंद्रीय राज्यमंत्री के प्रपोजल को आगे बढ़ाया।
रेलवे ने लगायी मुहररेलवे ने स्टेट गवर्नमेंट के प्रपोजल पर स्टेशन के नाम बदले जाने के प्रस्ताव को स्वीकृत कर उसे सेंट्रल गवर्नमेंट के पास भेजा। उसके बाद प्रदेश कैबिनेट की बैठक में नगर पालिका परिषद का नाम भी बदल दिया गया। अब गेंद केंद्र सरकार के पाले में थी। इसमें सबसे पहले गृह मंत्रालय ने एनओसी देते हुए अपनी स्वीकृति पीएमओ को भेजी। इसके बाद रेल मंत्रालय ने भी अपनी स्वीकृति देते हुए एनओसी दे दी। केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव का राज्यसभा में विपक्ष के कुछ सांसदों ने विरोध भी किया लेकिन अंतत: नाम बदल ही गया। अब जल्द ही जंक्शन व प्लेटफॉर्मों पर लगे बोर्ड के साथ नगर पालिका परिषद कार्यालय पर दीनदयाल उपाध्याय का नाम दिखाई पड़ेगा।
जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री डॉ। महेंद्रनाथ पांडेय ने बताया कि उनके जीवन की सबसे बड़ी कामयाबी है यह। लंबे अर्से से मन में यह भाव था कि पं। दीनदयाल उपाध्याय के स्मृति स्थल के लिए कुछ किया जाए। इसके लिए मुलायम सिंह व अखिलेश यादव से भी मिला था पर उस समय वैचारिक मतभेद के कारण यह नहीं हो पाया। पं। दीनदयाल उपाध्याय समाज के आर्थिक विकास के महान ¨चतक थे। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रेलमंत्री सुरेश प्रभु सहित पीएम नरेंद्र मोदी को साधुवाद दिया।