Varanasi:महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में छात्रसंघ के लिए 12 सितंबर को होने वाला इलेक्शन पीक पकड़ चुका है. हर तरफ कनवेसिंग का शोर सुनायी दे रहा है. फाइनल लिस्ट आते ही इलेक्शन लडऩे वाले कैंडिडेट्स एड़ी-चोटी एक कर दिए हैं. दिन में कनवेसिंग तो सुबह और शाम रणनीति बनाने में बीत रहा है. इसके लिए खास जगह बने हैं कैंपस के हॉस्टल्स. यहीं से पूरे इलेक्शन का संचालन हो रहा है. संचालक हॉस्टल्स में ही मीटिंग कर अपने अपने कैंडिडेट्स की जीत के लिए स्ट्रेटजी तैयार कर रहे हैं. कहां प्रचार करना है किसको जोडऩा और किसको तोडऩा है सबकुछ हॉस्टल्स में ही तय हो रहा है. यह केवल एक हॉस्टल का हाल नहीं है. बल्कि काशी विद्यापीठ में स्थित सभी हॉस्टल्स में यही सिनैरियो देखने को मिला रहा है.


Hostels की बढ़ी रौनक कैंपस स्थित हॉस्टल्स में आमतौर पर भीड़ भाड़ कम ही रहती है। वहां रहने वाले स्टूडेंट्स ही दिखायी देते हैं। लेकिन इस समय सिचुएशन अलग है। छात्रसंघ इलेक्शन का बिगुल बजने के बाद से यहां भी रौनक दिखायी देने लगी है। क्लासेज के स्पीड पकडऩे से पहले ही हॉस्टल्स में स्टूडेंट्स की चहल-पहल बढ़ गयी है। अपने-अपने कैंडिडेट्स को जिताने के लिए रणनीति बनाने का काम यहां जमकर हो रहा है। सुबह और शाम हॉस्टल्स में बड़े-बड़े दिग्गज जुट रहे हैं। इलेक्शन में कैसे जीत मिले, इस पर मंथन हो रहा है। प्लैन के मुताबिक ही कैंडिडेट्स और उनसे साथ लगे पुरनिये स्टूडेंट लीडर्स काम को अंजाम दे रहे हैं। यहीं से कर रहे operate
इलेक्शन में कई स्टूडेंट लीडर्स भाग्य आजमा रहे हैं। लेकिन ज्यादातर के चुनाव की कमान छात्रसंघ का पदाधिकारी रह चुके या इलेक्शन लड़ चुके पुरनियों के हाथ में ही है। ये आका सबके सामने आने की बजाए हॉस्टल्स या अन्य जगह बैठकर इलेक्शन लड़ रहे स्टूडेंट्स लीडर्स को ऑपरेट कर रहे हैं। उनको कहां कनवेसिंग करना है, किस फैकल्टी में जाना है और किससे मिलना है। यह सब वही तय कर रहे हैं। मैदान में उतरे कैंडिडेट्स इनसे मिली गाइड लाइन को प्रॉपर फॉलो कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive