रेलवे कॉलोनी के बंद क्वाटर में मिला रेल कर्मचारी का कुनबा पति-पत्नी और पुत्र की मौत अनसुलझी रही पहेली मुंह से निकल रहा था झाग बंद कमरे में जल रही थी अंगीठी पुलिस की जांच सुसाइड और हादसे के बीच में उलझी देर शाम तक नहीं हो सका मौत के कारणों का खुलासा

वाराणसी (ब्यूरो)आदमपुर थाना क्षेत्र के काशी रेलवे स्टेशन के पास रविवार सुबह रेलवे कालोनी के क्वार्टर नंबर-29 बी का दरवाजा बंद था। भयानक ठंड व कोहरे के चलते पूरी कालोनी में सन्नाटा पसरा था। इसी बीच सुबह करीब नौ बजे सहयोगी रेलवे कर्मचारी पहुुंचा और काफी देर तक दरवाजा नॉक करता रहा, लेकिन अंदर से कोई आवाज नहीं आयी तो वह घबराने लगा। तुरंत सीनियर अधिकारी को फोन किया। थोड़ी देर में आरपीएफ जवान पहुंचे और दरवाजा तोड़ा तो अंदर की तस्वीर देखकर होश उड़ गए। बिस्तर पर रेलवे कर्मचारी राजीव रंजन पटेल, उसकी गर्भवती पत्नी अनुपमा व ढाई साल के बेटे हर्ष की लाश पड़ी थी। मुंह से झाग निकल रहा था। कमरे में जल रही स्थिति में अंगीठी मिली। मोबाइल फ्लाइट मूड पर था। नये साल के पहले दिन दिल दहला देने वाली खबर जैसी ही कालोनी के लोगों को मिली, वे सन्न रह गए।

एडिशनल पुलिस कमिश्नर संतोष ङ्क्षसह का कहना है कि कुछ परिस्थितियां ऐसी हैं जो सामूहिक आत्महत्या की आशंका उत्पन्न करती हैं। तीनों के मुंह से झाग निकल रहा था। उनके मोबाइल फोन फ्लाइट मोड पर थे। वहीं, राजीव की पत्नी अनुपमा का हाथ उसके बेटे हर्ष के मुंह पर था। ऐसा लग रहा है, जैसे उसने मुंह दबाने की कोशिश की है। हालांकि, फोरेंसिक टीम को कमरे में कोई जहरीला पदार्थ या उसका पैकेट आदि नहीं मिला है.

हंसता-खेलता था परिवार

मूलरूप से बिहार के नालंदा जिले के बादलपुर गांव के रहने वाले राजीव रंजन पटेल रेलवे के सिग्नल विभाग में इएसएम (इलेक्ट्रिकल सिग्नल मेंटेनर) पद पर तैनात थे। दस माह पहले ककरहा (सुल्तानपुर) से स्थानांतरित होकर काशी स्टेशन आए थे। पत्नी अनुपमा व ढाई साल के बेटे हर्ष के साथ काशी रेलवे स्टेशन के रेलवे कालोनी के क्वार्टर नंबर 29बी में रहते थे। बीते शनिवार को ड्यूटी करने बाद घर लौटे तो परिवार के साथ नए साल के स्वागत को लेकर उत्साहित थे। बेटा आसपास के बच्चों के साथ पटाखों का आनंद ले रहा था। खुद व पत्नी देर शाम तक आसपास के लोगों के साथ बातचीत करते रहे। रात में खाना खाकर सोने चले गए। रविवार की सुबह आठ बजे रेलवे का हेल्पर संतोष कुमार आईपी रूम की चाभी लेने उनके घर पहुंचा। देर तक दरवाजा खटखटाता रहा, लेकिन नहीं खुला। इसकी सूचना स्टेशन मास्टर को दी। उनके निर्देश पर पहुंचे आरपीएफ जवान क्वार्टर का दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुए तो अंदर कमरे में तीनों मृत पड़े मिले।

आत्महत्या की आशंका

सूचना मिलते ही आदमपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। साथ ही फोरेंसिक टीम ने क्वार्टर की बारीकी से जांच की। प्रारंभिक जांच में मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। आशंका है कि अंगीठी से निकले जहरीले धुएं की वजह से तीनों की मौत हुई है। मुंह से झाग निकलने व पति-पत्नी के मोबाइल फ्लाइट मोड पर होने से पुलिस आत्महत्या से भी इनकार नहीं कर रही है। मौत की वजह जानने के लिए पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अब रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

जहरीली गैस से थमी सांसें

राजीव ने ठंड से बचने के लिए रात में अंगीठी जलाई थी। इसके लिए दिन में ही बाजार से लकड़ी लेकर आया था। खाना खाने के बाद उसने अंगीठी जलाई और सोने वाले कमरे में रख दिया था। कमरा पूरी तरह से बंद था। आशंका है कि अंगीठी से निकली जहरीली गैस कार्बन मोनो आक्साइड की वजह से धीरे-धीरे वे अचेतावस्था में गए होंगे और उनकी मौत हो गई होगी। राजीव के दोस्त राहुल का कहना है कि उसने अंगीठी जलाने से मना किया था।

करते रहते थे हंसी मजाक

राजीव रंजन के स्वजन आत्महत्या से पूरी तरह से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि परिवार आर्थिक रूप से बेहद समृद्धशाली है। पति-पत्नी के बीच भी रिश्ता मधुर था। बीएलडब्ल्यू में फीटरमैन पद पर काम करने वाले राजीव के चचेरे भाई विजय पटेल व दोस्त राहुल पटेल का कहना था वह रात साढ़े आठ बजे तक लोगों से फोन पर बात करता रहा। उसकी पत्नी अहमदाबाद में रहने वाली बहन से रात दस बजे तक वीडियो काल पर बात कर रही थी।

कार्बन मोनो आक्साइड बेहद खतरनाक गैस है। यह इंसान को धीरे-धीरे मौत की तरफ ले जाती है। अंगीठी आदि के धुएं से यह गैस निकलती है। किसी बंद कमरे में अंगीठी जलाई जाए तो कमरे में मौजूद आक्सीजन से जलती है। धीरे-धीरे कार्बन मोनो आक्साइड कमरे में भरने लगता है। इसके प्रभाव से कमरे में मौजूद लोग धीरे-धीरे अचेतावस्था में चले जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है।

डामनीष यादव, सीनियर फीजिशियन,

डीडीयू जिला अस्पताल

घटना की कुछ परिस्थितियां ऐसी हैं, जो सामूहिक आत्महत्या की आशंका उत्पन्न करती हैं। तीनों के मुंह से झाग निकल रहा था। उनके मोबाइल फोन फ्लाइट मोड पर थे। वहीं, राजीव की पत्नी अनुपमा का हाथ उसके बेटे हर्ष के मुंह पर था। ऐसा लग रहा जैसे उसने मुंह दबाने की कोशिश की है। हालांकि, फोरेंसिक टीम को कमरे में कोई जहरीला पदार्थ या उसका पैकेट आदि नहीं मिला है.

संतोष ङ्क्षसह, एडिशनल सीपी

Posted By: Inextlive