ज्येष्ठ मास की तपिश से प्रभु जगन्नाथ को राहत दिलाने का अनुष्ठान भैया बलभद्र व बहन सुभद्रा संग पखवारे भर के विश्राम पर गए भगवान

वाराणसी (ब्यूरो)असि स्थित जगन्नाथ मंदिर में ज्येष्ठ पूर्णिमा पर मंगलवार को भक्त व भगवान के बीच भावों से पगी रिश्ते की अनूठी डोर और मजबूत हुई। ज्येष्ठ मास की तपिश से अकुलाया जीवन, लेकिन प्रभु की ङ्क्षचता लोगों को मंदिर खींच लाई। भगवान जगन्नाथ को रच-रचकर स्नान कराया। सुबह से रात तक इसे अनुष्ठान का रूप दिया। स्नान की अति से प्रभु बीमार पड़ गए। इसके बाद स्वास्थ्य लाभ के लिए पखवारे भर के विश्राम पर चले गए। रथयात्रा मेले के लोकाचारी विधान के तहत अब भैया बलभद्र व बहन सुभद्रा के साथ भगवान जगन्नाथ 15 दिन 'क्वारंटाइनÓ रहेंगे.

काढ़ा का लगेगा भोग

क्वारंटाइन की अवधि में काढ़ा का भोग लगेगा। मंदिर के पट आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा 30 जून को खुलेंगे और भक्त दर्शन पाएंगे। इसी दिन सायंकाल प्रभु डोली में सवार हो मनफेर के लिए निकलेंगे और अगली सुबह से रथयात्रा का तीन दिवसीय मेला शुरू होगा। कोरोना के कारण दो साल बाद पर्व के विधान को लेकर भक्तों में गजब का उत्साह रहा। भोर में मंदिर के पट खुलने के बाद पूजा-आरती की गई।

कलश लेकर मंदिर पहुंचे श्रद्धालु

श्रद्धालु गंगाजल पूरित कलश लेकर मंदिर पहुंचे। दो चरणों में सुबह पांच बजे से दोपहर 12 बजे तक और दोपहर बाद तीन बजे से रात नौ बजे तक और प्रभु को स्नान कराया। इस दौरान परिसर डमरुओं की थाप, भजन-कीर्तन व जयकार से गूंजता रहा। मंदिर परिसर फूल-पत्तियों से सजाया गया था। प्रमुख ट्रस्टी आलोक शापुरी, शैलेश पुरी, संजय शापुरी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, अखिलेश खेमका, करुणेश खेमका, अरङ्क्षवद सारस्वत, जगन्नाथ ओझा समेत भक्तों ने जलाभिषेक किया.

Posted By: Inextlive