वर्ष 2018 में बिजली कस्टमर्स की सुविधा के लिए लगी थीं एटीएम शहर के तीन स्थानों पर लगी थीं मशीनें दो साल से ठप किराया न मिलने पर कार्यालय का चक्कर काट रहे लैैंडलार्ड

वाराणसी (ब्यूरो)बिजली निगम ने उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए वर्ष 2018 में शहर में तीन स्थानों पर एटीएम लगाई गई थी। उपभोक्ता काउंटर पर लाइन लगने के बजाय आसानी से वहां पर जाकर कैश या चेक के माध्यम से बिजली बिल का भुगतान करते थे। लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण दो साल काम करने के बाद ठप पड़ गया है। इससे लोगों को काफी परेशानी हुई। यही नहीं अब लैैंडलार्ड किराया नहीं मिलने पर विभागों के लगातार चक्कर लगा रहे हैैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.

लैैंडलार्ड अपसेट

जबसे ये मशीनें बंद हो गई हैं तबसे बिजली निगम इन मशीनों का कोई उपयोग नहीं कर रहा है। यहां तक कि लैैंडलार्ड को विभाग द्वारा किए गए एग्रीमेंट के अनुसार किराया भी नहीं दे रहा है। नाराज लैडलार्ड ने जब मशीनें हटाकर अपनी जमीन को खाली करने के लिए कहा तो बिजली निगम उन मशीनों को हटाने का भी नाम नहीं ले रही है। परेशान लोगों ने कई बार सिगरा से लेकर भिखारीपुर आफिस तक मशीनों को हटाकर जमीन खाली करने के लिए एप्लीकेशन दिया, लेकिन अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बचते नजर आ रहे हैं.

अधिकारी भी परेशान

अधीक्षण अभियंता मंडल द्वितीय दीपक अग्रवाल के आवास पर भी एटीएम लगाई गई थी। उन्होंने बताया कि ये मशीनें कस्टमर की सुविधा के लिए बिजली आईटी विभाग की तरफ से चार साल पहले आवास पर भी लगाई गई थी लेकिन दो साल से काम करना बंद कर दिया है। इसे हटाने के लिए कई बार प्रयास किया, लेकिन अब तक मशीनों को हटाया नहीं गया है। यहां तक कि दो साल से आईटी विभाग की तरफ से किराया भी नहीं दिया जा रहा है.

डिजिटल क्रांति से राहत

हालांकि माना जा रहा है कि डिजिटल क्रांति आने के बाद लोगों ने एटीएम मशीनों का रूख करना बंद कर दिया और अब आनलाइन ही बिल का भुगतान करते हैं। कुछ कस्टमर बिजली घर का रूख करके बिजली बिल का भुगतान करते हैं। इस वजह से इन एटीएम मशीनों की उपयोगिता खत्म हो गई, लेकिन पूरी तरह से ठप होना सवाल खड़ा कर रहा है.

इन इलाकों में लगी हैं मशीनें

1- पीडीआर माल, लक्सा

2- आईपी माल, सिगरा

3- अधीक्षण अभियंता, मंडल द्वितीय आवास

ये मशीनें ग्राहकों की सुविधा के लिए विभाग ने लगवाई थी। डिजिटल एरर आने के कारण सारी मशीनें काम करना बंद कर चुकी हैं। लोगों की तरफ से हटाने के लिए लगातार आवेदन मिल रहे हैं। जैसे ही महाप्रबंधक की तरफ से हटाने की अनुशंसा मिलती है वैसे ही इनको हटाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.

दीपक अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, वाराणसी

Posted By: Inextlive