जिंदगी के साथ भी जिंदगी के बाद भी
यूं ही नहीं है पूर्वांचल का AIMSपूर्वांचल के एम्स एसएस हॉस्पिटल बीएचयू में वाराणसी ही नहीं आस पास के डिस्ट्रिक्ट, स्टेट यहां तक की नेपाल व भूटान, बंग्लादेश जैसे कंट्रीज के लोग भी बेहतर मेडिकल फैसिलिटी की चाह में आते हैं। उनकी ख्वाहिश यहां पूरी भी होती है। दर्द से बिलखते पेशेंट्स यहां आते हैं और इलाज के चेहरे पर ढाई इंच की मुस्कान सजाए यहां से जाते हैं। लोगों को यह खुशी देने के लिए बीएचयू एडमिनिस्ट्रेशन लगातार प्रयास भी करता है। इसी दिशा में बीएचयू के हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने अपने यहां कुछ नई सुविधाएं शुरू की हैं। जिनमें एमडीआर टीबी के पेशेंट्स के लिए स्पेशल वार्ड, मोबाइल आइसीयू वैन व मर्चरी वैन शामिल हैं। वीसी डॉ लालजी जी सिंह ने शनिवार को इन नई सुविधाओं का उद्घाटन किया। एमडीआर टीबी पेशेंट्स का फ्री इलाज
बीएचयू के एसएस हॉस्पिटल में एमडीआर टीबी पेशेंट्स के लिए एक नये वार्ड की शुरुआत की गयी है। लगभग 30 लाख रुपये की लागत से तैयार इस एमडीआर वार्ड में 16 बेड हैं जिन्हें बढ़ाकर 35 कर दिया जायेगा। पूर्वांचल में अपने तरह का अकेले इस वार्ड में उन टीबी पेशेंट्स का इलाज किया जायेगा जिन पर जनरल मेडिसिन बेकार साबित होती हैं। इनका इलाज भी बहुत मंहगा साबित होता है। अल्ट्रा मॉर्डन इक्विपमेंट से युक्त इस वार्ड में एमडीआर टीबी पेशेंट्स को एक या दो सप्ताह तक रखा जायेगा। साथ ही साथ उनकी काउंसलिंग भी की जायेगी। एमडीआर टीबी पेशेंट्स का इलाज 24 से 27 महीने तक चलता है। जिसमें लगभग हर 10 हजार रुपये का खर्च आता है। वार्ड की खासियत यह होगी कि यहां पूर्वांचल के दस डिस्ट्रिक्ट के एमडीआर टीबी पेशेंट्स का इलाज फ्री में किया जायेगा। ताकि सड़क पर न छूटे जिंदगी का साथ
खुदा न करे किसी के साथ ऐसा हो लेकिन जिंदगी कभी कभी गंभीर बीमारी या दुर्घटना के रूप में हमारे साथ खेल खेलती है। कहीं सड़क पर कोई हादसा हो गया और घायल को सही समय पर मेडिकल फैसिलिटी मिल गयी तो वह संजीवनी का काम करती है। लेकिन अगर घायल को हॉस्पिटल तक पहुंचने में जरा भी देर हुई तो बात डॉक्टर्स के हाथ से निकल जाती है। ऐसी परिस्थिति से किसी का सामना न हो इसके लिए बीएचयू के एसएस हॉस्पिटल में मोबाइल इंसेंटिव केयर यूनिट वैन की व्यवस्था शुरू की गयी है। जो किसी भी मार्ग पर होने वाली दुर्घटना में घायलों को तुरंत सहायता उपलब्ध करायेगा। अल्ट्रा माडर्न सुविधाओं से युक्त इस वैन को सेंट्रल गवर्नमेंट के रोड ट्रांसपोर्ट एवं हाइवे मिनिस्ट्री ने बीएचयू को उपलब्ध कराया है। गंभीर पेट रोगियों के लिए वॉर्ड एसएस हॉस्पिटल में बेहतर मेडिकल उपलब्ध कराने के क्रम में इंटरनेशनल इंडोथेरेपी वार्ड का भी उद्घाटन हुआ। 10 बेड वाले इस वॉर्ड में उन पेशेंट्स का इलाज किया जायेगा जिन्हें एंडोस्कोपिक सर्जरी की जरूरत होती है। इस तरह के पेशेंट एक से अधिक बीमारियों से पीडि़त होते हैं। सर्जरी के बाद उन्हें स्पेशल केयर की जरूरत होती है। जो उन्हें इस वॉर्ड में उपलब्ध होगी। साथ देगा जिदंगी के बाद भी
वैसे तो एसएस हॉस्पिटल की कोशिश हर पेशेंट को जिदंगी की सौगात देने का होता है लेकिन कभी कभी भगवान को कुछ और ही मंजूर होता है। डॉक्टर्स लाख प्रयास के बावजूद भी अपने पेशेंट्स को सांसे नहीं दे पाते। परिजनों के लिए स्थिति बहुत कठिन होती है। अब बॉडी को क्रिमेशन के लिए ले जाने के लिए वाहन खोजना और फिर वहां सौ दो सौ के लिए ड्राइवर से किचकिच। इस विपरित परिस्थिति से निजात के लिए एसएस हॉस्पिटल की ओर से एक शव वाहन की भी शुरुआत की गयी है। इस शववाहन से हॉस्पिटल से हरिश्चंद्र घाट तक शव को ले जाने का शुल्क 600 रुपये और मणिकर्णिका घाट तक ले जाने का शुल्क 900 रुपये निर्धारित है। वाहन में 20 परिजनों के बैठने की भी व्यवस्था है। शव वाहन के लिए फोन नंबर 0542-230-9595 पर संपर्क किया जा सकता है। SS hospital at a glance Number of OPDs/clinics 44Number of Wards/Indoor units 51Number of Beds 1200Modern Medicine 1029Number of Operation Theatres 22Patients flow par day 3000 aprox