काशी में ऑर्डर करने पर 6 से 8 महीनों का करना पड़ रहा इंतजार यूरोप जापान चीन समेत डेवलप कंट्री से सेमीकंडक्टर की धीमी सप्लाई से कार इंडस्ट्री प्रभावित चिप व सीएनजी किट की कमी से 20 फीसदी का नुकसान पहले से बुक ऑर्डर की डिलीवरी अप्रैल की लगन में मुश्किल कस्टमर्स पेट्रोल को अवॉएड कर सीएनजी पर दे रहे जोर

वाराणसी (ब्यूरो)बनारस में फोरव्हीलर्स की स्मूथ राइडिंग की चाह रखने वाली पब्लिक का इंतजार अभी खत्म नहीं हुआ है। करीब एक अरब की हो चुकी बनारस की कार इंडस्ट्री पर अब भी सेमीकंडक्टर व सीएनजी किट की कमी की मार पड़ रही है। तत्काल च्वाइस मिलने से रही। उस पर भी बुकिंग कराने पर डीलर पार्टनर्स या शोरूम्स 6 से 8 महीने का लंबा वक्त मांग रहे हैैं। कुछ ही दिनों बाद 17 अप्रैल से बंपर लगन शुरू हो रही है। ऐसे में पहले से बुकिंग की डेट पर फोर व्हीलर्स की डिलीवरी देना ही शोरूम्स संचालकों को लिए चुनौती बन गई है। इधर, दिन-ब-दिन महंगे होते पेट्रोल से लोग सीएनजी वाली कार लेने का मूड बनाकर शोरूम्स में पहुंच रहे हैैं। लंबे इंतजार के चलते इनको अपनी च्वाइस से सैक्रिफाइस करना पड़ रहा है.

लगन में लगेगी लंबी लाइन

अप्रैल महीने में 17 से बंपर लगन शुरू होने वाली है। इसको लेकर बनारस में पूर्वांचल के आठ जिलों समेत बिहार के पड़ोसी जिलों से रोजाना दो सौ से अधिक की तादात में कस्टमर्स च्वाइस की कार खरीदने की इच्छा लेकर पहुंच रहे हैैं। जब उन्हें शोरूम संचालक उनकी मनपसंद की डिलीवरी का डेट 6 से 8 महीने का बता रहे तो यह सुन कस्टमर्स हैरानी में पड़ जा रहे हैैं। बहरहाल, सेमीकंडक्टर और सीएनजी किट की कमी से वाकिफ होने के बाद इंतजार का घूट ठंडे पानी के साथ पीना पड़ रहा है।

एक अरब की बनारस कार इंडस्ट्री

तीन मिलियन की आबादी वाले बनारस का कार मार्केट करीब एक अरब रुपए का हो चला है। यहां हर कंपनी और मॉडल के लक्जरी फोरव्हीलर्स की बिक्री होती है। साथ ही बनारस पूर्वांचल का बिजनेस हब है। आसपास के 15 से अधिक जनपदों के कस्टमर्स फोर व्हीलर्स खरीदने बनारस का रूख करते हैैं। बनारस कार बाजार एक महीने में करीब 400 से अधिक वाहनों की डिलीवरी देता है.

सेल में 20 फीसदी की कमी

इंडिया में इस चिप का प्रोडक्शन नहीं होता है। चिप की कमी की वजह से भारत का पूरा कार बाजार दो साल पहले से जूझ रहा है। डिमांड और सप्लाई चैन से जुड़ा बनारस इससे अछूता नहीं है। चिप की कमी के चलते प्रमुख कार निर्माता कंपनियां मारुति, हुंदई और महिंद्रा अपने ग्राहकों को समय पर डिलीवरी नहीं दे पा रही हैं। इससे बनारस कार बाजार को करीब 20 फीसदी से अधिक का नुकसान हुआ है.

मारुति की डिलीवरी अधिक पेंडिंग

देश की सबसे अधिक व्हीकल बेचने वाली मारुति कंपनी के पास 2.15 लाख से अधिक की डिलीवरी पेंडिंग हैं। वहीं, हुंदई के साथ कई अन्य प्रमुख कंपनियों की 5 लाख से अधिक कारों की बुकिंग रुकी हुई है। देश में ग्लोबल चिप की सप्लाई रुकने से साल 2022 में ये समस्या जस की तस बन रही सकती है। चिप संकट से अमेरिका जैसा देश भी प्रभावित हुआ है.

यूं हुई चिप की शॉर्टेज

चिप शॉर्टेज की शुरुआत लॉकडाउन की वजह से आना शुरू हुई है। साल 2020 में अब और मौजूदा हालात को देखते हुए पूरे वर्ष इसकी कमी बने रहने के आसार हंै। जापान-ताइवान में लॉकडाउन की वजह से फैक्ट्रियां बंद हो गई। फैक्ट्री शुरू भी हुईं तो कर्मचारी काम पर वापस नहीं लौटे.

ये हैैं आंकड़े

40- फोर ह्वïीलर्स शोरूम बनारस में हैैं

01- अरब रुपए का हुआ कार बाजार

1000- की बुकिंग एक महीने में

160- कार की बिक्री एक महीने में

1400- कार बिक्री एक साल में

कोविड काल से ही फोर व्हीलर्स इंडस्ट्री को डिमांड के सापेक्ष डिलीवरी नहीं हो रही है। इन बुकिंग की डिलीवरी में 6 से 8 महीनों तक का इंतजार करना पड़ रहा है। राहत की बात ये है कि कस्टमर्स अवेयर हैैं। जल्द ही शार्टेज दूर हो जाएगी.

-राजीव गुप्ता, डायरेक्टर, एजीआर ऑटोमोबाइल प्रा। लि.

जिन कस्टमर्स की पहले से बुकिंग है, उन्हें तय समय पर डिलीवरी दी जा रही है। चिप व सीएनजी किट की कमी ने फोर व्हीलर्स इंडस्ट्री की चैलेंजेज को बढ़ा दिया है। उम्मीद है जल्द ही स्थिति पहले जैसी हो जाएगी.

-अनुराधा उपाध्याय, जीएम, वाराणसी मोटर्स

Posted By: Inextlive