जेल भेजे गए दोनों बदमाश कस्टडी रिमांड पर लेगी पुलिस कैंट थाना क्षेत्र में दोनों ने मिलकर अधिवक्ता के घर की थी चोरी फुलवरिया में विश्वजीत की बुआ के घर से कपड़े मोबाइल बरामद

वाराणसी (ब्यूरो)दिनदहाड़े बड़ालालपुर स्थित वीडीए कालोनी में रविवार को एक घर में घुसकर एक बैंककर्मी की ढाई वर्ष की बेटी और उनकी पत्नी को बंधक बनाकर दस लाख रुपये की रंगदारी मांगने वाले बदमाशों चोलापुर के विक्की उर्फ विश्वजीत गोंड और बिहार के कैमूर जिले के करारी गांव के मनीष उर्फ ङ्क्षप्रस पासवान को पुलिस ने सोमवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। पुलिस दोनों को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की तैयारी कर रही है। दोनों बदमाशों ने बच्ची और उसकी मां को जब बंधक बना रखा था तो अपने मोबाइल फोन से लगातार किसी से बात भी कर रहे थे। इस दौरान वे किसी को बास-बास कहकर संबोधित कर रहे थे। मुकदमे में बच्ची के दादा और एनटीपीसी के सेवानिवृत्त जीएम भाई लाल ने भी इस बात का उल्लेख किया है.

पुलिस कह रही, किडनैपर्स के पास से मोबाइल बरामद नहीं

पुलिस का कहना है कि दोनों बदमाशों के पास से कोई मोबाइल फोन बरामद नहीं हुआ है। चूंकि मुकदमे में इस बात का उल्लेख है तो पुलिस इसे भी जांच का हिस्सा बनाएगी। दोनों ने अभी तक हुई पूछताछ में पिछले दिनों कैंट क्षेत्र में एक वकील के घर चोरी करने की बात स्वीकार की है। विश्वजीत की फुलवरिया निवासी बुआ के घर से चोरी हुए कपड़े और एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है। पुलिस विश्वजीत के चोलापुर के भटपुरवां स्थित घर भी गई लेकिन वहां कुछ खास नहीं मिला.

मोबाइल की मदद से वकील का पता लगाएगी पुलिस

बदमाशों ने कैंट क्षेत्र में किस वकील के घर में चोरी की थी, पूछने के बाद भी नहीं बताया। ऐसे में पुलिस बरामद मोबाइल फोन के जरिए वकील का पता लगाएगी। दोनों के गुनाहों की कुंडली तैयार करने के बाद पुलिस गैंगस्टर में कार्रवाई करेगी। शिवपुर थानाध्यक्ष बैजनाथ ङ्क्षसह ने बताया कि अभी तक विश्वजीत के चोलापुर थाने से एक बार चोरी में जेल जाने की बात सामने आई है.

इन धाराओं में दर्ज है मुकदमा

-346 अपहरण

-347 बंधक बनाना

-386 रंगदारी मांगना

-452 घर में जबरदस्ती घुसना

-506 जान से मारने की धमकी देना

-7 आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम 1932

पकड़े गए दोनों बदमाश विश्वजीत और मनीष एक-दूसरे के संपर्क में कब और कैसे आए, यह पता लगाना आवश्यक है। उनसे पूछताछ करने का समय नहीं बचा था, इसलिए चालान कर जेल भेज दिया गया है। मामले की छानबीन को आगे बढ़ाने के लिए कोर्ट से दोनों को पुलिस रिमांड पर लेने की मांग की जाएगी.

अमित कुमार, डीसीपी

Posted By: Inextlive