पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में नगर निगम शहर की स्वच्छ रैंकिंग सुधार के लिए साल-दर-साल मशक्कत कर रहा है. इस बार जी-20 देशों की मीटिंग से पहले शहर की दशा सुधारी गई जिससे रैंकिंग सुधार में माइलेज मिलने की उम्मीद है.

वाराणसी (ब्यूरो): पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में नगर निगम शहर की स्वच्छ रैंकिंग सुधार के लिए साल-दर-साल मशक्कत कर रहा है। इस बार जी-20 देशों की मीटिंग से पहले शहर की दशा सुधारी गई, जिससे रैंकिंग सुधार में माइलेज मिलने की उम्मीद बनी मगर तकनीकी कारणों से सिटीजन फीडबैक का एप धोखा दे गया, जिससे अपना शहर पिछड़ गया।

पिछले साल हुआ था सुधार

2022 की स्वच्छ रैंकिंग में बनारस देश में 21वें पायदन पर आया था। 2021 की तुलना में वाराणसी नगर निगम को नौ पायदान की जंप मिली थी। 2021 में देश में 30वां नंबर था। उससे पहले यह रैंकिंग 27वीं थी। 2022 वाराणसी नगर निगम का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन, सड़कों की सफाई, कूड़ा निस्तारण और मैनेजमेंट के चलते नौ शहरों को पीछे छोड़ते हुए बनारस ने उपलब्धि हासिल की थी।

नगर निगम का अमला जुटा

नगर की रैंकिंग के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण एक बार फिर शुरू हो है। इस क्रम में रैंकिंग के पैरामीटर पर का चल रहा है। स्वच्छ रैंकिंग के लिए टीम 27 जुलाई से स्थलीय निरीक्षण शुरू करेगी। इसे देखते हुए नगर निगम का अमला जुट गया है। निगम का मुख्य फोकस डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन व निस्तारण पर अधिक है, ताकि बेहतर रैंकिंग हासिल की जा सके।

स्वच्छ रैंकिंग के बारे में समझिए

केंद्रीय आवास व शहरी मामलों के मंत्रालय ने 2017 में स्वच्छता सर्वेक्षण शुरू किया था। इसके तहत हर वर्ष देशभर के चयनित शहरों में यह सर्वे किया जाता है। इस दौरान सफाई व्यवस्था को लेकर शहरवासियों का फीडबैक भी लिया जाता है। स्वच्छता सर्वेक्षण के अंकों में सिटीजन फीडबैक के अंक निर्धारित किए गए हैं। हर तीन माह पर सर्वेक्षण होता है। दो क्वार्टर का सर्वेक्षण हो चुका है। अब भौतिक स्थलों का भी सर्वेक्षण शुरू होने वाला है। इस दौरान कूड़ा घरों, कूड़ा प्लांट व गलियों व सड़कों की साफ-सफाई, प्रकाश की व्यवस्था सहित अन्य सुविधाओं का निरीक्षण किया जाएगा। यही नहीं सिटीजन फीडबैक भी लिया जाएगा। इस दौरान नगरवासी साफ-सफाई को लेकर अपने सुझाव दे सकेंगे। सुझाव देने के लिए लोगों विभिन्न माध्यम उपलब्ध करवाए गए हैं। इस पर सर्वेक्षण में सिटीजन फीडबैक बकायदा अंक भी निर्धारित किए गए हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

नगर आयुक्त शिपू गिरि ने बताया कि सभी नागरिकों से गीला व सूखा अलग-अलग रखने व प्रतिबंधित प्लास्टिक के स्थान पर कपड़े व जूट के बने थैले का प्रयोग करने की अपील की जा रही है।

Posted By: Inextlive